इस साल मार्च महीने में कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान छात्र अपने गृहनगर वापस चले गए थे, लेकिन सितंबर से सभी छात्रों के चरणबद्ध तरीके से पुन: प्रवेश की मांग के बाद भी उन्हें कैंपस लौटने की अनुमति नहीं दी गई. ऐसे विद्यार्थी जो वापस आकर हॉस्टल में रहने लगे हैं, उन पर यह जुर्माना लगाया है.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कई छात्रों के खिलाफ कथित तौर पर हॉस्टल में गैर-कानूनी रूप से घुसने के लिए नोटिस जारी किया गया और 2000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये छात्र हॉस्टल में पुन: प्रवेश की मंजूरी के बिना वहां रहने लगे थे.
कोयना हॉस्टल के छात्रों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि अगर एक सप्ताह में छात्र जुर्माना जमा नहीं कर पाए तो 2,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा. छात्रावास के कम से कम पांच लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं.
इस साल मार्च महीने में कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान छात्र अपने गृहनगर वापस चले गए थे. हालांकि, सितंबर से सभी छात्रों के चरणबद्ध तरीके से पुन: प्रवेश की मांग के बाद भी उन्हें कैंपस लौटने की अनुमति नहीं दी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल केवल अंतिम वर्ष के पीएचडी, एमटेक और विज्ञान में एमफिल के छात्रों को चरणबद्ध तरीके से परिसर में प्रवेश करने की अनुमति मिली है. जेएनयू छात्रसंघ सभी छात्रों की चरणबद्ध वापसी की मांग कर रहा है, क्योंकि अधिकांश अन्य संस्थानों ने ऐसी प्रक्रियाओं की शुरुआत की है.
कार्रवाई को लेकर हॉस्टल प्रशासन ने हॉस्टल मैनुअल के बिंदु 2.5.9 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि किसी ऐसे व्यक्ति, जो हॉस्टल का निवासी नहीं है, को हॉस्टल में रखने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, जो वार्डन या उच्च अधिकारियों द्वारा तय की जा सकती है.
कोयना हॉस्टल में रहने वालीं स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के एमफिल की छात्रा देबयन्ती भौमिक ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, ‘मैं अपने शैक्षणिक कार्य के लिए नवंबर में दिल्ली लौटी थी और इसलिए मुझे कैंपस आना पड़ा, क्योंकि मैं कहीं और नहीं रह सकती थी. हॉस्टल ने 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.’
उन्होंने कहा, ‘वे (प्रशासन) इसके लिए हॉस्टल मैनुअल में ‘अनधिकृत मेहमानों’ के लिए दिए गए प्रावधान का प्रयोग कर रहे हैं. हॉस्टल के जिस कमरे के लिए मैं भुगतान करती हूं और इसमें अपना सामान रखती हूं, उसके लिए मैं ‘अनधिकृत अतिथि’ कैसे हो सकती हूं.’
कोयना हॉस्टल में रहने वालीं जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष ओईशी घोष को भी बीते तीन दिसंबर को एक नोटिस मिला, जिसमें कहा गया, ‘जैसा कि हमारे संज्ञान में आया है कि ओईशी घोष को पांच नवंबर को 4:30 बजे कोयना हॉस्टल में देखी गई थीं. इसलिए समिति ने घोष पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है.’
चंद्रभागा हॉस्टल के तीन छात्रों पर भी जुर्माना लगाया गया है. स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स के पोस्टग्रैजुएशन के छात्र आनंद यशोधरन ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि वह एक नवंबर को अपने वार्डन को दिल्ली लौटने के बारे में ई-मेल करने के बाद कैंपस में आए थे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें बताया था कि दिल्ली में रहने के लिए मेरे पास कोई अन्य जगह नहीं है और मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया है. इसके बावजूद एक हफ्ते बाद मेरे पर 2,000 रुपये फाइन लगा दिया गया. ये बकवास है क्योंकि संस्थान के छात्रों पर ‘गैर-कानूनी’ एंट्री लेने का आरोप लगाया जा रहा है.’
जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ताला तोड़ना और उसमें रहना हॉस्टल नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि संस्थान द्वारा लगाए गए ताले को बिना उचित इजाजत के नहीं खोला जा सकता है.
कोयना हॉस्टल में वरिष्ठ वॉर्डन सपना रतन शाह ने बताया, ‘जिन छात्रों ने कमरों के ताले तोड़े और अवैध रूप से हॉस्टल में प्रवेश किया, वार्डन समिति ने उन पर जुर्माना लगाने का फैसला किया, क्योंकि इंटर-हॉल प्रशासन के दिशानिर्देशों के मुताबिक उन छात्रों पर जुर्माना लगाया जाएगा जो अनधिकृत प्रवेश लेते हैं.’
कई रिपोर्टों में कहा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में छात्रावास की कमी छात्रों को प्रभावित कर रही है और कुछ छात्रों के लिए शिक्षा की लागत को बढ़ा रही है.
हॉस्टल वॉर्डन द्वारा छात्रों को इस आधार पर वापस भेजने की भी रिपोर्ट सामने आई है कि वे केवल कुछ छात्रों के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं.
बैंगलोर विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र ने पिछले महीने द हिंदू को बताया था, ‘वार्डन हमें बता रहे हैं कि सिर्फ दो या तीन छात्रों के लिए छात्रावास खोलना और भोजन प्रदान करना संभव नहीं होगा. उन्होंने हमें एक हफ्ते के बाद वापस आने के लिए कहा है.’
नवंबर में जारी किए गए यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से चरणबद्ध तरीके से कैंपस खोलने की योजना बनाने के लिए कहा गया है. इसके साथ ये भी कहा गया है कि ऐसी ही गतिविधियां खोली जाए, जहां कोविड-19 वायरस से बचाव के मानकों का पालन किया जा सके.
इसमें आगे कहा गया है कि कुछ छात्र कक्षाओं में नहीं जाने का विकल्प चुन सकते हैं और घर पर रहकर ऑनलाइन अध्ययन कर सकते हैं. उनके लिए संस्थान ऑनलाइन अध्ययन सामग्री और शिक्षण के लिए ई-संसाधनों को मुहैया कराए.