जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के तहत शनिवार को लगभग 52 फीसदी वोटिंग हुईं. भाजपा ने उर्दू में जारी अपने घोषणा-पत्र में केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए 100 फ़ीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करने का श्रेय लेने का भी दावा किया है.
![भाजपा के पूर्व एमएलसी विभोद गुप्ता ने शनिवार को घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेता सोफी यूसुफ और दरखशां अब्दराबी की मौजूदगी में घोषणा-पत्र को जारी किया. (फोटो साभार: फेसबुक)](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2020/11/Jammu-Kashmir-BJP-Facebook.jpg)
श्रीनगरः भाजपा ने कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणा-पत्र उर्दू में जारी किया है.
भाजपा के पूर्व एमएलसी विभोद गुप्ता ने शनिवार को घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेता सोफी यूसुफ और दरखशां अब्दराबी की मौजूदगी में घोषणा-पत्र को जारी किया.
चुनाव घोषणा-पत्र में भाजपा ने दावा किया है कि पार्टी ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर देश को एक किया है और गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीएजीडी) वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रहित के खिलाफ काम कर रहा है.
बता दें कि पीएजीडी में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत मुख्यधारा की कई राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं और सभी साथ मिलकर डीडीसी चुनाव लड़ रही हैं.
भाजपा के घोषणा-पत्र में कहा गया है कि राज्य का पुनर्गठन करने के बाद जम्मू कश्मीर को विकास और शांति के मार्ग पर अग्रसर किया गया है.
पार्टी ने दावा किया है कि पत्थरबाजी खत्म हो गई है और अब आतंकवाद से सख्ती से निपटा जा सकता है.
घोषणा-पत्र में भाजपा ने केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए 100 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करने का श्रेय लेने का भी दावा किया है और इसके साथ में यह भी कहा कि उसने ऐसी नीति बनाई है, जिससे औद्योगिकीकरण बढ़ेगा.
पार्टी ने कहा कि उसने केंद्रशासित प्रदेश में भ्रष्टाचार और जमीन कब्जाने के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. बिजली, जलापूर्ति और सड़क नेटवर्क जैसी मूलभूत जरूरतें भी बेहतर हुई हैं.
भाजपा ने घोषणा-पत्र में एसआरओ-202 नीति को भी खत्म करने का श्रेय लिया है.
दरअसल यह नीति 2015 में पीडीपी-भाजपा सरकार लेकर आई थी, जिसके तहत जम्मू कश्मीर में भर्ती किए गए सरकारी कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने से पहले कई साल तक कम पारिश्रमिक दिया जाता था.
बता दें कि डीडीसी चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे.
डीडीसी चुनाव का पहला चरण बीते शनिवार को हुआ, जिसमें घाटी के 10 जिलों में 167 उम्मीदवार आमने-सामने थे. इस चरण के मतदान में लगभग 52 फीसदी वोटिंग हुई.
राज्य निर्वाचन आयुक्त के मुताबिक, इस दौरान 700,842 पंजीकृत मतदाताओं में से 51.76 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
पहले चरण में जम्मू के रियासी में सर्वाधिक 74.62 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया, जबकि आतंकवाद से प्रभावित पुलवामा जिले में सबसे कम 6.7 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
यह चुनाव पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)