स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी को इस महीने की शुरुआत में हिंदू देवताओं के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने कहा कि यह मामला मौलिक स्वतंत्रता की उपेक्षा और इसे बनाए रखने में न्यायपालिका के विफलता का प्रतीक है.
नई दिल्लीः नागरिक स्वतंत्रता के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) ने बयान जारी कर स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है.
फारूकी तीन से अधिक हफ्तों से जेल में हैं. उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है.
उनकी दो जमानत याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि इस तरह के लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
फारूकी को कथित धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में पुलिस ने स्वीकार किया कि फारूकी ने इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की थी.
पुलिस का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी भाजपा विधायक के बेटे के मौखिक साक्ष्य पर आधारित थी, जिसने दावा किया था कि उसने फारूकी को उस कॉमेडी एक्ट की रिहर्सल करते सुना था, जो वह अपने कार्यक्रम में करने वाले थे.
पीयूडीआर ने मुनव्वर फारूकी के उत्पीड़न और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने की कड़ी निंदा की बयान में कहा, ‘वह और पांच अन्य दो जनवरी 2021 से जेल में हैं. हिंदू रक्षक संगठन के दावों के आधार पर कि फारूकी और अन्य पर हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने और केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक मजाक करने के आरोप में इंदौर के तुकोगंज पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 295ए, 298, 269, 188 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. फारूकी को नववर्ष पर इंदौर के कैफे मुनरो में परफॉर्म करना था लेकिन ऑडियंस के तौर पर वहां मौजूद हिंदू रक्षक समूह के सदस्यों ने इस कार्यक्रम को रुकवा दिया.’
बयान में कहा गया, ‘फारूकी की दो जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी तीसरी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि इस तरह के लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. यह मामला मौलिक स्वतंत्रता की उपेक्षा करने और इन स्वतंत्रताओं को बनाए रखने में न्यायपालिका के असफल रहने का प्रतीक है, जिससे हिंदू राष्ट्रवाद के एजेंडे को साधने के लिए सरकार के शातिर प्रयासों को बढ़ावा मिला है.’
पीयूडीआर ने कहा, ‘मनोरंजन के लिए किसी कॉमेडियन को गिरफ्तार करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकारों पर हमला है. दूसरा, फारूकी के खिलाफ लगाए गए आरोपों में दोषसिद्धि होने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है.’
पीयूडीआर ने फारूकी और उसकी तरह अन्य लोगों के उत्पीड़न और उन्हें निशाना बनाए जाने की निंदा की और उन्हें जमानत पर जल्द रिहा किए जाने का आह्वान किया क्योंकि जमानत उनका अधिकार है.
पीयूडीआर ने कहा कि हम न्यायपालिका से उनके (फारूकी) खिलाफ दर्ज सभी आरोपों को रद्द करने और सभी नागरिकों को दिए गए भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों की गारंटी सुनिश्चित करने को कहते हैं.
बता दें कि इंदौर से भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत के बाद बीते एक जनवरी को इंदौर पुलिस ने फारूकी और पांच अन्य- नलिन यादव, एडविन एंथनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव, को गिरफ्तार किया था.
एकलव्य सिंह गौड़ ने मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं.
(पीयूडीआर के पूरे बयान को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है.)