केंद्र ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से कहा- वैक्सीन के ख़िलाफ़ अफ़वाह फैलाने वालों पर कार्रवाई हो

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ दोनों सुरक्षित हैं और इन्हें लेकर ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ दोनों सुरक्षित हैं और इन्हें लेकर ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना टीकों की प्रभावशीलता को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों पर अंकुश लगाने के लिए कहा है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कोरोना वैक्सीन को लेकर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में जोर दिया कि देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने पाया है कि कोरोना के दोनों टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित हैं और रोग प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करते हैं.

केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय की गई प्राथमिकता के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे में लगे कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं और बाद में प्राथमिकता समूह 2 और 3 को टीका लगाया जाएगा.

पत्र में कहा गया, ‘मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि देश में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक क्षमता निर्माण करने वाला पाया है. यह रिपोर्ट सामने आई है कि निराधार और भ्रामक अफवाहें सोशल और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें इन टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा किया जा रहा है.’

पत्र में कहा गया, ‘इस तरह की अफवाह फैलाने से आम लोगों के बीच संदेह उत्पन्न हो सकता है इसलिए टीके की सुरक्षा और रोग प्रतिरक्षा क्षमता से संबंधित सभी प्रकार के निराधार अफवाहों पर रोक लगाने की जरूरत है.’

भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की कोई उपयुक्त व्यवस्था करें.

भल्ला ने मुख्य सचिवों को राज्य सरकार के तहत संबंधित सभी प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे कोविड-19 टीकों के बारे में गलत सूचना को रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेशों को तुरंत प्रसारित करने के लिए आवश्यक उपाय करें.

यह जोर देते हुए सरकार टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है, भल्ला ने पत्र में कहा, ‘मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के लिए उचित व्यवस्था की जाए और राज्य सरकार के तहत संबंधित प्रशासन को कोविड वैक्सीन के बारे में दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाए और इसके साथ ही इस तरह की झूठी खबरों को खारिज किया जाए. इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों, संगठनों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 और आईपीसी 1860 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाए.’
बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर 16 जनवरी से देशभर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया है.

भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल ही में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)