बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर मुज़फ़्फ़र हुसैन बेग़ इस्तीफ़ा दिया है. जम्मू कश्मीर में 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में डीडीसी चुनाव कराए जाएंगे.
श्रीनगर: पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर इस्तीफा दिया है.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती को पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया है. वह 1998 में पीडीपी की स्थापना के वक्त से पार्टी से जुड़े हुए हैं.
बेग तत्काल टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा सीट बंटवारे, खासकर उत्तर कश्मीर में सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं.
बेग के करीबी नेताओं ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर उनसे कोई सलाह नहीं ली गई थी.
गौरतलब है कि 22 अगस्त को कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान किया था और इस संबंध में एक घोषणा-पत्र जारी किया था. इस गठबंधन को पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) नाम दिया गया है.
पीएजीडी के अध्यक्ष नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला है, जबकि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष हैं. इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के अलावा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, माकपा और जम्मू कश्मीर अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल हैं.
कांग्रेस ने भी पीएजीडी को अपना समर्थन दिया है.
PAGD was formed solely to safeguard the identity of people of J&K thats been under constant attack since Aug 2019. To assume it was created for petty electoral gains or to further party interests is erroneous. We have a bigger cause to fight for than bicker over DDC elections
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 14, 2020
इस बीच मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘पीएजीडी को जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा करने के लिए बनाया गया है, जिस पर अगस्त 2019 से लगातार हमला किया जा रहा है. ऐसा मानना कि इसका गठन चुनाव में बढ़त हासिल करने या पार्टी के हितों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है तो यह गलत है. डीडीसी चुनावों के मुकाबले हमारे पास संघर्ष करने का एक बड़ा कारण है.’
जम्मू कश्मीर में 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में डीडीसी चुनाव कराए जाएंगे. ये चुनाव पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्त होने के बाद यहां पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है.
प्रत्येक जिले में 14 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों के साथ पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 280 डीडीसी की पहचान की गई है. डीडीसी का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा.
प्रथम चरण के चुनाव के लिए पीएजीडी ने सीटों के बंटवारे की घोषणा बृहस्पतिवार (12 नवंबर को) को की थी.
पहले चरण में नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर घाटी में 27 में अधिकतर सीटों पर लड़ रही है. वह 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी चार, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस दो सीटों पर लड़ रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)