टूलकिट मामलाः बेंगलुरु की युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि गिरफ़्तार

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पर्यावरण के लिए काम करने वाली युवा कार्यकर्ता दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. टूलकिट मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है.

//
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (फोटो साभारः ट्विटर)

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पर्यावरण के लिए काम करने वाली युवा कार्यकर्ता दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. टूलकिट मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है.

जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (फोटो साभारः ट्विटर)
जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में शनिवार रात को बेंगलुरू की 21 साल की जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को  गिरफ्तार किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था.

पुलिस ने दिशा रवि पर टूलकिट नाम के उस डॉक्यूमेंट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ने और आगे फॉरवर्ड करने का आरोप लगाया है. दिशा रवि ‘फ्राईडे फॉर फ्यूचर इंडिया’ के संस्थापकों में से एक है.

फ्राइडेज फॉर फ्यूचर स्कूली छात्रों का एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है. इस आंदोलन को उस समय व्यापक लोकप्रियता मिली थी, जब थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर प्रदर्शन किया था.

दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित विमेंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की छात्रा हैं.

बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने पूरी प्रक्रिया का पालन किया है. उन्होंने बेंगलुरु पुलिस को गिरफ्तारी और दिशा रवि के बारे में जानकारी दी थी और प्रक्रिया के तहत दिशा को दिल्ली ले जाया गया है.

इससे पहले दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने चार फरवरी को टूलकिट मामले में राजद्रोह, आपराधिक साजिश और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.

पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा समेत किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम ट्विटर पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.

दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) क्राइम ब्रांच के विशेष सीपी प्रवीर रंजन ने कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि टूलकिट खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा तैयार की गई.

बता दें कि यह टूलकिट एक दस्तावेज है, जो ट्विटर पर किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसे कार्यों का सुझाव देता है.

अधिकारी के मुताबिक, इस दस्तावेज में किसानों के समर्थन में ट्विटर पर ढेरों ट्वीट करने और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करने की भी योजना तैयार की गई थी.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अपलोड दस्तावेज में 26 जनवरी को और उससे पहले डिजिटल जगत में कई ट्वीट करने की बात कही गई थी.

मालूम हो कि स्वीडन की 18 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए ट्वीट किया था.

आरोप है कि उन्होंने एक टूलकिट भी ट्वीट किया था, जिसमें भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था. किसान आंदोलन पर ट्वीट को लेकर दिल्‍ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था, इसमें आपराधिक साजिश और समूहों में दुश्‍मनी फैलाने का आरोप लगाया गया था.

दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया था कि यह टूलकिट एक ऐसे सोशल मीडिया हैंडल से मिला था, जिस पर 26 जनवरी की हिंसा वाली घटनाओं की साजिश फैलाने के संकेत मिले हैं. ग्रेटा के खिलाफ केस नहीं दर्ज है.