इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते तीन दिसंबर को दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण को वापस कर दिया था. पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित कुछ खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है.
चंडीगढ़: पंजाबी गायक एवं अभिनेता हरभजन मान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि वह राज्य सरकार के ‘शिरोमणि पंजाबी’ पुरस्कार को स्वीकार नहीं करेंगे.
पंजाब भाषा विभाग ने बीते तीन नवंबर को हरभजन मान को इस पुरस्कार के लिए चुना था. पंजाब भाषा विभाग ने साहित्य और कला की 18 विभिन्न श्रेणियों के लिए साहित्य रत्न और शिरोमणि पुरस्कारों की घोषणा की थी.
हरभजन मान ने ट्विटर पर कहा, ‘हालांकि मैं चुने जाने के लिए आभारी हूं. मैं विनम्रतापूर्वक भाषा विभाग का शिरोमणि गायक पुरस्कार स्वीकार नहीं कर सकता. लोगों का प्यार मेरे करिअर का सबसे बड़ा पुरस्कार है, और अभी से हम सभी का ध्यान तथा प्रयास किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए समर्पित होना चाहिए.’
Though I’m grateful to be selected, I humbly cannot accept the Shiromni Gayak award from the Department of Language. People’s love is the biggest award of my career, & all attention & efforts right now from us all must be dedicated to the peaceful farmers’ protest #farmerprotest
— Harbhajan Mann (@harbhajanmann) December 4, 2020
मान के साथ कई पंजाबी गायक और कलाकार किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. गायक मान दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे.
मान ने किसान आंदोलन के संबंध में एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आपको उनकी ऊर्जा, उत्साह और आशावाद का अनुभव करने के लिए वहां रहना होगा. प्रतिकूल परिस्थितियों में वे मुस्कुराते हैं और खुशी के क्षण साझा करते हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गर्व है.’
https://twitter.com/harbhajanmann/status/1334708625667813376
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हरभजन मान बुधवार को एक नया गीत ‘मुर्रदे नी लेटे बीना हक, दिल्लियां’ (दिल्ली से हम अपने अधिकार प्राप्त किए बिना वापस नहीं लौटेंगे) लेकर आए थे.
गीत के वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह किसानों ने वाटर कैनन को तोड़ दिया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गए.
लगभग एक महीने पहले मान ने एक और गीत ‘अन्नदाता, खेत सादी मां, खेत सादी पग’ (खेत हमारी मां है, खेत हमारे गौरव हैं) जारी किया था.
मान के अलावा कंवर ग्रेवाल, सिद्धू मूसूवाला, बबलू मान और हर्फ चीमा सहित कई पंजाबी गायकों और अभिनेताओं ने किसानों के समर्थन में अपना समर्थन दिया है.
बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार (तीन दिसंबर) को पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया था. बादल को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान साल 2015 में दिया गया था.
इससे पहले पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि दिल्ली कूच के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘बल’ प्रयोग के विरोध में वे अपना पुरस्कार लौटाएंगे.
इन खिलाड़ियों में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.
बता दें कि नए कृषि कानून के खिलाफ पिछले दस दिनों (26 नवंबर) से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
मालूम हो कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि से संबंधित तीन विधेयक– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को बीते 27 सितंबर को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी, जिसके विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने की स्थापित व्यवस्था को खत्म कर रही है और यदि इसे लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा.
दूसरी ओर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने बार-बार इससे इनकार किया है. सरकार इन अध्यादेशों को ‘ऐतिहासिक कृषि सुधार’ का नाम दे रही है. उसका कहना है कि वे कृषि उपजों की बिक्री के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बना रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)