असम ने कहा, पड़ोसी राज्यों ने इस साल 56 बार उसकी ज़मीन पर अतिक्रमण किया

असम सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि 2020 में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड और मिज़ोरम राज्यों द्वारा भूमि अतिक्रमण की घटनाओं का सामना करना पड़ा. कछार ज़िले से सबसे ज़्यादा 17 मामले सामने आए, जिसमें असम और मिज़ोरम के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)

असम सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि 2020 में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड और मिज़ोरम राज्यों द्वारा भूमि अतिक्रमण की घटनाओं का सामना करना पड़ा. कछार ज़िले से सबसे ज़्यादा 17 मामले सामने आए, जिसमें असम और मिज़ोरम के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)

गुवाहाटी: असम सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि वर्ष 2020 में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम जैसे पड़ोसी राज्यों द्वारा भूमि अतिक्रमण की 56 घटनाओं का उसे सामना करना पड़ा.

विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने बताया कि इस साल एक जनवरी से 11 जिलों में भूमि अतिक्रमण की 56 घटनाएं सामने आईं.

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से पटवारी ने बताया कि कछार से सबसे ज्यादा 17 मामले सामने आए. जिसमें असम और मिजोरम के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं.

उन्होंने बताया कि इसमें एक व्यक्ति की मौत भी हुई है.

चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि कछार के बाद वेस्ट कार्बी आंगलोंग और कामरूप जिलों से भूमि अतिक्रमण की सात घटनाएं सामने आईं.

उन्होंने कहा कि लखीमपुर (छह मामले), धेमाजी और कर्बी आंगलोंग (पांच-पांच मामले), जोरहाट (चार मामले), करीमगंज (दो) और सादिया, तिनसुकिया और शिवसागर से एक-एक मामला सामने आया.

उन्होंने कहा कि अतिक्रमण वाली जमीन को वापस लेने के लिए असम सरकार ने संबंधित राज्यों और केंद्र को कई पत्र लिखे हैं.

बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार जिले के लैलापुर गांव और मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें चार लोग घायल हो गए थे और भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी थी.

इसके बाद से असम और मिजोरम की सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर नाकेबंदी कर दी गई थी. केंद्र के हस्तक्षेप के बाद पूर्वोत्तर के इन दो राज्यों के बीच जारी तनाव को कम किए जाने की सहमति के बावजूद जारी गतिरोध से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई हफ्तों बाधित हुई थी.

इन घटनाओं के बाद असम, मिजोरम और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुईं. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर को मिजोरम और असम के मुख्य सचिवों की एक ऑनलाइन बैठक हुई थी, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा की गई थी.

 

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)