केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कहा है कि कई अधिकारियों ने अब तक पिछले वर्ष के वार्षिक अचल या चल संपत्ति का रिटर्न दाख़िल नहीं किया है. रिटर्न दाख़िल नहीं करने पर दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
नई दिल्लीः केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्र सरकार के सभी अधिकारियों को इस महीने के अंत तक अपनी चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा पेश करने को कहा है.
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
सीवीसी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा ब्योरा देने में काफी देरी करने में चिंता जताई और सरकारी आदेश का 100 फीसदी पालन करने के लिए 30 नवंबर तक की समसीमा निर्धारित की.
सीवीसी ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि संपत्ति का रिटर्न दाखिल नहीं करने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
सीवीसी ने आदेश जारी कर कहा, ‘संपत्ति की जानकारी दाखिल नहीं करना किसी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का पर्याप्त आधार है.’
आदेश में कहा गया कि मंत्रालयों, विभागों या संगठनों के अधिकारियों द्वारा संपत्ति का समय पर रिटर्न दाखिल करना आचरण नियमों के तहत अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है.
आदेश में कहा गया, ‘कुछ मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) द्वारा पेश की गईं रिपोर्टों पर गौर करते हुए आयोग ने पाया कि अधिकतर संगठनों में कई अधिकारियों ने अभी तक पिछले वर्ष यानी 2019 के लिए वार्षिक अचल या चल संपत्ति का रिटर्न दाखिल नहीं किया है.’
ज्यादातर संगठनों में यह रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी है. आदेश में कहा गया कि लगभग नौ महीने बीत चुके हैं और संगठनों में अभी तक इस संबंध में 100 प्रतिशत अनुपालन नहीं हो सका है.
अधिकतर संगठनों में संपत्ति का रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी है.
आदेश में कहा गया कि लगभग नौ महीने बीत चुके हैं और संगठनों को इस संदर्भ में 100 फीसदी पालन का पालन करना जरूरी है.
सीवीसी ने कहा, ‘जो अधिकारी 30 नवंबर 2020 तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा दाखिल नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी.’
आदेश में कहा गया, ‘सभी सीवीओ या प्रशासनिक अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करना है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)