उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया.
आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के आरोप लगाए हैं, साथ ही हाथरस में स्थानीय अदालत ने इसका संज्ञान लिया है.
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोप भी लगाए हैं.
पीड़ित के भाई ने द वायर को बताया, ‘हमेशा अंत में सच सामने आता है. हमें खुशी है कि सीबीआई ने आरोपियों पर कार्रवाई की है.’
उल्लेखनीय है कि हाथरस में इस दलित युवती से ठाकुर जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था. युवती के साथ बुरी तरह मारपीट भी की गई थी. युवती की रीढ़ की हड्डी में भी गंभीर चोटें आई थीं.
आरोप यह भी है कि आरोपियों ने उनकी जीभ भी काट दी थी. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी.
इसके बाद 30 सितंबर की आधी रात को ही उनके घर के पास उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था.
Hathras: CBI files chargesheet in #Hathrascase at a special SC/ST court. CBI will take brother of Hathras case victim to Gujarat for a psychological assessment.
"CBI filed chargesheet against all 4 accused under various sections," says Munna Singh Pundir, lawyer of accused pic.twitter.com/mVOmJ4KeAu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 18, 2020
युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंतिम संस्कार करने के लिए उन पर दबाव डाला था. हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों- संदीप (20), उसके चाचा रवि (35) और दोस्त लवकुश (23) तथा रामू (26)-की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं.
उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला में आरोपियों की विभिन्न फॉरेंसिक जांच भी की गई है. सीबीआई के जांचकर्ता अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले.
कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था. बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया.
सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) इकाई को सौंपा था. टीम पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है.
इस बीच यूपी सरकार ने यह भी दावा किया है कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए मामले का इस्तेमाल किया जा रहा था और एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ थी.
यूपी पुलिस ने रिपोर्ट करने के लिए हाथरस जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इस मामले के तहत आरोपी बनाया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)