गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.
राजकोटः गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन के तीन पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर हिरासत में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में बीते 22 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया.
पुलिस का कहना है कि चोरी के संदेह में गिरफ्तार किए गए एक शख्स की हिरासत में मौत मामले में इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर जेए पाढियार को भी मामले में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए सस्पेंड किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हेड कॉन्स्टेबल शक्तिसिंह गोहिल, जयदेवसिंह झाला और अशोक कन्नड़ के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 343 (गैरकानूनी कारावास) और 114 (अपराध के समय उपस्थिति) के तहत 20 जनवरी को मामला दर्ज किया गया.
बता दें कि इससे एक दिन पहले 19 जनवरी को मुंद्रा तालुका के समाघोघा गांव के 27 वर्षीय निवासी अर्जन गढ़वी की एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी.
एफआईआर के मुताबिक, तीनों हेड कॉन्स्टेबलों ने समाघोघा गांव में चोरी के संदेह में कृषि मजदूर अर्जन और दो अन्य को हिरासत में लेकर उनकी पिटाई की थी.
अर्जन के परिवार का कहना है कि 12 जनवरी को पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बेरहमी से उनकी पिटाई की गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस मामले में पकड़े गए दो अन्य को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस मामले में तीनों हेड कॉन्स्टेबल फरार हैं. कच्छ (पश्चिम) के पुलिस अधीक्षक सौरभ सिंह ने 22 जनवरी को देर रात आदेश जारी कर इन तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. साथ ही मुंद्रा के पुलिस निरीक्षक पाढियार को भी निलंबित किया गया है.
सौरभ सिंह ने शनिवार को कहा, ‘मुंद्रा पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक जेए पाढियार को भी हिरासत में मजदूर की मौत के मामले में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के लिए सस्पेंड किया गया है. तीनों पुलिसकर्मियों- शक्तिसिंह गोहिल, जयदेवसिंह झाला और अशोक कन्नड़ को तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित किया गया है.’
भुज संभाग के पुलिस उपाधीक्षक जेएन पांचाल ने कहा कि कथित तौर पर अर्जन के शव को अस्पताल शिफ्ट कराने के बाद से ही शक्तिसिंह, जयदेवसिंह और अशोक फरार हैं.
हिरासत में मौत मामले की जांच कर रहे पांचाल ने कहा, ‘उन्होंने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिए हैं. हमने नाकाबंदी की है और उनकी तस्वीरें हर जगह सर्कुलेट की है. पुलिस की टीमें उनकी तलाश कर रही हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमने मामले में गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.’
रिपोर्ट के अनुसार, घर में सेंध लगाकर चोरी करने के इस मामले में समाघोघा गांव के ही शामला गढवी और हरजोग गढवी को भी गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ मुंद्रा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था. उन्हें भी आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर बेरहमी से पीटा गया था.
पांचाल ने कहा, ‘अर्जन की बेरहमी से पिटाई करने के अलावा आरोपियों ने दो अन्य (शामला और हरजोग) की भी पिटाई की, इसलिए हमने हिरासत में मौत मामले में आईपीसी की धारा 326 (स्वेच्छा से हथियारों से लैस होकर गंभीर चोट पहुंचाना), 330 (इकबालिया बयान दिलाने के लिए पुलिस द्वारा प्रताड़ित करना) और 331 (स्वीकारनामे के लिए स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाना) को भी जोड़ दिया है.’