पहलाज निहलानी 2015 में हुई अपनी नियुक्ति के समय से ही विभिन्न विवादास्पद कदमों और बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहे हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को पहलाज निहलानी के स्थान पर गीतकार व कवि प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि जोशी को तत्काल प्रभाव से तीन साल या अगले आदेश तक के लिए बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख के रूप में जनवरी 2015 में हुई अपनी नियुक्ति के समय से ही निहलानी विभिन्न विवादास्पद कदमों और बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहे हैं.
हाल ही में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और बिदिता बाग की बाबूमोशाय बंदूकबाज़ को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. फिल्म के निर्देशक कुषाण नंदी का आरोप था कि सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने फिल्म की निर्माता किरण श्रॉफ़ पर अमर्यादित टिप्पणी की है.
नंदी का कहना है कि सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी उनके पास आए और कहा कि लकी हो कि मैंने पूरी फिल्म पर बैन नहीं लगाया.
नंदी ने यह भी बताया था कि बोर्ड के सदस्यों ने निर्माता किरण से पूछा, ‘महिला होने के नाते आप ऐसी फिल्म कैसे बना सकती हैं.’ इसके अलावा उनके पहनावे को लेकर एक बोर्ड के सदस्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘ये तो पैंट-शर्ट पहने हुए हैं, ये महिला थोड़ी न है.’
2015 में अध्यक्ष बनते ही पहलाज निहलानी ने फिफ्टी शेड्स आॅफ ग्रे में 70 से ज़्यादा कट्स लगाने को कहा था उसके बाद भी उन्होंने फिल्म के भारत में रिलीज होने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
हाल ही में निहलानी फिल्म लिप्स्टिक अंडर माय बुर्क़ा में किए गए कट्स को लेकर विवादों में रहे थे. इतना ही नहीं प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की चर्चित क़िताब पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म द आॅर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन में इस्तेमाल हुए कुछ शब्दों पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई थी.
कोलकाता के एक अर्थशास्त्री सुमन घोष द्वारा बनाई जा रही इस फिल्म में गुजरात, गाय, हिंदुत्व और हिंदू इंडिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिस पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति ज़ाहिर की है.
अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ता पंजाब में कट्स को लेकर भी सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विवादों में रह चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)