हरियाणा के करनाल ज़िले के कैमला गांव में बीते 10 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था. आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तोड़फोड़ के लिए लोगों को उकसाया था.
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने सोमवार ने भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी तथा कई अन्य प्रदर्शनकारियों पर दंगे करने तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया.
हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर 10 जनवरी को तोड़फोड़ की थी, जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र के तीन कृषि कानूनों के लाभ बताने वाले थे.
करनाल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 71 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है, जिनमें गुरनाम सिंह चढूनी भी शामिल हैं. इसके अलावा 800-900 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस की ओर से बताया गया कि इन लोगों के खिलाफ दंगा करने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने तथा अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने द हिंदू को बताया, ‘हमने अज्ञात लोगों के साथ-साथ 71 नामजद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इनमें लोकसेवकों को उनके कर्तव्य निर्वहन से रोकना और कथित रूप से दंगा करना भी शामिल है. अभी तक इन मामलों में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिकी में प्रदर्शनकारियों पर आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 149 (किसी विधानसभा के सदस्य के खिलाफ गैरकानूनी अपराध), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 332 (जनता को चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने कहा कि वे वीडियो क्लिप समेत अन्य सबूत इकट्ठे कर रहे हैं और घटना में लिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम में बाधा डालने के दौरान हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े थे.
इसके बाद किसान महापंचायत रद्द कर दिया गया था. खट्टर ने आरोप लगाया कि चढूनी ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ करने के लिए लोगों को उकसाया.
दरअसल भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के बैनर तले किसानों ने पहले किसान महापंचायत का विरोध करने की घोषणा की थी. इस बीच, हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें वह मुख्यमंत्री को महापंचायत को संबोधित नहीं करने देकर उनके अहंकार को समाप्त करने की अपील करते रहे हैं.
बता दें कि केंद्र द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 के विरोध में हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)