दिल्ली की एक अदालत ने देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र जारी सरकारी दिशानिर्देशों का कथित तौर पर पालन नहीं करते हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आरोपों का सामना कर रहे 36 विदेशी नागरिकों को पिछले साल दिसंबर में बरी कर दिया था.
नई दिल्लीः दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह पिछले साल तबलीगी जमात कार्यक्रम मामले में बरी किए गए 35 विदेशी नागरिकों के जब्त पासपोर्ट जारी करें.
इन लोगों पर कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों की कथित तौर पर अवहेलना कर तबलीगी जमानत कार्यक्रम में शिरकत करने का आरोप था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत का यह निर्देश जांचकर्ता अधिकारी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इन लोगों के पासपोर्ट जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
इन विदेशी नागरिकों की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता आशिमा मंडला ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में इनके खिलाफ जारी किए गए लुकआउट सर्कुलर वापस ले लिए गए हैं.
अदालत में दायर की गईं याचिकाओं में इनके पासपोर्ट जारी करने की मांग की गई.
इन याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह मामले में बरी हुए विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने का प्रबंध करें.
चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने अपने आदेश में कहा, ‘इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि आरोपियों को 15 दिसंबर 2020 के आदेश में अदालत द्वारा बरी कर दिया गया है और अभी तक इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने कोई अपील नहीं की है इसलिए याचिकाकर्ताओं के सत्यापन के बाद इनके जब्त पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया जाता है.’
मालूम हो कि दिल्ली की एक अदालत ने देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी सरकारी दिशानिर्देशों का कथित तौर पर पालन नहीं करते हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आरोपों का सामना कर रहे 36 विदेशियों को पिछले साल दिसंबर में बरी कर दिया था.
बता दें कि जमात के लोग तब चर्चा में आए थे, जब मार्च में दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था.
दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम स्थित मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुई थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था.
इनके अलावा देशभर के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था, जिनमें से कई कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इस लेकर मुस्लिम समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया गया था.
दिल्ली पुलिस ने वीजा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में करीब 955 विदेशियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
हालांकि मामला दर्ज होने के बाद जमात के अधिकतर सदस्यों ने याचिका पर समझौता कर लिया था और अपने देश वापस लौट गए थे, वहीं 44 ने दिल्ली में मुकदमा लड़ने का फैसला किया था.