विवि प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र, उपाध्यक्ष आदिल हमजा और एलएलबी के छात्र अनुभव उपाध्याय को पांच वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है.
इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में गठित अनुशासन परिषद की एक अगस्त को हुई पहली बैठक में विश्वविद्यालय में गतिरोध के लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ सीधी कार्रवाई में छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र और उपाध्यक्ष आदिल हमजा को पांच वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया.
विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रोफेसर एससी दूबे ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हंगलू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र, उपाध्यक्ष आदिल हमजा और एलएलबी द्वितीय वर्ष के छात्र अनुभव उपाध्याय को पांच वर्ष के लिए कैंपस से निष्कासित कर दिया गया. अब ये छात्र अगले पांच वर्ष तक परिसर में किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले सकेंगे.
उन्होंने कहा कि गत 27-28 अप्रैल को विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ करने और डेढ़ से दो करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों की भीड़ की अगुवाई इन लोगों ने की थी.
छात्रों का पक्ष लिए बिना हुई कार्रवाई
छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र ने बताया कि प्रशासन हमारा पक्ष सुनकर ऐसा करता तो भी एक बात थी. न हमें कारण बताओ नोटिस दिया गया, न हमसे हमारा कोई पक्ष लिया गया. प्रशासन ने एक तथाकथित मीटिंग बुलाई और निर्णय ले लिया कि इन तीनों को निष्कासित किया जाए.
उन्होंने कहा, हमने 72 घंटे का समय दिया है. अगर विश्वविद्यालय अपना निर्णय वापस नहीं लेता है तो हम दिल्ली कूच करेंगे. हम केंद्र सरकार से कहेंगे कि अकादमिक रूप से हमें विश्वविद्यालय ने मार दिया, अब शारीरिक रूप से मानव संसाधन विकास मंत्रालय मार दे.
रोहित मिश्र ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में अध्यापक संघ वीसी की चाटुकारिता करने में लगा है. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को भी कार्रवाई करके निष्कासित कर दिया गया है. एक छात्रसंघ ही था जो भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ बोल रहा था. अब उस पर भी इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई की गई है.
छह छात्रों को काली सूची में डाला
प्रोफेसर एससी दूबे ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत 13 जुलाई को छह छात्रों को काली सूची में डाल दिया था जिसके खिलाफ दो छात्र उच्च न्यायालय की शरण में चले गए थे. उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इन छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा.
कुलानुशासक ने कहा कि उच्च न्यायालय का यह निर्णय काली सूची में डाले गए अन्य चार छात्रों पर भी लागू किया जाएगा और सभी छह छात्रों को अगले सप्ताह कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. इन छात्रों को चार सप्ताह में सभी आरोपों का जवाब देना होगा.