हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल के कैमला गांव में केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों का फायदा बताने के लिए किसान महापंचायत का संबोधित करने वाले थे. पुलिस ने किसानों को कार्यक्रम में बांधा डालने से रोकने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर तोड़-फोड़ करने के बाद किसान महापंचायत को रद्द कर दिया है.
यह महापंचायत करनाल जिले के कैमला गांव में होने वाली थी और मुख्यमंत्री खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘फायदे’ बताने वाले थे.
भाजपा नेता रमण मल्लिक ने बताया कि बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरूनी के कहने पर किसानों के हुड़दंगी व्यवहार के कारण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है.
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के तत्वावधान में किसानों ने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे. वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
रविवार को किसान काले झंडे लिए हुए थे और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे.
पुलिस ने गांव के प्रवेश स्थानों पर बैरीकेड लगा दिए, ताकि वे कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाएं.
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
Karnal: Protesting farmers gather in Kaimla village where Haryana CM Manohar Lal Khattar will hold Kisan Mahapanchayat shortly.
Police use teargas to disperse protestors. pic.twitter.com/SxV5ivKKs9
— ANI (@ANI) January 10, 2021
बहरहाल, प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया. किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए. उन्होंने किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था.
खट्टर करनाल के इस गांव में आयोजित महापंचायत में कृषि कानूनों के फायदे गिनाने वाले थे. इस दौरान न सिर्फ उन्हें काले झंडे दिखाए गए बल्कि नारेबाजी भी की गई.
क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब !
‘सरकारी’ महापंचायत तो होकर रहेगी?
ये अन्नदाता हैं। ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते।
इन्हें डराइए नहीं। इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये।
तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए।#किसानों_का_दर्द_समझों #FarmersProtest
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री खट्टर पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, ‘क्या कह रहे थे, खट्टर साहब. ‘सरकारी’ महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं. ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते. इन्हें डराइए नहीं. इनकी जिंदगी, रोजी-रोटी मत छीनिए. तीनों खेती बिल वापस कराइए, वरना झोला उठाकर घर जाइए.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महापंचायत की सुरक्षा हेतु 1,500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और सात चेकपोस्ट बनाए गए थे. पुलिस के साथ झड़प से पहले आंदोलनकारी किसान छह जांच चौकियों को पार करने में कामयाब रहे थे.
भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के कई वरिष्ठ नेताओं को बीते कई दिनों से सार्वजनिक तौर पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
इस तरह की एक घटना उस समय हुई, जब कुछ दिनों पहले अंबाला में किसानों की उग्र भीड़ ने खट्टर के काफिले को रोक लिया था. इससे पहले राज्य के गृहमंत्री अनिल विज के काफिले को भी किसानों ने रोक लिया था और सरकारी विरोधी नारेबाजी की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा अन्य नेताओं में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कृषि मंत्री जेपी दलाल, शिक्षा मंत्री कंवर पाल और भाजपा के विभिन्न नेता हैं, जिन्हें अपने घर के बार अपने निर्वाचन क्षेत्रों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ता है.
किसान इससे पहले ऐलान कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक वे राज्य में भाजपा और जेजेपी नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों को आयोजित नहीं होने देंगे.
बता दें कि केंद्र द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 के विरोध में हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)