मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के बागचीनी और सुमावली थाना क्षेत्र का मामला. राज्य सरकार ने इस घटना के सभी पहलुओं पर जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
भोपाल/मुरैना: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 और कुछ देर बाद 24 हो गई. घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को इस घटना के सभी पहलुओं पर जांच के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में अधिकारियों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया है.
इस बीच, मुख्यमंत्री ने मुरैना के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को हटाने का निर्देश दिया है.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, मरने वालों में आठ लोग मानपुरा गांव के हैं, जिनमें शराब तस्कर का भाई भी शामिल है. सुमावली के पहावली गांव के चार लोगों की मौत हुई है. इनमें दो सगे भाई हैं.
मुख्य सचिव राजौरा ने बताया कि समिति के अन्य सदस्य के तौर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी-सीआईडी) ए साईं मनोहर और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मिथिलेश शुक्ला को शामिल किया गया है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस मामले की समीक्षा बैठक के बाद मुरैना के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने के आदेश दिए हैं.’
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए अवैध शराब के विरुद्ध प्रदेश में अभियान चलाया जायेगा।
ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार शासकीय अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध भी कठोरतम कार्रवाई की जायेगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 13, 2021
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और वह ऐसे मुद्दों में मूकदर्शक नहीं रहेंगे.
अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और आबकारी अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है तथा प्रत्येक आरोपी पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है.
उन्होंने बताया कि इन आरोपियों की पहचान गिरराज किरार, राजू किरार, पप्पू पंडित, कल्ला पंडित, रामवीर तेली, प्रदीप तेली और मुरेश किरार के तौर पर हुई है.
मुरैना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरसी बांडिल ने बताया कि प्रारंभिक शव परीक्षण रिपोर्ट में पता चला है कि अतिरिक्त शराब के कारण ग्रामीणों की मौत हुई है.
उन्होंने बताया कि शराब से उनके शरीर के अहम अंगों को नुकसान पहुंचा. साथ ही उन्होंने बताया कि विसरा जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोट्ररी (एफएसएल) भेजा गया है. एफएसएल जांच से ही शराब में जहर की सही प्रकृति का पता चल सकेगा.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा संदिग्ध जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 21 लोगों का फिलहाल मुरैना और ग्वालियर में उपचार चल रहा है.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, इस मामले में प्रभारी आबकारी अधिकारी जावेद खां और बागचीनी थाना प्रभारी अविनाश राठौड़ समेत दो बीट प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
वहीं, इस घटना को लेकर विपक्ष कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शराब माफियाओं का कहर जारी. उज्जैन में 16 जान लेने के बाद अब मुरैना में शराब माफियाओं ने 20 के करीब लोगों की जान ले ली. शिवराज जी, शराब माफिया आखिर कब तक यूं ही लोगों की जान लेते रहेंगे? सरकार बीमार लोगों का समुचित इलाज करवाए और पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद करे.’
शराब माफ़ियाओ का क़हर जारी, उज्जैन में 16 जान लेने के बाद अब मूरैना में शराब माफ़ियाओ ने 10 के क़रीब लोगों की जाने ली।
शिवराज जी, शराब माफ़िया आख़िर कब तक यूँ ही लोगों की जान लेते रहेंगे ?
सरकार बीमार लोगों का समुचित इलाज करवाये और पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद करे।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 12, 2021
उधर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा 21 पहुंचा, आबकारी और पुलिस की मिलीभगत आई सामने; शिवराज जी, आपकी सत्ता हवस के 10 माह में ही उज्जैन और मुरैना में जहरीली शराब से लगभग 45 मौतें हो चुकी है. अशुभ और अक्षम सरकार.’
ज़हरीली शराब से मौत का आँकड़ा 21 पहुँचा,
—आबकारी और पुलिस की मिलीभगत आई सामने;शिवराज जी,
आपकी सत्ता हवस के 10 माह में ही उज्जैन और मुरैना में ज़हरीली शराब से लगभग 45 मौतें हो चुकी है।“अशुभ और अक्षम सरकार” pic.twitter.com/whzkGn7WKX
— MP Congress (@INCMP) January 14, 2021
मालूम हो कि 11 जनवरी की रात को मुरैना जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर मानपुर और पहावली गांव में अवैध जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार हो गए थे.
इससे पहले बीते अक्टूबर महीने में मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में 10 मजदूर हैं और एक व्यक्ति ठेला लगाता था.
तब मामले में लापरवाही के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)