क़रीब पांच दशक में पहली बार गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी शासनाध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होगा

भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था. जॉनसन ने इस आमंत्रण को बड़े सम्मान की बात कहकर स्वीकार किया था, हालांकि कोविड-19 के नए स्वरूप के फैलने के कारण बीते पांच जनवरी को उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था. जॉनसन ने इस आमंत्रण को बड़े सम्मान की बात कहकर स्वीकार किया था, हालांकि कोविड-19 के नए स्वरूप के फैलने के कारण बीते पांच जनवरी को उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.

Indian Army's Arjun MK-I tanks (MBTs) are driven for display during the Republic Day parade in New Delhi January 26, 2014. India celebrated its 65th Republic Day on Sunday. REUTERS/Adnan Abidi (INDIA - Tags: MILITARY ANNIVERSARY POLITICS)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की स्थिति के कारण इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया गया है.

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

पिछले पांच दशकों में यह पहला मौका होगा, जब भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि नहीं होंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘कोविड-19 की स्थिति के कारण यह फैसला किया गया है कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष नहीं होगा.’

यह फैसला ऐसे समय में किया गया है कि जब ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप के फैलने के कारण ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा रद्द करने का हाल ही में फैसला किया था.

भारत ने जॉनसन को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था. जॉनसन ने इस आमंत्रण को बड़े सम्मान की बात कहकर स्वीकार किया था, हालांकि कोविड-19 के नए स्वरूप के फैलने के कारण जॉनसन ने बीते पांच जनवरी को अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साल 1952 और 1953 में भी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता मुख्य अतिथि नहीं था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के असमय निधन पर भारत की ओर से किसी भी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रण नहीं भेजा गया था. गणतंत्र दिवस के दो दिन पहले 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ग्रहण किया था.

भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आने का निमंत्रण विदेशी गणमान्यों के लिए एक विशेष सम्मान है. सरकार मुख्य अतिथि का फैसला करते हुए रणनीतिक, राजनयिक, व्यावसायिक हित और भू-राजनीति आदि कारकों का ध्यान रखती है.

पिछले साल ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे. गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले वह ब्राजील के तीसरे नेता थे.

इससे पहले साल 2019 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफूसा जबकि 2018 में सभी 10 आसियान देशों के नेता मुख्य अतिथि के तौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे.

वहीं, 2017 में अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, जबकि 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे.

साल 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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