दिल्ली: सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ ने छात्रों की मदद के लिए कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखा

दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों को वित्तीय सहायता देने और सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने पर विचार करने के लिए समिति बनाने का आग्रह किया है.

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(फोटो साभार: www.ststephens.edu)

दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों को वित्तीय सहायता देने और सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने पर विचार करने के लिए समिति बनाने का आग्रह किया है.

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नई दिल्लीः दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों की जरूरत के हिसाब से वित्तीय सहायता देने, सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने और अन्य वित्तीय सहायता मुहैया कराने पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए कहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टाफ एसोसिएशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने गुरुवार को पत्र लिखकर कहा, ‘हमारे कुछ छात्र ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच बनाने और फीस का भुगतान करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. फैकल्टी के कुछ सदस्यों को मदद के लिए छात्रों से आग्रह मिल रहे हैं. ये छात्र फीस के भुगतान और ऑनलाइन क्लास के लिए डिवाइस उपलब्ध कराने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. हमें डर है कि कई ऐसे भी छात्र हैं, जिन्होंने अब तक हमसे संपर्क नहीं किया है.’

उन्होंने कहा, ‘वित्तीय संकट और संस्थागत सहायता की कमी की वजह से दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की दुखद घटना सामने आई.’

नारायण ने कहा, ‘स्टाफ एसोसिएशन की मांग है कि एक समिति का गठन किया जाए, जिसमें कॉलेज के 11 पाठ्यक्रमों के प्रमुख हों, जो छात्रों की वित्तीय मदद और सभी छात्रवृत्तियों को वितरित करने पर विचार कर सकें. कॉलेज मदद की चाह वाले इच्छुक छात्रों से आवेदन मंगवाने के लिए जल्द ही अपनी वेबसाइट पर अधिसूचना जारी कर सकता है.’

इस संदर्भ में 17 नवंबर को स्टाफ एसोसिएशन की बैठक में इस पर संकल्प लिया गया.

एसोसिशन ने कहा कि कुछ छात्रों को कॉलेज से तकनीकी और बुनियादी मदद की जरूरत है. कुछ साल पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों और फैकल्टी द्वारा इस्तेमाल करने के लिए हर कॉलेज को बड़ी संख्या में लैपटॉप भेजे थे. अगर उनमें से कुछ अभी भी काम कर रहे हैं तो उन्हें जरूरतमंद छात्रों को दिया जा सकता है.

नारायण ने कहा, ‘लैपटॉप के लिए जरूरतमंद छात्रों से आवेदन मंगाए जा सकते हैं और उन्हें कूरिअर के जरिये भेजा जा सकता है. इन डिवाइस को इकट्ठा करने के लिए छात्रों को दिल्ली आने की जरूरत नहीं है.’

सेंट स्टीफेंस कॉलेज के प्रिंसिपल जॉन वर्गीस ने इन सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन कोषाध्यक्ष बरसर रेनिश अब्राहम ने कहा कि उन्हें देखना होगा कि क्या उन्हें स्टाफ एसोसिएशन से ईमेल मिला था.

यह पूछे जाने पर क्या जरूरतमंद छात्रों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे, उन्होंने कहा, ‘हम छात्रों को पहले कैंपस में लैपटॉप देते थे, लेकिन अब यूनिवर्सिटी द्वारा लैपटॉप मुहैया कराए जाते हैं. मुझे नहीं लगता कि हम उन्हें छात्रों के आवास पर भेज सकते हैं. संभवतः हमें इस पर एक पॉलिसी बनाने की जरूरत है. मुझे नहीं पता कि हम इसे लेकर क्या करेंगे. अगर हमें कोई प्रतिनिधित्व मिलता है तो हम इस पर विचार करेंगे.’

बता दें कि लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमेन की द्वितीय वर्ष की छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी (19) ने दो नवंबर को तेलंगाना स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी.

छात्रा का परिवार ऑनलाइन क्लासेज के लिए छात्रा को लैपटॉप तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा था, जिसके बाद वित्तीय अभाव में छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. यह भी आरोप लगे थे कि कॉलेज छात्रा को किसी तरह की सहायता उपलब्ध नहीं करा पा रहा था.