जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से 21 दिसंबर से ऑनलाइन परीक्षा शुरू की जा रही है. छात्र-छात्राओं से इसके लिए लैपटॉप या कंप्यूटर और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने को कहा गया है. जम्मू कश्मीर में इंटरनेट स्पीड को लेकर उन्होंने चिंता ज़ाहिर की थी.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया का ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय कश्मीर के छात्र-छात्राओं के लिए बेहद चिंता का विषय है, क्योंकि इसके लिए छात्रों को लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था करने की मांग की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जारी किए गए अपने दिशानिर्देश में परीक्षा नियंत्रक नाज़िम हुसैन जाफरी ने कहा कि छात्र-छात्राओं को लैपटॉप या कंप्यूटर की व्यवस्था करने की आवश्यकता होगी और इसके साथ ही उन्हें निर्बाध बिजली और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करनी होगी. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इस संबंध पर किसी भी चूक के लिए छात्र जिम्मेदार होंगे.
मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘जामिया विश्वविद्यालय के परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में आयोजित करने का निर्णय, जिसमें 3 घंटे के लिए लैपटॉप और हाईस्पीड डेटा की आवश्यकता होती है, जम्मू कश्मीर से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए गहरी समस्या का विषय है. उनसे विकल्पों की तलाश करने का अनुरोध है, ताकि ये होनहार स्टूडेंट परेशान न हों.’
Jamia University’s decision to hold exams in proctored online mode which requires laptops & high speed data for 3 hours is deeply problematic for students hailing from J&K.Request them to look for alternatives so that these bright minds don’t suffer. @jmiu_official @DrRPNishank
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 11, 2020
हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जाफरी साहब से बात की. उन्होंने आवश्यक बदलाव करने का आश्वासन दिया और सुझाव दिया कि इन परीक्षाओं में शामिल हो पाने में असमर्थ छात्र-छात्राएं जामिया के आधिकारिक ईमेल पर जानकारी दें.’
Spoke to Jaffrey sahab, Controller examinations at Jamia about problems faced by students from J&K who have to take exams through proctored online mode.He assured to make necessary changes & suggested that students unable to take these exams email @jmiu_official
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 11, 2020
बता दें कि आगामी 21 दिसंबर से शुरू होने जा रहे परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है, जिनकी छात्रों के वेबकैम और माइक्रोफोन के माध्यम से ऑनलाइन निगरानी की जानी है.
पुलवामा के पास एक गांव के एक छात्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसके पास लैपटॉप या हाई-स्पीड इंटरनेट नहीं है. उसने कहा, मेरे पिता मेरे लिए एक लैपटॉप नहीं खरीद सकते और हमें केवल 2 जी इंटरनेट ही मिलता है. सर्दियों के कारण सब कुछ बर्फ से अवरुद्ध है, इसलिए नेटवर्क सामान्य से अधिक खराब है.