धर्मांतरण रोधी क़ानून के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहली चार्जशीट दाख़िल की

उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले का मामला. 22 वर्षीय युवक पर एक दलित युवती का अपहरण और बलात्कार करने का आरोप है. पुलिस ने अपहरण, बलात्कार और नए धर्मांतरण रोधी कानून से संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर युवक को बीते 10 दिसंबर को गिरफ़्तार किया था.

(फोटो साभार: ​इंडिया रेल इंफो)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले का मामला. 22 वर्षीय युवक पर एक दलित युवती का अपहरण और बलात्कार करने का आरोप है. पुलिस ने अपहरण, बलात्कार और नए धर्मांतरण रोधी कानून से संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर युवक को बीते 10 दिसंबर को गिरफ़्तार किया था.

(फोटो साभार: इंडिया रेल इंफो)
(फोटो साभार: इंडिया रेल इंफो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नए धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पुलिस ने पहला आरोप-पत्र (चार्जशीट) बढ़ई का काम करने वाले 22 वर्षीय अफजल के खिलाफ दाखिल किया है, जिन्हें पिछले महीने कथित तौर पर एक दलित युवती को उनके घर के पास से अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफजल को ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ के तहत आरोपी बनाए जाने के साथ ही पुलिस ने जिला मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए युवती के बयान को आधार बनाते हुए उन पर बलात्कार का भी आरोप लगाया है. जांच अधिकारी कुलदीप कुमार गुप्ता ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने कहा, ‘युवती ने यह भी कहा कि आरोपी ने उनका धर्म बदलवाने का प्रयास किया. बलात्कार और उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020 के अलावा हमने आईपीसी धारा 366 (अपहरण, अपहरण या उत्पीड़न के तहत युवती को उसकी शादी के लिए मजबूर करने) और अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत आरोप-पत्र दायर किया है.’

उन्होंने कहा, ‘इस सप्ताह के शुरू में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप-पत्र दायर किया गया था.’

पुलिस के अनुसार, कुछ महीने पहले 21 वर्षीय युवती अपने माता-पिता के साथ चंडीगढ़ रहने चली गई थी. इसके बाद उनके घर के पास रहने वाला युवक भी वहीं आकर रहने लगा.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने युवती और उनके माता-पिता वापस बिजनौर रिश्तेदार की शादी में शामिल होने आए. इसके बाद 6 दिसंबर को युवती घर के पास स्थित एक बाजार में जाने के बाद गायब हो गई.

इसके दो दिन बाद युवती के पिता ने जब सुना कि उनकी बेटी आखिरी बार अफजल के साथ देखी गई थी, तब उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई. पुलिस ने अपहरण और नए धर्मांतरण रोधी कानून के तहत केस दर्ज किया. 9 दिसंबर को पुलिस को युवती जिले में ही मिल गई.

मजिस्ट्रेट को दिए गए अपने बयान में युवती ने कहा कि अफजल ने अपनी असली पहचान छुपाई और दावा किया कि उसका नाम सोनू था. युवती ने कहा कि वह उनके घर जाया करता था और जल्द ही वे दोस्त बन गए.

जांच अधिकारी ने कहा, ‘युवती ने दावा किया कि आरोपी ने उसका साथ यौन उत्पीड़न किया और जब वह उनके साथ गईं तो उन्हें उनकी असली पहचान के बारे में पता चला. उसने उन्हें अपना असली नाम बताया और कहा कि धर्म परिवर्तन के बाद वह उनसे शादी करेगा.’

10 दिसंबर को पुलिस ने अफजल को गिरफ्तार किया और उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 27 नवंबर को ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ को मंजूरी दी थी.

इस अध्यादेश के तहत शादी के लिए छल-कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया था कि अध्यादेश का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि नाबालिगों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की युवती के मामले में तीन से 10 वर्ष तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की होगी.

इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में तीन से दस साल तक की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020 लाने के बाद से राज्य में 14 केस दर्ज किए गए और 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से 49 अभी जेल में हैं.