गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला और उनके समर्थकों ने केंद्र के तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ अहमदाबाद के गांधी आश्रम से दिल्ली के राजघाट तक मार्च करने की योजना बनाई थी, हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां से निकलने नहीं दिया.

नई दिल्ली: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि बीते शनिवार को उन्हें नजरबंद कर दिया गया और पुलिस ने साबरमती आश्रम से उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया.
वाघेला और उनके समर्थकों ने केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ अहमदाबाद के गांधी आश्रम से दिल्ली के राजघाट तक मार्च करने की योजना बनाई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मीडिया को संबोधित करते हुए वाघेला ने कहा, ‘उन्होंने (पुलिस) सुबह में बताया कि मुझे नजरबंद किया जा रहा है. यह कश्मीर घाटी जैसा ही नया सिस्टम है.’
Gujarat: Former CM Shankersinh Vaghela today announced 'Challo Dilli" campaign in Ahmedabad to support protesting farmers.
While he is under detention at home, police stopped his supporters outside Gandhi Ashram & detained them as they began their protest march towards Delhi. pic.twitter.com/1AFClEjPBF
— ANI (@ANI) December 26, 2020
कुछ महीने पहले ही राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) छोड़ने वाले वाघेला ने कहा, ‘सरकार ने सारी तैयारियां कर ली थीं ताकि मैं गांधीनगर में अपने घर से बाहर न निकल पाऊं. रात में मुझे फोन आया कि साबरमती आश्रम के बाहर लगे हमारे सारे बैनर, झंडे और पोस्टर्स हटा दिए गए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आखिर कोई क्यों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकता है. यदि आपके पास कानून का समर्थन करने का अधिकार है तो हमें भी इसके विरोध का अधिकार है, लेकिन ये सरकार हमें प्रतिरोध का अधिकार नहीं देना चाहती है. आईपीसी की धारा 144 सिर्फ विपक्ष पर ही लागू होती है. ये भाजपा पर लागू नहीं होती है.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने साबरमती आश्रम पर विरोध प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी, लेकिन पुलिस ने जवाब नहीं दिया. वाघेला ने कहा कि वे किसानों को ये समझाएंगे कि किस तरह नया कानून सिर्फ ‘अंबानी और अडानी’ के हित में है.
आज (रविवार) सुबह में जब उनके समर्थक साबरमती आश्रम के बाहर इकट्ठा होकर विवादित कानून के खिलाफ नारेबाजी करने लगे तो पुलिस ने तत्काल उन्हें हिरासत में ले लिया.
रानिप पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जेबी खानबाला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘केवल शंकरसिंह वाघेला के वॉलेंटियर और समर्थक पोस्टर-बैनर के साथ प्रदर्शन करने के लिए साबरमती गांधी आश्रम पहुंचे थे. उन्हें किसी विरोध प्रदर्शन या रैली करने की मंजूरी नहीं दी गई थी, इसलिए हमने इस मामले में 53 लोगों को हिरासत में लिया और उन्हें पुलिस स्टेशन लाया गया. किसी के भी खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और सभी 53 लोगों को छोड़ दिया गया है.’
मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले एक महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.