किसानों की ट्रैक्टर परेड में जगह-जगह बवाल, आईटीओ पर प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे किसान पूर्व निर्धारित सारणी के अनुसार हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर राजधानी में प्रवेश कर चुके हैं. दिल्ली में घुसने के दौरान कई जगहों पर किसान और पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिला, जहां पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

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गाजीपुर बॉर्डर पर एक बैरीकेड को तोड़ने की कोशिश करते प्रदर्शनकारी किसान. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे किसान पूर्व निर्धारित सारणी के अनुसार हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर राजधानी में प्रवेश कर चुके हैं. दिल्ली में घुसने के दौरान कई जगहों पर किसान और पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिला, जहां पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

गाजीपुर बॉर्डर पर एक बैरीकेड को तोड़ने की कोशिश करते प्रदर्शनकारी किसान. (फोटो: पीटीआई)
गाजीपुर बॉर्डर पर एक बैरीकेड को तोड़ने की कोशिश करते प्रदर्शनकारी किसान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे किसान अपनी पूर्व निर्धारित सारणी के अनुसार हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर राजधानी में प्रवेश कर रहे हैं और गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड कर रहे हैं.

हालांकि, दिल्ली में घुसने के दौरान कई जगहों पर किसान और पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिला और इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.

रिपोर्ट करे अनुसार, दिल्ली के आईटीओ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष के दौरान एक ट्रैक्टर चालक की मौत हो गई है.

पुलिस का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी और मृतक का ट्रैक्टर पलट गया था. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि गोली लगने के बाद चालक के ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया.

फिलहाल, मृतक का शव आईटीओ फ्लाइओवर के पास रखा गया है और अन्य प्रदर्शनकारी एंबुलेंस को शव नहीं ले जाने दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि डॉक्टर उसकी रिपोर्ट बदल देंगे.

आईटीओ पहुंचने के बाद लुटियन दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश पर किसानों की पुलिस के साथ भिड़ंत हुई.

पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. किसानों ने तय समय से पहले विभिन्न सीमा बिंदुओं से अपनी ट्रैक्टर परेड शुरू की.

किसान अनुमति नहीं मिलने के बावजूद मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए. प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते हुए दिखे.

पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया.

टिकरी की सीमा के एक किसान ने द वायर  को बताया कि ट्रैक्टरों का अकेले 50 किमी से अधिक का फैलाव है. हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, हम अपने गणतंत्र दिवस मार्च के बाद सीमा पर वापस आएंगे.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली की इजाजत दे दी थी, लेकिन इसमें एक शर्त ये रखी थी कि राजपथ पर होने वाले परेड के बाद ये रैली निकाली जा सकती है.

हालांकि, ट्रैक्टर परेड शुरू होने के बाद कई जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पूर्व निर्धारित मार्ग को छोड़ दिया. कुछ किसान लाल किला परिसर में भी प्रवेश कर गए और वहां पर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही उन्होंने लाल किले पर सिख धर्म निशान साहिब के झंड को भी फहराया.

पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलदू सिंह मनसा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, कुछ युवा हैं जो आईटीओ और लाल किला तक पहुंच चुके हैं. वे हमारे जैसे किसान हैं. हमारा प्रयास शांति बनाए रखना है. हम उनसे बात करने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि लोग निर्धारित मार्ग पर हैं.

सिंघु, टिकरी बॉर्डर पर बैरीकेड तोड़ दिल्ली में दाखिल हुए किसान

राष्ट्रीय राजधानी से लगे सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह मंगलवार को पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए.

इसके बाद ये किसान काफी समय तक मुकरबा चौके पर बैठे, लेकिन फिर उन्होंने वहां लगाए गए बैरिकेड और सीमेंट के अवरोधक तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद किसानों के समूह पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.

अधिकारियों के अनुसार सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को समझाने की कोशिश भी की और कहा कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के खत्म होने के बाद उन्हें दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की अनुमति दी गई है.

इसके बावजूद कई ट्रैक्टर नजर आए, जिन पर तिंरगे लगे थे. इनके साथ पुरुष तथा महिलाएं ढोल पर नाचते नजर आए. सड़क के दोनों ओर खड़े स्थानीय लोग फूलों की बारिश भी कर रहे थे.

कुछ किसान हाथ में विभिन्न किसान संगठनों के झंडे लिए और नारे लगाते पैदल चलते भी नजर आए. कुछ मोटर साइकिल और घोड़ों पर सवार थे. लोग अपने ट्रैक्टरों के ऊपर खड़े होकर नारे लगाते और क्रांतिकारी गीत गाते भी दिखे.

स्थानीय लोगों ने मार्च में शामिल किसानों को खाद्य पदार्थ और पानी की बोतलें बांटी.

