मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पत्थरबाज़ों और सार्वजनिक या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को सज़ा दिलाने के साथ-साथ उनसे नुकसान की वसूली करने के लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही सख़्त क़ानून बनेगा.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पत्थरबाजों और सार्वजनिक या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को सजा दिलाने के साथ-साथ उनसे नुकसान की वसूली करने के लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही सख्त कानून बनेगा.
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं और उस पर काम शुरू कर दिया गया है.’
उनका यह बयान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने गई हिंदू संगठनों की वाहन रैलियों पर पश्चिमी मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर एवं मंदसौर जिलों में हाल ही में हुई पथराव की घटना एवं हिंसा के बाद आया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पत्थरबाजी की हालिया घटना के बाद उज्जैन के बेगम बाग से 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से 10 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है. इंदौर के चंदन खेड़ी में 27 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य लोगों की पहचान की जा रही है.
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा नीत उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी इसी तरह का कड़ा कानून बनाकर लागू किया है.
आदित्यनाथ ने यह कानून तब बनाया, जब सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले लोगों ने अपने आंदोलन के दौरान वहां पर सार्वजनिक संपत्ति को भारी तादाद में नुकसान पहुंचाया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘अगर कोई अपना मुद्दा शांतिपूर्वक उठा रहा है, तब लोकतंत्र लागू होता है. लेकिन किसी को भी सावर्जनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं है.’
चौहान ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया, ‘पत्थरबाजी करने वाले पत्थरबाज कोई भी हों, ये समाज के दुश्मन हैं. इससे लोगों की जान भी जा सकती है. इससे भय और आतंक का माहौल पैदा होता है, भगदड़ मचती है और अव्यवस्था होती है.’
उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में कानून का राज रहेगा. इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं हैं. इनको छोड़ा नहीं जाएगा. अभी तो मामूली सी कार्रवाई होती थी. अब हम सजा का प्रावधान करने के लिए कानून ला रहे हैं. कानून बना रहे हैं.’
चौहान ने कहा, ‘लेकिन केवल पत्थरबाजी नहीं. कई बार उत्पाती सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ किसी की व्यक्तिगत संपत्तियों को भी आग लगाकर या तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाते हैं. यह अक्षम्य अपराध है. ’
उन्होंने कहा, ‘शांतिपूर्ण ढंग से कोई अपनी बात कहे तो लोकतंत्र इसकी इजाजत देता है. लेकिन आग लगा दो, तोड़फोड़ कर दो, पत्थर चला दो. इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.’
मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा था, ‘पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कानून जरूरी है. कई बार पथराव की घटना में जान जाने का भी खतरा रहता है.’
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा कानून उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति अध्यादेश को नुकसान की वसूली, 2020 की तर्ज पर अधिक कड़े प्रावधानों के साथ तैयार किया जा है.
उनके अनुसार, कानून का मूल विचार किसी भी प्रकार की बर्बरता के कृत्यों के माध्यम से नष्ट की गई सभी सार्वजनिक और निजी संपत्ति को कवर करना है, चाहे वह पथराव या आगजनी हो, जहां अभियुक्त को क्षति के लिए भुगतान करना होगा. अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के कानून में निजी संपत्ति के दायरे की व्यापक परिभाषा होगी.
फिलहाल पत्थरबाजी की घटना आईपीसी की धारा 336 के तहत आती है और कानून में संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान जोड़ा जाएगा.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी 2021 तक मध्य प्रदेश में जन-जन को जोड़कर निधि समर्पण के अंतर्गत राशि एकत्र की जानी है.
इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास निधि के आह्वान पर मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में गांव-गांव में श्रीराम यात्रा निकाल कर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) सहित हिंदू संगठनों का कहना है कि राम मंदिर के लिए निधि जुटाने वाली उनकी रैलियों के दौरान उन पर पथराव किया गया.
विहिप का कहना है कि इस अभियान के तहत 50 हजार गांवों के 1.25 करोड़ परिवारों को भागीदार बनाया जाएगा.
हालांकि, मालवा क्षेत्र (पश्चिमी मध्य प्रदेश) में मुसलमानों ने आरोप लगाया है कि इन रैलियों के दौरान उनके घरों एवं धार्मिक स्थानों को निशाना बनाया जा रहा है.
दो दिन पहले विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर में चौहान से मुलाकात की थी और उनसे पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की थी.
विहिप के एक नेता ने रविवार को बताया, ‘हमारे मालवा प्रांत के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री चौहान जी को दो दिन पहले इंदौर में एक ज्ञापन दिया था और उनसे पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की थी.’
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और अधिवक्ता साजिद अली ने कहा, ‘हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए, लेकिन इसे निष्पक्ष रूप से लागू किया जाना चाहिए. हर रैली, जुलूस और सार्वजनिक समारोहों के शुरू होते ही वीडियोग्राफी की जानी चाहिए, ताकि हिंसा की शुरुआत करने वाला कोई भी व्यक्ति या समूह कैमरे में कैद हो जाए और उसे दंडित किया जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)