जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में 2,178 उम्मीदवार मैदान में थे. जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्ज़ा ख़त्म किए जाने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में यह पहला चुनाव था.
श्रीनगर/जम्मू: जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकर गठबंधन को 280 सीटों में से 110 सीटों पर जीत हासिल हुई है.
हालांकि अभी कुछ जगहों के नतीजे सामने नहीं आए हैं, लेकिन भाजपा 74 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. जम्मू संभाग के जम्मू, उधमपुर, कठुआ, सांभा जैसे हिंदू बहुल जिलों में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है. पार्टी को यहां की 56 में 49 सीटों पर बढ़त हासिल है.
49 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से में 26 सीटें आई हैं. 25 सीटों के नतीजे आने अभी बाकी हैं.
केंद्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवंबर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ. अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव था. चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है.
डीडीसी चुनावों का परिणाम अनुमान के अनुरूप ही दिख रहा है. जम्मू क्षेत्र में भाजपा मजबूती बनाए हुए है वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन गुपकर का प्रदर्शन कश्मीर घाटी और जम्मू के पीर पंजाल और चेनाब घाटी क्षेत्रों में बेहतर है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक के परिणामों के अनुसार भाजपा ने जम्मू के छह जिला विकास परिषदों में नियंत्रण हासिल कर लिया है. हालांकि कश्मीर के परिणाम पार्टी के लिए बहुत अच्छे नहीं रहे.
वोटों की गिनती से महज एक दिन पहले प्रशासन ने नईम अख्तर, सरताज मदनी और हिलाल अहमद लोन सहित पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई नेताओं को हिरासत में लिया है. उन्हें हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बताई गई है.
ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर घाटी में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ भाजपा को जीत मिली है. भाजपा को घाटी में तीन सीटें मिली हैं.
घाटी में जीत से उत्साहित भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है. यह सत्यापित करता है कि जम्मू कश्मीर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है.’
लेकिन, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले को खारिज किया.
पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पारा ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर में पुलवामा जिले से डीडीसी के चुनाव में जीत दर्ज की. आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर पारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में हैं. पारा ने भाजपा प्रत्याशी सज्जाद अहमद रैना को पराजित किया.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के युवा नेता की जीत पर गर्व है. महबूबा ने ट्वीट किया, ‘पीडीपी उम्मीदवार वहीद पारा के अपने पहले ही चुनाव में वोटों के बड़े अंतर से जीतने पर गर्व है. नामांकन दाखिल करने के बाद निराधार आरोपों में गिरफ्तार होने के बावजूद लोगों ने वहीद के प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया.’
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 25 नवंबर को पारा को गिरफ्तार किया था. पारा ने गुपकर उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया था.
Couldn’t be prouder of PDPs @parawahid who won his maiden election by a huge margin of votes. Despite being arrested on baseless charges right after filing his nomination people have shown their love & trust for Waheed. Hope justice prevails. pic.twitter.com/MOU8gNUOic
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 22, 2020
डीडीसी की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए थे. पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को हुआ था और आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ. कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इन चुनावों में 57 लाख पात्र मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
इस चुनाव में 2,178 उम्मीदवार मैदान में थे. केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में प्रत्येक में 14 सीटें हैं.
कश्मीर केन्द्रित मुख्य धारा की सात राजनीतिक पार्टियों ने गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था. इन पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी शामिल हैं.
शुरुआत में कांग्रेस भी पीएजीडी का हिस्सा थी, लेकिन बाद में उसने गठबंधन से दूरी बना ली क्योंकि भाजपा ने विपक्षी दलों को ‘गुपकर गैंग’ कहते हुए निशाना साधा था. पिछले सात चरण में कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पीएजीडी के साथ उसकी सहमति थी.
बता दें कि, डीडीसी चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर कम से कम 20 राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया था. इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के भी तीन वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं.
पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी नेताओं को हिरासत में लिए जाने को ‘गुंडा राज’ बताते हुए भाजपा पर ‘परिणामों के साथ छेड़छाड़ करने का’ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)