यूपी: धर्मांतरण क़ानून में पति गिरफ़्तार, अदालत में पत्नी ने कहा- बालिग हूं, मर्ज़ी से किया निकाह

मामला मुरादाबाद का है, जहां पांच दिसंबर को पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर राशिद की गर्भवती पत्नी पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया था. पिंकी ने वहां इंजेक्शन देकर गर्भपात किए जाने का आरोप लगाया है, हालांकि डॉक्टरों ने ऐसा होने से इनकार किया है.

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(फोटोः ट्विटर)

मामला मुरादाबाद का है, जहां पांच दिसंबर को पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर राशिद की गर्भवती पत्नी पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया था. पिंकी ने वहां इंजेक्शन देकर गर्भपात किए जाने का आरोप लगाया है, हालांकि डॉक्टरों ने ऐसा होने से इनकार किया है.

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(फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में धर्म परिवर्तन से संबंधित कानून के तहत दो मुस्लिम भाइयों की गिरफ्तारी के बाद पिंकी को शनिवार को जबरन नारी निकेतन भेज दिया गया था. पिंकी के पति राशिद अली (25) और उनके भाई को पांच दिसंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

पिंकी ने सोमवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में बताया कि वह बालिग हैं, ‘उसकी उम्र 22 साल की है और उसने अपनी मर्जी से जुलाई महीने में देहरादून में निकाह किया  था और अब वह नारी निकेतन में रहने के बजाए अपने पति के परिवार के साथ रहना चाहती है.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने पिंकी को अपनी मर्जी के अनुरूप अपने ससुराल में रहने की मंजूरी दे दी. वहीं, राशिद और उसका भाई अभी भी जेल में ही हैं.

बता दें कि पिंकी और राशिद ने पांच महीने पहले निकाह किया था. पांच दिसंबर को दोनों अपनी शादी का पंजीकरण कराने मुरादाबाद के मैरिज रजिस्ट्रेशन ऑफिस गए थे.

वहां बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक लिया और उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए. इस दौरान राशिद और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया.

पिंकी का कहना है कि वे दोनों अपने शादी का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे थे कि रास्ते में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.

इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिला को बजरंग दल के सदस्यों से यह कहते सुना जा सकता है, ‘मैं बालिग हूं, 22 साल की हूं. मैंने अपनी मर्जी से 24 जुलाई को शादी की थी. यह हमारी शादी का पांचवां महीना है.’

हालांकि, वीडियो में बजरंग दल के लोग उत्तर प्रदेश के नए धर्मांतरण कानून के बारे में बात कर रहे हैं.

पुलिस का कहना है कि पिंकी तीन महीने की गर्भवती है और उसके पास अपनी शादी का कोई प्रमाण नहीं था. युवती के परिजनों ने शिकायत की थी कि राशिद ने जबरन उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराया.

वहीं, पिंकी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में कहा कि उसका जन्म 1998 में हुआ था और वह वयस्क हैं.

मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्रा का कहना है, ‘लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में कहा है कि उसका जन्म 1998 में हुआ था और उसने और राशिद ने देहरादून में 24 जुलाई को निकाह किया था.’

वहीं, इस बीच खबर आई थी कि पिंकी का गर्भपात हुआ है, हालांकि अधिकारियों ने इससे  इनकार किया था.

बताया गया है कि नारी निकेतन में रहने के दौरान पिंकी ने पेट दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे दो बार अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि भ्रूण ठीक है.

मुरादाबाद महिला जिला अस्पताल की कार्यवाहक मुख्य मेडिकल अधीक्षक डॉ. निर्मला पाठक ने कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भ्रूण को साफतौर पर देखा जा सकता है, जो ठीक है.

पिंकी ने लगाया नारी निकेतन में प्रताड़ित करने का आरोप, गर्भपात के दावे पर अड़ी

टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार कंवरदीप सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में पिंकी उर्फ मुस्कान जहां को यह कहते सुना जा सकता है कि नारी निकेतन में उसे प्रताड़ित किया गया.

पिंकी के पति और उसके देवर को पांच दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और पिंकी को उसी दिन नारी निकेतन भेजा गया था.

वीडियो में पिंकी कहती हैं, ‘तीन दिनों तक मुझे पेट में दर्द हुआ. उन्होंने ध्यान नहीं दिया. जब मेरी तबियत बिगड़ी तो वे मुझे अस्पताल ले गए. डॉक्टर ने मुझे इंजेक्शन दिया. इसके बाद खून बहने लगा, जिसके बाद मुझे दवाइयां और और इंजेक्शन दिए गए. मैंने अदालत में अपना बयान दिया है. इसके बाद मेरी तबियत और बिगड़ गई. मेरा गर्भपात हो गया था. मुझे इंजेक्शन दिए गए थे, जिसके बाद मेरा गर्भपात हुआ.’

रिपोर्टर द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि मेडिकल लापरवाही से उनका गर्भपात हुआ? इस पर पिंकी कहती है, ‘मुझे इंजेक्शन दिए गए थे, जिससे मेरा खून बहा. दो दिन बाद मुझे चार इंजेक्शन और दवाइयां दी गई थी, जिसके बाद मेरी तबियत और बिगड़ गई थी और ज्यादा खून बहने लगा था. खून बहना थमा ही नहीं.’

पिंकी ने कहा, ‘मैंने 24 जुलाई को अपनी मर्जी से देहरादून में शादी की थी. यह मेरी शादी का छठा महीना है. हमने देहरादून आईएसबीटी आजाद कॉलोनी में शादी की थी.’

वीडियो में पिंकी को अपने पति राशिद अली और देवर सलीम की रिहाई की गुहार लगाते सुना जा सकता है.

बता दें कि पिंकी के कथित गर्भपात की खबर सबसे पहले ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने दी थी. पिंकी के ससुराल वालों ने कहा था कि मुरादाबाद के नारी निकेतन ने उनका गर्भपात करने के लिए इंजेक्शन लगाए थे.

बाद में इंडिया टुडे ने मुरादाबाद के बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता के हवाले से बताया था कि पिंकी के गर्भपात की खबरें गलत हैं और इस तरह का कोई गर्भपात नहीं हुआ था.

मुरादाबाद पुलिस का कहना है कि वे पिंकी के बयान कि उसकी और राशिद की शादी धर्मांतरण कानून से पहले हुई थी समेत अन्य पक्षों पर कानूनी राय लेगी.

मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने कहा, ‘पिंकी के निकाह और धर्मांतरण सहित सभी दावों की जांच की जाएगी. इससे संबंधित दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी. पुलिस युवती के परिवार के सदस्यों और अन्य के बयान भी लेगी.’

बता दें कि राशिद के खिलाफ दर्ज मामला उत्तर प्रदेश में 29 नवंबर से लागू धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत दर्ज पांचवां मामला है.

इससे पहले बरेली में 21 साल के युवक को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था.

वहीं, सात और लोगों को गिरफ्तार किया गया और सीतापुर में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मऊ में 14 लोगों के खिलाफ और मुजफ्फरनगर मे दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

बता दें कि बीते 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार तथाकथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ ले आई थी.

इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर विभिन्न श्रेणियों के तहत अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया है.

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसी दिन एक युवती के पिता की शिकायत पर बरेली जिले में नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत अपना पहला मामला दर्ज किया गया था.

हालांकि इस मामले में यह भी आरोप लगा है कि पुलिस के दबाव में आकर यह केस दर्ज कराया गया था.

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