पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में पी जाती है महाराष्ट्र से ज़्यादा शराब: सरकारी सर्वे

साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी लागू कर दी थी, जिसके बाद से यह ‘ड्राई स्टेट’ बन गया.

लेकिन हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा शराब पी जाती है.

सर्वे के मुताबिक बिहार में 15.5 फीसदी पुरुषों ने शराब पीने की बात स्वीकार की है. शहरी बिहार की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की खपत अधिक है.

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 15.8 फीसदी लोग शराब पीते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 14 फीसदी था.

वहीं महाराष्ट्र, जहां शराबबंदी लागू नहीं है, में 13.9 फीसदी पुरुष शराब का सेवन करते हैं. महाराष्ट्र के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शराब की खपत का अनुपात बिहार की तुलना में कम है.

शहरी महाराष्ट्र में, 13 प्रतिशत आबादी शराब का उपभोग करती है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ये आंकड़ा 14.7 फीसदी है.

दोनों राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पीने वाले लोगों का प्रतिशत अधिक है. वहीं बिहार और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में 0.4 फीसदी महिलाओं शराब पीती हैं.

हालांकि बिहार के शहरी क्षेत्रों में महिलाएं महाराष्ट्र की तुलना में अधिक शराब पीती हैं. बिहार में जहां ये आंकड़ा 0.5 प्रतिशत है, वहीं महाराष्ट्र में यह 0.3 प्रतिशत है. 

ग्रामीण बिहार में 0.4 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, वहीं महाराष्ट्र में ये आंकड़ा 0.5 फीसदी है.

बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य नहीं है जिसने एनएफएचएस के आंकड़ों के आधार पर चर्चा बटोरी है. गोवा, जो अपनी उदार संस्कृति के चलते अत्यधिक शराब सेवन के लिए जाना जाता है, में तेलंगाना से कम शराब पी जाती है.

सर्वे के मुताबिक, जहां गोवा में 36.9 फीसदी पुरुष शराब पीते हैं, वहीं तेलंगाना में ये आंकड़ा 43.3 फीसदी है, जबकि ये राज्य गोवा की तरह उतना ‘खुला’ नहीं है.

कुल मिलाकर ग्रामीण भारत में शहरों की तुलना में ज्यादा शराब पी जाती है. यदि राज्यों को देखें तो सबसे कम 5.8 फीसदी पुरुष गुजरात में शराब पीते हैं. वहीं केंद्रशासित प्रदेशों में कश्मीर में सबसे से कम 8.8 फीसदी पुरुष शराब पीते हैं.

एनएफएचएस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश में शराब की तुलना में तंबाकू की खपत अधिक है.

मिजोरम में तंबाकू की खपत का सबसे अधिक है. यहां 75 प्रतिशत पुरुष और 65 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करते हैं.

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