केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि यह ज्ञात नहीं है कि राज्य में कोरोना की वैक्सीन की कितनी डोज़ उपलब्ध होंगी, लेकिन सरकार द्वारा इसे बिना शुल्क के वितरित किया जाएगा.
तिरुवनंतपुरम: देश में बढ़ने कोरोना संक्रमण के मामलों और इसके टीके को लेकर बढ़ रही उम्मीदों के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि राज्य के लोगों के लिए यह टीका बिना किसी शुल्क के उपलब्ध रहेगा.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, विजयन ने शनिवार को कहा, ‘यह ज्ञात नहीं है कि राज्य में वितरण के लिए वैक्सीन की कितनी डोज़ उपलब्ध होगी, लेकिन राज्य सरकार इसे मुफ्त में वितरित करेगी. किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा.’
केरल से पहले तमिलनाडु और मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा भी इसी तरह की घोषणा की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि राज्य में धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या घट रही है. राज्य में शनिवार को कोविड-19 के 5,949 नए मामले सामने आए और 32 मौतें हुई.
इसी के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 6.64 लाख हो गए और मृतकों की संख्या बढ़कर 2,594 हो गई.
विजयन ने लोगों से बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सावधानी न बरतने से राज्य की स्थिति और खराब हो जाएगी.
पिछले 24 घंटों में कुल 59,690 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण दर 9.97 प्रतिशत रही. अब तक 69,21,597 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की वजह से 32 मौतों की पुष्टि हुई है, जिससे राज्य में मृतकों की संख्या 2,594 हो गई.
नए संक्रमितों में 47 स्वास्थ्य कर्मी हैं, जबकि 83 राज्य के बाहर से आए हैं. 5,173 लोग संक्रमितों के संपर्क में आने से इस वायरस की चपेट में आए हैं और 646 लोगों के संक्रमण का स्रोत का पता नहीं चल सका है.
विभिन्न जिलों में कुल 3,15,167 लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. इनमें से 13,334 लोग अस्पतालों में हैं.
मुख्यमंत्री के निशुल्क टीके की घोषणा के खिलाफ विपक्षी दल राज्य चुनाव आयोग पहुंचे
राज्य में कोविड-19 टीका निशुल्क उपलब्ध कराने संबंधी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बयान के खिलाफ विपक्षी गठबंधन यूडीएफ और भाजपा ने रविवार को राज्य चुनाव का दरवाजा खटखटाया है.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि चार उत्तरी जिलों में 14 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं.
हालांकि, सत्तारूढ़ माकपा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘बचकाना’ करार दिया है.
कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के संयोजक एमएम हसन ने संवाददाताओं से कहा कि गठबंधन ने राज्य चुनाव आयोग से संपर्क किया है क्योंकि चार जिलों में चुनाव होने जा रहे हैं और यह घोषणा आचार संहिता का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की घोषणा करने की ऐसी कोई जल्दी नहीं थी.’ वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी जोसेफ ने भी इस बाबत आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है.
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि इस तरह की घोषणा कर मुख्यमंत्री मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं और यह साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है.
इस बीच, माकपा के प्रदेश प्रभारी सचिव ए. विजयराघवन ने त्रिशुर में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा राज्य में जारी कोविड-19 उपचार कार्यक्रम का एक हिस्सा थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)