इस साल मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस के 22 विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी. अब इंदौर में हुए एक कार्य्रक्रम में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसमें धर्मेंद्र प्रधान की नहीं, प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी भूमिका थी.
भोपाल: भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने यह बात कही. वे इंदौर से छह बार चुनाव जीत चुके हैं.
अपने संबोधन में विजयवर्गीय ने कहा, ‘ये परदे के पीछे की बात कर रहा हूं, आप किसी को बताना मत. मैंने आज तक किसी को नहीं बताया, पहली बार इस मंच पर बता रहा हूं. कमलनाथ जी की सरकार गिराने में यदि किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी, धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी.’
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— S. Imran Ali Hashmi (@syedimranhashmi) December 17, 2020
वहीं, मंच पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का स्वागत करते हुए विजयवर्गीय ने आगे कहा, ‘कमलनाथ के सपने में आने वाले एकमात्र कार्यकर्ता नरोत्तम मिश्रा थे.’
केंद्र सरकार के तीन नए और विवादित कृषि कानूनों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए यह किसान सम्मेलन प्रदेश में इंदौर के साथ ग्वालियर, सागर, जबलपुर भी आयोजित किया गया.
ग्वालियर में इसका आयोजन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. सागर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल जबकि रीवा और जबलपुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आयोजन किया था.
इंदौर के सम्मेलन में विजयवर्गीय के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे.
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘विजयवर्गीय ने खुद कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि की है कि उसकी सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा असंवैधानिक साधनों का उपयोग करके गिराया गया था.’
मालूम हो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस के 22 विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण दिसंबर 2018 में सत्ता में आने वाली तत्कालीन कमलनाथ सरकार इस साल 20 मार्च को गिर गई थी.
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी. इसके बाद से ही कांग्रेस लगातार कहती रही है कि असंवैधानिक तरीके से सरकार गिराने के लिए उन विधायकों को खरीदा गया था.
पिछले महीने हुए विधानसभा उपचुनावों में पार्टी ने ‘बिकाऊ बनाम टिकाऊ सरकार’ को अपना नारा बनाया था.
28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 और कांग्रेस ने नौ सीटों पर जीत हासिल की. इसके साथ ही 230 सदस्यीय सदन में भाजपा विधायकों की संख्या 126, जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या 96 हो गई है.