फेसबुक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 की पहली छमाही में दुनियाभर में सरकारी स्तर पर की गई इंटरनेट रुकावट के 79 फीसदी मामले भारत में हुए.
नई दिल्ली: फेसबुक ने कहा है कि उसके उपयोगकर्ताओं के डेटा के संबंध में इस साल जनवरी से जून के बीच वैश्विक स्तर पर सरकारी अनुरोध 23 प्रतिशत बढ़ गए और इस तरह के अनुरोधों के मामले में भारत का स्थान अमेरिका के बाद दूसरा है.
फेसबुक की ताजा पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान भारत में 57,294 उपयोगकर्ताओं व एकाउंट की जानकारी के लिए कुल 35,560 अनुरोध किए गए. रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत मामलों में कुछ डेटा पेश किए गए.
वर्ष 2020 के पहले छह महीनों में उपयोगकर्ताओं के डेटा के लिए वैश्विक स्तर पर सरकारों के अनुरोध 23 प्रतिशत बढ़कर 1,73,875 हो गए. पिछले साल यानी 2019 की दूसरी छमाही में ऐसे अनुरोधों की संख्या 1,40,875 थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की पहली छमाही में सबसे अधिक 61,528 अनुरोध अमेरिका से आए. ये अनुरोध 1,06,114 उपयोगकर्ताओं या एकाउंट के लिए किए गए थे और 88 प्रतिशत मामलों में कुछ डेटा पेश किए गए.
हेट स्पीच
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक ने कम्यूनिटी स्टैंडर्ड्स इंफोर्समेंट ने नवंबर 2020 के लिए भी अपनी रिपोर्ट जारी की है. उसने कहा है कि उसने पहली बार वैश्विक स्तर पर अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच के प्रसार को रिपोर्ट में शामिल किया है.
फेसबुक ने यह कदम वैश्निक स्तर पर उन आलोचनाओं के बाद उठाया है जिनका सामना उसे अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच के बढ़ते मामलों के कारण करना पड़ा था.
एक पोस्ट में फेसबुक इंटीग्रिटी के उपाध्यक्ष गाइ रोजेन ने कहा, ‘2020 की तीसरी तिमाही में प्रति 10 हजार व्यू पर 0.10-0.11 फीसदी या 10 से 11 हेट स्पीच व्यू थे.’
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2020 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनी ने हेट स्पीच के लिए फेसबुक पर 2.21 करोड़ कंटेंट पीस पर कार्रवाई की, जिसमें से उसने 94.7 फीसदी कंटेंट को किसी यूजर द्वारा रिपोर्ट किए जाने से पहले ही ढूंढकर उस पर चेतावनी दे दी.
इसके अलावा इसी अवधि में उसने इंस्टाग्राम पर 65 लाख हेट स्पीच कंटेंट पीस पर कार्रवाई की.
रोजेन ने बताया कि कंपनी ने फेसबुक पर हिंसक और ग्राफिक के 1.92 करोड़ कंटेंट, चाइल्ड न्यूडिटी और यौन शोषण के 1.24 करोड़ कंटेंट, धमकाने और उत्पीड़न के 35 लाख कंटेंट पर कार्रवाई की.
इसके साथ ही उसने इंस्टाग्राम पर हिंसक और ग्राफिक के 41 लाख कंटेंट, चाइल्ड न्यूडिटी और यौन शोषण संबंधी 10 लाख कंटेंट, धमकी और उत्पीड़न के 26 लाख कंटेंट पर कार्रवाई की.
इसके अलावा उसने इंस्टाग्राम पर सुसाइड और सेल्फ-इंजरी के 13 लाख कंटेंट पीस पर कार्रवाई की.
इंटरनेट में रुकावट
फेसबुक द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 की पहली छमाही में 10 देशों में इंटरनेट रुकावटों से उसकी सेवा प्रभावित होने के 53 मामलों सामने आए.
भारत में यह संख्या सबसे अधिक रही जहां इसके 79% यानी 42 मामले देखे गए. भारत में इस तरह की रुकावट की कुल अवधि 38 सप्ताह, 3 दिन और 19 घंटे रही.
इस सूची में शामिल अन्य देश बुरुंडी, इथियोपिया, गिनिया, इराक, म्यांमार, सुडान, टोगो, तुर्की और वियतनाम हैं.
फेसबुक को भारत में इंटरनेट की रुकावट के जो 42 मामले देखने को मिले, उसमें सबसे अधिक जम्मू कश्मीर में थे, जहां 5 अगस्त, 2019 के बाद से 47 हफ्ते, एक दिन और 20 घंटे की इंटरनेट नहीं था.
इसके बाद पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में चार दिन, नौ घंटे जबकि पश्चिम बंगाल के ही मुर्शिदाबाद, मालदा, साउथ दिनाजपुर, नॉर्थ दिनाजपुर, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार जिले में छह दिन 15 घंटे की इंटरनेट रुकावट देखने को मिली.
वहीं, मध्य प्रदेश के जबलपुर में 13 घंटे की इंटरनेट रुकावट दर्ज की गई. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 5 दिन और 8 घंटा की रुकावट देखी गई.
मेघालय के ईस्ट जैंतिया हिल्स, वेस्ट जैंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री भोई, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स जिलों में 5 दिन और 16 घंटे की इंटरनेट रुकावट देखी गई.
फेसबुक के उपाध्यक्ष क्रिस सोनडरबी ने कहा, ‘क्योंकि हमारा मानना है कि इंटरनेट कनेक्टिविटी को बाधित करने से आर्थिक गतिविधि और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर किया जा सकता है, इसलिए हम हमारे उत्पादों की उपलब्धता को प्रभावित करने वाले दुनियाभर की सरकारों द्वारा जानबूझकर किए गए इंटरनेट रुकावटों की संख्या को रिपोर्ट करते हैं. 2020 की पहली छमाही में हमने नौ देशों में फेसबुक सेवाओं पर 52 रुकावटें देखीं जबकि 2019 की दूसरी छमाही में छह देशों में 45 रुकावटें देखी गई थीं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)