सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न न्यूज़ पोर्टल, वेबसाइट और न्यूज़ एजेंसियों को जारी किए गए नोटिस में कहा कि उन्हें एक महीने के भीतर निदेशकों व शेयरधारकों का नाम तथा पता के साथ कंपनी और उसकी शेयरधारिता की जानकारी देनी होगी.
नई दिल्ली: डिजिटल माध्यमों से खबर या समसामयिक विषयों का प्रकाशन एवं प्रसारण करने वाली इकाइयों के लिए सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
इन निर्देशों के तहत उन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों का अनुपालन करने के लिए एक माह का समय दिया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बीते 16 नवंबर को जारी को ये निर्देश जारी किए.
ऐसी कंपनियों में 26 प्रतिशत तक विदेशी हिस्सेदारी की छूट दी गई है. मंत्रालय ने न्यूज पोर्टलों, वेबसाइटों और न्यूज एजेंसियों को जारी किए गए नोटिस में कहा है कि प्रासंगिक निकायों को एक महीने के भीतर दिशानिर्देशों पर अमल करना होगा.
मंत्रालय ने नोटिस में दिशानिर्देशों का ब्योरा दिया है, जिसका अनुपालन किया जाना है. गौरतलब है कि सरकार ने डिजिटल माध्यमों में एफडीआई संबंधी निर्देश 18 सितंबर 2019 को जारी किए थे.
Ministry of Information and Broadcasting requests compliance of policy on FDI in digital media within a month
Public Notice⬇️https://t.co/SOAIWBDPvI
Details: https://t.co/GaHpwFazDU pic.twitter.com/lUv4ka3MKp
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) November 16, 2020
नोटिस में कहा गया, ‘जिन निकायों में एफडीआई 26 प्रतिशत से कम है, उन्हें एक महीने के भीतर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सूचना देनी होगी. सूचना में निदेशकों व शेयरधारकों का नाम तथा पता के साथ कंपनी और उसकी शेयरधारिता की जानकारी देनी होगी.’
मंत्रालय ने ऐसे निकायों को अपने प्रवर्तकों तथा महत्वपूर्ण लाभार्थी स्वामियों के नाम एवं पते देने के लिए भी कहा गया है.
इन निकायों को एफडीआई नीति, विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-ऋण प्रतिभूतियां) नियम 2019 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण प्रतिभूतियों के भुगतान एवं विवरण प्रस्तुत करने का ढंग) विनियम 2019 के तहत मूल्य निर्धारण, दस्तावेजीकरण और सूचना देने के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा.
नोटिस में कहा गया, ‘जिन निकायों में अभी 26 प्रतिशत की सीमा से अधिक एफडीआई है, उन्हें भी आज से एक महीने के भीतर मंत्रालय को ये तमाम सूचनाएं देनी पड़ेंगी. इन निकायों को 15 अक्टूबर 2021 तक एफडीआई को 26 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे और मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त करनी होगी.’
सरकार ने यह नोटिस ऐसे समय जारी किया है, जब उच्चतम न्यायालय ने नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी मंचों के नियमन के लिए दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार को एक महीने पहले नोटिस दिया था.
मंत्रालय ने 16 नवंबर को जारी नोटिस में यह भी कहा कि यदि कोई निकाय देश में नया एफडीआई लाना चाहता है, तो उसे डीपीआईआईटी के विदेशी निवेश क्रियान्वयन पोर्टल के माध्यम से केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी.
सरकार ने हाल ही में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम वीडियो और डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म तथा ऑनलाइन खबर व करंट अफेयर्स देने वाले पोर्टलों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाया है.
मंत्रालय को अब डिजिटल क्षेत्र के लिए नियम व नीतियां बनाने की शक्ति दी गई है. मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा 10 नवंबर की रात को जारी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.
इससे पहले तक देश में डिजिटल सामग्री के विनियमन के लिए कोई कानून या स्वायत प्राधिकार मौजूद नहीं था, लेकिन अब डिजिटल समाचार वेबसाइट सहित सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म सरकार के नियमों और नियमन के दायरे में आएंगे.
अधिसूचना में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड (3) के तहत प्रदत शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियमावली, 1961 में संशोधन करके ऐसा किया गया है.
इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध समाचार, दृश्य श्रव्य कार्यक्रमों और फिल्मों से संबंधित नीतियों को विनियमित करने का अधिकार मिल गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)