ओडिशा के नयागढ़ ज़िले का मामला. बीते 10 जुलाई को पांच साल की बच्ची लापता हो गई थी. बाद में उसका शव बरामद हुआ था. बीते 24 नवंबर को बच्ची के माता-पिता ने विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी. उनका आरोप है कि मामले के आरोपियों में से एक को राज्य के कृषि मंत्री द्वारा बचाने की कोशिश की जा रही है.
भुवनेश्वरः ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को नयागढ़ जिले में पांच साल की बच्ची के अपहरण और हत्या की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की.
पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेते हुए कहा कि वह इस घटना से बेहद दुखी हैं और उनकी सरकार हमेशा कानून के पालन के लिए खड़ी रहेगी.
उन्होंने सदन में हंगामे के बीच कहा कि अगर एसआईटी जांच की जरूरत है तो राज्य सरकार इस संबंध में तुरंत आवश्यक कदम उठाएगी.
इस बीच विपक्षी पार्टी भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी को बचाने में कथित भूमिका के लिए कृषि मंत्री अरुण कुमार साहू के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की.
भाजपा सदस्यों ने घटना की सीबीआई जांच और कृषि मंत्री के इस्तीफे की मांग की, जबकि कांग्रेस विधायकों ने मंत्री को बर्खास्त करने के अलावा कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की थी.
बता दें कि ओडिशा में कथित तौर पर पांच साल की बच्ची के अपहरण और हत्या मामले में पुलिस की निष्क्रियता से परेशान होकर बच्ची के माता-पिता ने 24 नवंबर को विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया था.
पीड़ित माता-पिता का आरोप है कि राज्य में कृषि मंत्री अरुण कुमार साहू मामले के मुख्य आरोपियों में से एक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
Odisha CM Naveen Patnaik announces SIT probe into kidnapping, murder of 5-year-old girl in #Nayagarh district
— Press Trust of India (@PTI_News) November 27, 2020
भाजपा और कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने बीते गुरुवार को साहू के इस्तीफे की मांग तेज की, जिससे दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
माता-पिता का आरोप है कि उनकी पांच साल की बेटी को बीते 10 जुलाई को घर के पास ही खेलते समय अपहरण कर लिया गया था. बाद में उसका शव घर के पीछे मिला. बच्ची की आंखें निकाल ली गई थीं और उसकी किडनियां भी निकाल ली गई थीं.
इससे पहले राज्य सरकार ने इससे पहले 14 जुलाई को लड़की के अपहरण और हत्या की क्राइम ब्रांच से जांच कराने की घोषणा की थी, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे दिखावा बताकर खारिज कर दिया था.
विपक्ष के मुख्य सचेतक (व्हिप) मोहन माझी ने कहा कि वे इस मामले को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करने से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि मंत्री अभी भी जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक साहू कैबिनेट में बने रहेंगे तब तक अपराध शाखा की जांच निष्पक्ष नहीं होगी.
बता दें कि मंत्री और बच्ची के गांव के सरपंच के बीच बातचीत का एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद यह बयान सामने आया. यह क्लिप माता-पिता के आत्मदाह का प्रयास करने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
इस क्लिप में कृषि मंत्री अरुण कुमार साहू साहू को कथित तौर पर सरपंच से यह कहते सुना जा सकता है कि वह पीड़ित माता-पिता को उकसाए. पीड़ित पक्ष ने सार्वजनिक रूप से मंत्री पर इस मामले के मुख्य आरोपी बाबुली नायक को बचाने का आरोप लगाया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)