ग़ाज़ीपुर में उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर बने प्रदर्शन स्थल की घटना. मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले में बिलासपुर निवासी किसान सरदार कश्मीर सिंह के रूप में हुई. अपने कथित सुसाइड नोट में उन्होंने कहा है कि आंदोलन के दौरान पंजाब के कई लोगों की मौत हुई, जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से किसी ने भी बलिदान नहीं दिया.
गाजियाबाद: गाजीपुर में उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 75 साल के एक किसान ने शनिवार को कथित रूप से फांसी लगा ली.
पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बिलासपुर निवासी किसान सरदार कश्मीर सिंह ने सचल शौचालय में रस्सी से फांसी लगा ली.
गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम के पुलिस अधीक्षक अंशु जैन ने को बताया कि उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है जो गुरमुखी में लिखा गया है.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक नेता के अनुसार, सरदार कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा कि सरकार को कृषि कानूनों को अवश्य ही वापस लेना चाहिए, क्योंकि ये किसानों के हितों के खिलाफ हैं.
बीकेयू और कई अन्य किसान संगठन एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं.
कथित सुसाइड नोट में सिंह ने इस बात पर क्षोभ प्रकट किया कि इस आंदोलन के दौरान पंजाब के कई लोग मर गए, जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से किसी ने भी बलिदान नहीं दिया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कथित सुसाइड नोट मे लिखा है, ‘तीन कृषि कानूनों की वजह से मैं दिल्ली आया. ये भारत के सभी किसानों के लिए लाभकारी नहीं हैं. किसान चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. सरकार इन्हें वापस नहीं ले रही है.’
इसके अनुसार, ‘इस प्रदर्शन में पंजाब के 50 से अधिक किसानों की पहले ही मौत हो चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से किसी किसान ने अपना बलिदान नहीं दिया, इसलिए मैं कृषि कानूनों के विरोध में बलिदान दे रहा हूं.’
उन्होंने सिख समुदाय से उनके परिवार को उनकी दो पोतियों की शादी कराने में मदद करने और उनकी शादीशुदा बेटी की घरेलू समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध भी किया है.
इंदिरापुरम के पुलिस अधीक्षक जैन ने बताया कि सिंह का शव उनके पौत्रों को सौंप दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मृतक किसान के बेटे लखवीर सिंह लाडी ने कहा, ‘मेरे पिता 20-25 दिनों से गाजीपुर में थे. कोई नहीं जानता था कि वह ऐसा कुछ करने जा रहे हैं, उन्होंने हमसे कभी ऐसा कुछ जिक्र नहीं किया. हमें इस घटना की जानकारी तब हुई, जब हमारे कुछ किसान भाइयों ने फोन पर इस बारे में बताया.’
सिंह के तीन बेटे और एक बेटी तथा पांच पोते-पोतियां हैं.
बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने उनकी मृत्यु पर शोक प्रकट किया. उन्होंने सरकार से कश्मीर सिंह और बीते शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से एक अन्य किसान की मौत पर उनके के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की.
मालूम हो दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बीते 26 नवंबर से चल रहे किसानों के विरोध के दौरान प्रदर्शन स्थलों पर यह तीसरी आत्महत्या है.
इससे पहले बीते 28 दिसंबर को दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन स्थल से कुछ दूरी पर पंजाब के एक वकील ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. उनकी पहचान पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद निवासी अमरजीत सिंह के रूप में हुई थी.
अमरजीत सिंह टिकरी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) उगराहां से जुड़े किसानों के साथ आंदोलन में शामिल थे.
सबसे पहले बीते 16 दिसंबर को हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले 65 वर्षीय एक सिख संत बाबा राम सिंह ने कुंडली बॉर्डर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)