पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य मिट्टी रसायनज्ञ डॉ. वरिंदरपाल सिंह ने केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के हाथों से पुरस्कार लेने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा ज़मीर इसकी अनुमति नहीं देता, क्योंकि भारत सरकार ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को बेवजह तकलीफें दी हैं.
नई दिल्ली: कृषि वैज्ञानिक डॉ. वरिंदरपाल सिंह ने नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक केंद्रीय मंत्री से पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया.
सिंह लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य मिट्टी रसायनज्ञ हैं. बीते सात दिसंबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने उन्हें पौधपोषण पर उनके योगदान के लिए सम्मानित किया. यह पुरस्कार केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा द्वारा दिया जाना था.
जब सिंह का नाम बोला गया, तो वे स्टेज पर आए लेकिन ये कहते हुए अवॉर्ड स्वीकारने से इनकार कर दिया कि उनका जमीर इसकी इजाजत नहीं देता है.
उन्होंने कहा, ‘मेरी कामना है कि हम राष्ट्र के लिए मिलकर काम करें और सरकार को हमारे प्यारे किसानों की बात सुननी चाहिए. मैंने जो काम किया है, वह केवल किसानों और हमारे राष्ट्र के लिए है, इसलिए मुझे लगता है कि अगर मैं इस पुरस्कार को प्राप्त करता हूं तो मैं दोषी हूं.’
गौड़ा ने सिंह से कई बार पुरस्कार लेने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपने निर्णय एवं मांगों का वर्णन किया है.
मोदी को लिखे पत्र में सिंह ने कहा, ‘मेरा जमीर मुझे किसी भी सरकारी अधिकारी से ये सम्मान प्राप्त करने की इजाजत नहीं देता है, क्योंकि भारत सरकार ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को बेवजह तकलीफें दी हैं.’
नए कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों को अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखने के लिए समर्थन किया. उन्होंने लिखा, ‘ये बेहद दुखद है कि राष्ट्रीय मीडिया अन्नदाता एवं उनके सहयोगियों को आतंकवादी बता रही है.’
कृषि वैज्ञानिक ने मोदी के अलावा गौड़ा को भी पत्र लिखा और कहा, ‘महज प्रोफेशनल फायदे के लिए इस अवॉर्ड को स्वीकारना किसान एवं देश के प्रति धोखा होगा.’
And this one to the PM pic.twitter.com/c9oUKWBqRM
— Om Thanvi | ओम थानवी 🌹 (@omthanvi) December 8, 2020
मालूम हो कि प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए पंजाब के कई प्रतिष्ठित नागरिकों ने हाल ही में पुरस्कार लौटाए हैं या इसकी घोषणा की है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटाया, राज्यसभा सांसद सुखदेव ढींडसा ने अपना पद्म भूषण लौटाया और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा है कि वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार लौटा देंगे.
पंजाब के मशहूर कवि सुरजीत पातर ने भी पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है. पंजाब की कई खेल हस्तियों ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी. इन खिलाड़ियों में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर, पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू आदि शामिल हैं.
पंजाबी गायक एवं अभिनेता हरभजन मान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए चार दिसंबर को राज्य सरकार के ‘शिरोमणि पंजाबी’ पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया था.