किसान आंदोलन में शामिल किसान संगठन को मिले विदेशी चंदे की बैंक ने मांगी जानकारी

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों को डराने का प्रयास कर रही है. यह संगठन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वाले सबसे बड़े कृषि संगठनों में से एक है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों को डराने का प्रयास कर रही है. यह संगठन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वाले सबसे बड़े कृषि संगठनों में से एक है.

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मोहाली: पंजाब एंड सिंध बैंक के अधीन विदेशी मुद्रा विभाग ने भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां को मिले विदेशी चंदे का विवरण मांगा है. सिंह पिछले चार सप्ताह से केंद्र सरकार के तीन नए और विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.

बीकेयू (एकता-उगराहां) सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सबसे बड़े कृषि संगठनों में से एक है, जिसके बैनर तले टिकरी सीमा पर एक लाख से अधिक लोग इकट्ठा हुए हैं.

सिंह ने द वायर  से कहा, ‘18 दिसंबर को कोकरीकलां गांव में पंजाब एंड सिंध बैंक के बैंक मैनेजर ने मुझे बताया कि उन्हें एक ईमेल मिला है, जिसमें कहा गया है कि मेरे खाते में प्राप्त दान सरकार द्वारा दिए गए नियमों के तहत प्राप्त नहीं हुए हैं.’

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय किए गए नियमों में कहा गया है कि जिन खातों में ऐसे दानदाता हैं, जो भारतीय नागरिक नहीं हैं, उनके पास विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 1976 (एफसीआरए) लाइसेंस होना चाहिए.

पंजाब एंड सिंध बैंक के बैंक मैनेजर ने द वायर  से इस बात की पुष्टि की कि खाताधारक सुखदेव सिंह कोकरीकलां के पास आवश्यक लाइसेंस नहीं है, हालांकि अगर विदेश में रहने वाले दानदाता भारतीय (एनआरआई) हैं तो लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है.

लेकिन सिंह के अनुसार, सरकार आंदोलनकारी किसानों को डराने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘पहले भी हमें विदेशों से चंदा मिल रहा था, लेकिन हमारी जांच नहीं की गई थी, केवल अब उन्होंने हमें जानकारी प्रदान करने के लिए कहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘चूंकि आंदोलन के कारण हमारा खर्च बढ़ गया है और हम अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से दान मांग रहे हैं तो हमारे दान में वृद्धि हो रही है.’

एक बैंक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पहले सवालों के घेरे में आने वाले खाते में किए गए दान की जांच नहीं की जाती थी.

सिंह ने कहा कि संघ के अन्य सदस्यों के साथ वह अपने वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह-मशवरा करेंगे और बैंक से आए ईमेल का जवाब देंगे.