नाकू ला वही स्थान है जहां पर पिछले साल नौ मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई और तब से अब तक क़रीब नौ महीने से वहां सैन्य गतिरोध जारी है.
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच पिछले हफ्ते उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में भी दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आए गए थे. बताया जा रहा था इस दौरान हुई झड़प में दोनों देशों के जवान घायल भी हुए थे.
घटना की जानकारी रखने वालों ने सोमवार को बताया कि चीन के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें रोक दिया.
माना जा रहा है कि विवाद उस समय हुआ, जब भारतीय जवानों ने चीन के सैनिकों को रोका.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि 20 जनवरी को सिक्किम के नाकू ला में भारतीय सेना और चीनी पीएलए सैनिकों के बीच मामूली झड़प हुई थी. इसके बाद मामले को स्थानीय कमांडरों द्वारा स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार हल किया गया था. मीडिया से अनुरोध है कि इसे तूल देने या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से बचे जो तथ्यात्मक रूप से गलत है.
It's clarified that there was a minor face-off between Indian Army & Chinese PLA troops at Naku La, Sikkim on 20th January. It was resolved by local commanders as per established protocols: Indian Army https://t.co/nFLWUNb2kx
— ANI (@ANI) January 25, 2021
उल्लेखनीय है कि नाकू ला वही स्थान है जहां पर पिछले साल नौ मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग लेक इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई और तब से अब तक करीब नौ महीने से वहां सैन्य गतिरोध जारी है.
इस बीच पूर्वी लद्दाख के सभी तनाव वाले इलाके से सैनिकों की वापसी के उद्देश्य से रविवार को भारत और चीन की सेना के बीच रविवार को नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई.
पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारत और चीन के सैनिक के बीच पिछले साल पांच और छह मई की रात हुई हिंसक झड़प के बाद नौ मई को नाकु ला में भी दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी. इन दोनों झड़पों में दोनों देशों के दर्जनों सैनिक घायल हुए थे.
सबसे गंभीर झड़प 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी, जब एक हिंसक लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने अपनी तरफ भी हताहतों की संख्या को स्वीकार की है, लेकिन किसी भी संख्या का खुलासा नहीं किया था.
बीते 45 सालों में दोनों देशों के बीच यह सबसे हिंसक झड़प थी. वर्ष 1967 में सिक्किम के नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव था. उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे.
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के ढाई महीने बाद बीते 29 अगस्त की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ठाकुंग में एक बार फिर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध देखने को मिला था.
इसके बाद भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि पीएलए ने 29-30 अगस्त की रात को यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था.
इन झड़पों के बाद दोनों देशों ने अपनी 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ (एलएसी) पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सेना और टैंक की तैनाती शुरुआत कर दी थी.
मालूम हो कि लद्दाख में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारतीय सेना ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी ताकत मजबूत की है.
भारत का साफ तौर पर कहना है कि यह चीन की जिम्मेदारी है कि सैनिकों को पीछे ले जाने की प्रक्रिया शुरू करे और पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले इलाके में तनाव कम करे.
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के करीब एक लाख सैनिक तैनात हैं. क्षेत्र में दोनों पक्षों की लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी है. इस बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर भी सौहार्दपूण समाधान के लिए वार्ता चल रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)