जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने आरोप लगाया है कि वह पार्टी की युवा इकाई के नेता वाहिद पर्रा के परिवार से मिलने पुलवामा जाने वाली थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मंज़ूरी नहीं दी. वाहिद ने डीडीसी चुनाव में नामांकन दाख़िल किया था. आतंक से संबंधित एक मामले में एनआईए ने 25 नवंबर को उन्हें गिरफ़्तार किया है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें एक बार फिर अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया है.
मुफ्ती ने कहा कि बीते दो दिनों में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें पुलवामा में पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वाहिद पर्रा के परिवार से मिलने की मंजूरी नहीं दी.
पर्रा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 25 नवंबर को आतंक से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया. पर्रा ने हाल ही में डीडीसी चुनाव के लिए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा से अपना नामांकन दाखिल किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पर्रा से एनआईए बीते 23 नवंबर से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहीदीन से उनके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ कर रही थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन से उन्हें पर्रा के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है, जिन्हें ‘निराधार आरोपों’ पर गिरफ्तार किया गया है.
Ive been illegally detained yet again. Since two days, J&K admin has refused to allow me to visit @parawahid’s family in Pulwama. BJP Ministers & their puppets are allowed to move around in every corner of Kashmir but security is a problem only in my case. pic.twitter.com/U5KlWzW3FQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
महबूबा ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा के मंत्रियों और उनकी कठपुतलियों को कश्मीर के हर कोने में जाने की मंजूरी है, लेकिन सिर्फ मेरे मामले में ही सुरक्षा का मुद्दा उठता है.’
उन्होंने सिलसिलेवार तीन ट्वीट कर कहा, ‘उनकी (प्रशासन) क्रूरता कोई सीमा नहीं जानता. वाहिद को आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किया गया और मुझे उसके परिवार को सांत्वना देने तक की अनुमति नहीं दी गई. यहां तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी घर में नजरबंद रखा गया है, क्योंकि वह भी वाहिद के परिवार से मिलना चाहती थी.’
Their cruelty knows no bounds. Waheed was arrested on baseless charges & I am not allowed to even console his family. Even my daughter Iltija has been placed under house arrest because she also wanted to visit Waheed’s family.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
उन्होंने कहा, ‘मैं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगी और विभिन्न मुद्दों पर ब्रीफ करूंगी. कृपया मीडिया आए.’
इन ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने एक पत्र भी साझा किया, जो पुलवामा के एसएसपी ने श्रीनगर के विशेष सुरक्षा ग्रुप के निदेशक को लिखा था, जिसमें कहा गया था, ‘मार्ग की कोई सुरक्षा नहीं की गई क्योंकि अब तक किसी तरह का अग्रिम सुरक्षा अभियान नहीं चलाया गया.’
Parking a truck in front of our gates is now standard operating procedure for this admin. They did the same to my father recently to stop him from praying. Personal liberty is treated as a favour by the govt, to give & withdraw at will, with no interference from the judiciary. https://t.co/yUjDhhZb9p
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 27, 2020
सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है, जैसे कोई उपकार कर रही हो: उमर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे किसी पर कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और छीन रही है. साथ ही कहा कि न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘बाधा खड़ी करना इस प्रशासन की नई मानक संचालन प्रक्रिया है. उन्होंने मेरे पिता को प्रार्थना करने से रोकने के लिए हाल ही में ऐसा किया था. सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे कोई उपकार कर रही हो और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है और न्यायपालिका का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है.’
बता दें कि आरोप है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला को ईद मिलाद उन नबी पर हजरतबल दरगाह पर जाने से रोका गया था.
मालूम हो कि महबूबा मुफ़्ती को पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को ख़त्म कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से ही नज़रबंद कर लिया गया था. उन्हें पिछले महीने ही 14 महीने की नजरबंदी के साथ रिहा किया गया था.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से यहां जिला विकास परिषद (डीडीसी) होने वाले हैं. यह चुनाव पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है.
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वापस दिलाने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन (पीएजीडी या गुपकर गठबंधन) बनाया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला इस गठबंधन के अध्यक्ष और पीपीडी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष हैं.
इसमें कुछ अन्य क्षेत्रीय दल भी शामिल हैं, जिन्होंने डीडीसी चुनाव साथ मिलकर लड़ने का आह्वान किया है.
यह गठबंधन लगातार आरोप लगा रहा है कि उनके उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर प्रचार की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे वे उन लोगों के संपर्क से पूरी तरह से दूर हैं, जिनसे उन्हें वोट मांगना है.
डीडीसी चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे. चुनाव का पहला चरण 28 नवंबर को होगा, जिसमें घाटी के 10 जिलों में 167 उम्मीदवार हैं. दूसरे चरण के लिए 227 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जबकि तीसरे चरण के लिए अभी भी नामांकन दाखिल किए जा रहे हैं.