पंजाब में होशियारपुर के एक गांव का मामला. विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफ़ा देने की मांग की है. उन्होंने पंजाब सरकार और मोदी सरकार को उनकी मौत का ज़िम्मेदार ठहराया है.
होशियारपुर: पंजाब के होशियारपुर के एक गांव में कर्ज में डूबे एक किसान और उसके बेटे ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. दोनों ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वे केंद्र के नए कृषि कानूनों और राज्य सरकार द्वारा उनके ऋण माफ करने में विफलता को लेकर व्यथित थे.
पुलिस उपाधीक्षक मुनीश कुमार ने बताया कि 70 वर्षीय किसान जगतार सिंह और उनके 42 वर्षीय बेटे कृपाल सिंह शनिवार सुबह मुहादीपुर गांव में अपने घर पर मृत पाए गए.
पुलिस ने कहा कि दोनों ने कथित तौर पर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया.
उनके घर से बरामद एक सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वे कर्ज के कारण यह आत्मघाती कदम उठा रहे हैं.
दोनों ने इस सुसाइड नोट में पंजाब में कांग्रेस सरकार पर उनके कृषि ऋण माफ करने के अपने वादे का सम्मान नहीं करने का भी आरोप लगाया है.
उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि वे केंद्र द्वारा नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किए जाने को लेकर भी व्यथित हैं. दोनों के पास एक एकड़ जमीन है.
पुलिस ने बताया कि उनके शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए दासुया सिविल अस्पताल भेज दिया गया है. पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.
विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने की मांग की है.
अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस सरकार के झूठ और छल से पर्दा उठा चुका है.’
शिरोमणि अकाली दल ने भी केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की है.
मजीठिया ने कहा, ‘जगतार सिंह और कृपाल सिंह ने स्पष्ट तौर पर अपने सुसाइड नोट में कहा है कि किसान समुदाय की आवाज को सुनने से केंद्र द्वारा इनकार किए जाने के कारण हुई पीड़ा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है.’
अकाली दल के नेता ने कहा कि इन आत्महत्याओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के झूठ को उजागर कर दिया है, जिन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था.
दूसरी ओर आप नेता कुलतार सिंह संधवान और गुरमीत सिंह मीत ने मृतक के घर जाकर पीड़ित परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.
आप की पंजाब इकाई की ओर जारी बयान के अनुसार, ‘सुसाइड नोट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार उनकी मौत की जिम्मेदार है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)