लेडी श्रीराम कॉलेज, मिरांडा हाउस कॉलेज आदि कॉलेजों ने कई क़दम उठाए हैं. इनमें विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उनसे संवाद करना, ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को इंटरनेट डेटा कार्ड से लेकर लैपटॉप मुहैया कराना शामिल है.
नई दिल्ली: आर्थिक तंगी के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एक छात्रा के खुदकुशी करने के बाद कॉलेजों ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऐसे विद्यार्थियों की मदद करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
इनमें विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उनसे संवाद करना, जरूरतमंद विद्यार्थियों को इंटरनेट डेटा कार्ड से लेकर लैपटॉप मुहैया कराना शामिल है.
लेडी श्रीराम कॉलेज (एलएसआर) की प्रधानाचार्य सुमन शर्मा के मुताबिक, कॉलेज प्रशासन ने कुछ पाठ्यक्रमों की फीस कम करने, लैपटॉप मुहैया करने के लिए एक समिति गठित करने और द्वितीय वर्ष की कुछ छात्राओं को छात्रावास में रहने की इजाजत देने की घोषणा की है.
उन्होंने कहा कि देखा गया है कि परिसर में नहीं होने की वजह से विद्यार्थी कुछ सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, लिहाजा कॉलेज ने इस साल की फीस में इस तरह के कुछ शुल्कों को हटा दिया है. इससे फीस में कमी आई है. साथ ही, फीस को किस्तों में भी देने का विकल्प दिया गया है.
मिरांडा हाउस कॉलेज की प्राचार्य बिजयलक्ष्मी नंदा ने कहा कि कॉलेज उन छात्राओं को इंटरनेट डेटा का रिचार्ज कराने पर काम कर रहा है, जिनका बोझ महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से बढ़ गया है.
नंदा ने कहा, ‘हमें इस बात का एहसास लॉकडाउन के पहले महीने में ही हो गया था कि सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं ही पर्याप्त नहीं हैं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समान ध्यान देना चाहिए. हमने कुछ कदम उठाए थे, लेकिन अब प्रयासों को बढ़ाएंगे और (छात्राओं से) एक-एक करके बात करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम फीस माफी ही नहीं, बल्कि इंटरनेट डेटा कार्ड रिचार्ज कराकर भी छात्राओं को आर्थिक मदद करने की पेशकश के विकल्प पर काम कर रहे हैं, ताकि ऑनलाइन कक्षाओं में उनकी मदद हो सके.’
नंदा ने कहा, ‘जैसा कि हम सब वाकिफ हैं, महामारी ने समाज पर बड़ी परेशानी डाली है. लोगों की आर्थिक परेशानी बढ़ी है और हमारे कुछ छात्र ऑनलाइन कक्षाओं और फीस का भुगतान करने में वास्तविक परेशानी का सामना कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे संकाय के कुछ सदस्यों को फीस का भुगतान करने और ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए उपकरण (मोबाइल या लैपटॉप आदि) को प्राप्त करने में विद्यार्थियों की ओर से मदद के आग्रह मिले हैं. हमें आशंका है कि ऐसे कई और विद्यार्थी हो सकते हैं, जिन्होंने हमसे संपर्क नहीं किया है.’
श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की प्रधानाचार्य सिमरित कौर ने बताया कि कॉलेज को लॉकडाउन के बाद से ही विद्यार्थियों की ओर से छात्रवृत्ति और लैपटॉप के लिए आग्रह मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ विद्यार्थी हैं जिनके पास खुद के उपकरण हैं, लेकिन ऐसे भी विद्यार्थी हैं जिन्हें लैपटॉप की जरूरत है. हमने प्रत्येक छात्र को उस तरह की मदद देने की कोशिश की है, जिस तरह की मदद की उन्हें जरूरत थी.
इस बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों की जरूरत के हिसाब से वित्तीय सहायता देने, सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने और अन्य वित्तीय सहायता मुहैया कराने पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए कहा है.
स्टाफ एसोसिएशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने 19 नवंबर को पत्र लिखकर कहा था, ‘हमारे कुछ छात्र ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच बनाने और फीस का भुगतान करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. फैकल्टी के कुछ सदस्यों को मदद के लिए छात्रों से आग्रह मिल रहे हैं. ये छात्र फीस के भुगतान और ऑनलाइन क्लास के लिए डिवाइस उपलब्ध कराने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. हमें डर है कि कई ऐसे भी छात्र हैं, जिन्होंने अब तक हमसे संपर्क नहीं किया है.’
दिल्ली विश्वविद्यालय मार्च से ही बंद है और कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं.
बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की लेडी श्रीराम कॉलेज (एलएसआर) की छात्रा ऐश्वर्या (19) ने अपनी पढ़ाई को जारी रखने में आ रही आर्थिक परेशानियों के कारण कथित रूप से तीन नवंबर को खुदकुशी कर ली थी.
ऐश्वर्या ने आत्महत्या से पहले अपने सुसाइड नोट में कहा कि वे अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं और शिक्षा के बिना जिंदगी उन्हें मंजूर नहीं थी.
तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की रहने वाली छात्रा राज्य की 12वीं कक्षा की परीक्षा की टॉपर थी. छात्रा को मार्च महीने से स्कॉलरशिप नहीं मिल रही थी.
छात्रा उच्च शिक्षा हासिल कर सके, इसलिए उनके परिवार ने अपने घर को गिरवी रख दिया था. गणित की छात्रा ऐश्वर्या (19) अपनी शिक्षा का खर्च नहीं उठा पा रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)