12 नवंबर को उन्नाव में 22 वर्षीय पत्रकार सूरज पांडेय का शव रेल पटरियों के पास मिला था. उनकी मां की तहरीर पर एक महिला दरोगा और सिपाही के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पत्रकार सूरज पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में आरोपी महिला दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि बीते 12 नवंबर को रेल की पटरियों के पास से पत्रकार सूरज पांडेय (22) का शव बरामद हुआ था.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, सूरज पांडेय एक हिंदी दैनिक में पत्रकार थे. गुरुवार सुबह वह घर से निकले थे, काफी देर तक न लौटने पर उनकी मां लक्ष्मी पांडेय ने उनके मोबाइल पर फोन किया.
फोन बंद होने पर खोजबीन शुरू की गई, जिसके बाद शाम करीब पांच बजे शराब मिल रेलवे क्रासिंग के पास उनका शव मिला.
विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि पत्रकार की मां की तहरीर पर बिहार थाने में तैनात महिला दरोगा सुनीता चौरसिया और महिला थाने के थानाध्यक्ष के वाहन चालक सिपाही अमर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
पांडेय ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही आरोपी महिला दरोगा और सिपाही अपनी तैनाती स्थल से बिना बताए गायब थे. इस वजह से पुलिस अधीक्षक ने दोनों को निलंबित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि साथ ही पत्रकार की मौत का सच सामने लाने के उद्देश्य से मामले की जांच के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) गौरव त्रिपाठी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है.
इधर, घटना के दो दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी न होने पर मृतक पत्रकार की मां ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर परिवार की सुरक्षा और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में बताया कि जो चोटें आई हैं वह ट्रेन दुर्घटना के कारण लगी प्रतीत हो रही हैं. मौके से मिले साक्ष्यों के अनुसार, यह आत्महत्या का मामला लग रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार व महिला दरोगा के मोबाइल की कॉल डिटेल से यह तो स्पष्ट हो गया कि दोनाें के बीच मित्रता थी. हालांकि, आरोपी पुलिसकर्मियों के मोबाइल की लोकेशन घटना वाले दिन रेलवे ट्रैक की जगह या उसके आसपास नहीं मिली है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)