मौके पर मौजूद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले बताया था कि किसानों के कुछ समूह अवरोधक तोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस और किसानों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि वे निर्धारित समय पर परेड शुरू करेंगे, लेकिन वे जबरन दिल्ली में दाखिल हो गए. तय मार्ग के अनुसार उन्हें बवाना की ओर जाना था लेकिन उन्होंने आउटर रिंग रोड की ओर जाने की जिद शुरू कर दी.’

दिल्ली पुलिस ने वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की रविवार को अनुमति दे दी थी.

प्रदर्शनकारियों को कहा गया था कि वे राजपथ के जश्न को बाधित नहीं कर सकते, इस पर किसानों ने इस बात पर जोर दिया था कि उनकी परेड ‘शांतिपूर्ण’ होगी.

अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन किसानों के कुछ समूह माने नहीं और पुलिस के अवरोधक तोड़ कर आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ने लगे.’

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 41 किसान संघों के प्रमुख संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के एक सदस्य ने कहा कि अवरोधक तोड़ने वाले लोग ‘किसान मजदूर संघर्ष कमेटी’ के सदस्य थे.

उन्होंने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड पुलिस की अनुमति के बाद निर्धारित समय पर शुरू होगी.

प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने एक फरवरी को संसद तक पैदल मार्च करने की भी घोषणा की है. एक फरवरी को संसद में वार्षिक बजट पेश किया जाएगा.

दिल्ली में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रस्तावित ‘किसान गणतंत्र परेड’ के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान शहर की बिजली आपूर्ति को बाधित करने की धमकी देने के बाद बिजली के उपकेंद्रों पर गश्त भी बढ़ा दी गई है.

एक अधिकारी ने बताया कि निगरानी रखने के लिए करीब छह हजार सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं. संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली भी प्रमुख स्थानों पर लगाई गई है.

राजपथ पर नजर रखने के लिए ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों और स्नाइपरों को तैनात किया गया है, जहां राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य गणमान्य व्यक्तियों और हजारों लोगों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करेंगे.

गौरतलब है कि हजारों किसान पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली से लगी सीमाओं पर केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की कानूनी गारंटी की मांग करे रहे हैं. इनमें अधिकतर किसाल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं.

चिंतामणि चौक पर किसानों पर लाठीचार्ज

दिल्ली पुलिस ने शाहदरा के चिंतामणि चौक पर किसानों पर लाठी चार्ज किया, क्योंकि परेड में हिस्सा ले रहे कुछ ट्रैक्टरों ने नियत रास्ते से हटकर दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया.

ट्रैक्टर परेड को अप्सरा बॉर्डर की ओर जाना था लेकिन कुछ ट्रैक्टरों ने चिंतामणि चौक पर पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. इसके बाद पुलिस को किसानों को पीछे धकेलने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा.

इस अव्यवस्था में कुछ गाड़ियों के शीशे टूट गए. पुलिस किसानों को तितर-बितर करने में कामयाब रही.

किसानों के एक समूह ने पहले से तय मार्ग को नहीं माना और मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए. पुलिस ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के पास बैरिकेड लगाए, आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया ताकि किसानों को तिलक ब्रिज की तरफ तक बढ़ने से रोका जा सके.

किसान कानून हाथ में नहीं लें, शांति बनाए रखें: दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में नहीं लें और शांति बनाए रखें.

पुलिस की यह अपील राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प की घटना के बीच आई है.

पुलिस ने किसानों से कहा कि वह पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही ट्रैक्टर परेड़ निकाले.

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, ‘हम प्रदर्शनकारी किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे कानून हाथ में नहीं ले और शांति बनाए रखें.’

पुलिस ने मंगलवार को किसानों पर तब लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जब पूर्व निर्धारित मार्ग से हटकर उनकी परेड आईटीओ सहित कई अन्य स्थानों पर पहुंच गई. किसान राजपथ की ओर जाना चाहते थे.

दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी. हालांकि, उस समय अफरा-तफरी की स्थित पैदा हो गई जब किसान मध्य दिल्ली की ओर जाने पर अड़ गए.

किसानों ने तय समय से पहले ही परेड शुरू कर दी और मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए और लुटियन दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करने लगे. प्रदर्शनकारी डंडे लिए हुए थे और आईटीओ पर वे पुलिस के साथ भिड़ गए.

दिल्ली के दस से अधिक मेट्रो स्टेशनों के द्वार अस्थायी तौर पर बंद किए गए

राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पों के बाद मंगलवार को मध्य एवं उत्तर दिल्ली के 10 से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्विटर पर सूचित किया कि मेट्रो स्टेशनों के द्वार अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं.

डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं. समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड़, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस स्टेशनों के प्रवेश/निकास द्वार भी बंद हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)