राजस्थान: ऑनर किलिंग का आरोपी पिता पुलिस हिरासत में, आठ लोग न्यायिक हिरासत में भेजे गए

राजस्थान के दौसा ज़िले का मामला. एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही 18 वर्षीय युवती का उसके परिवारवालों ने बीते एक मार्च को अपहरण कर लिया था. तीन मार्च को पिता ने युवती की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या करने के बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

राजस्थान के दौसा ज़िले का मामला. एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही 18 वर्षीय युवती का उसके परिवारवालों ने बीते एक मार्च को अपहरण कर लिया था. तीन मार्च को पिता ने युवती की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या करने के बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जयपुर: राजस्थान के दौसा जिले में कथित तौर हॉनर किलिंग को मामला सामने आया है. एक युवक के साथ घर छोड़कर गई अपनी 19 वर्षीय बेटी की कथित रूप से गला दबाकर हत्या करने मामले में आरोपी पिता शंकर लाल को शुक्रवार को पुलिस हिरासत में लिया गया है.

इस मामले में आठ अन्य लोगों को अपहरण के आरोप में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. इनमें युवती की मां और भाभी भी शामिल हैं.

सहायक पुलिस आयुक्त और सर्किल अधिकारी दीपक कुमार ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी पिता को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लिया गया है, जबकि युवती की मां और भाभी सहित आठ अन्य लोगो को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

युवती और युवक ने अपनी जान का खतरा बताते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में अर्जी देकर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी.

बीते 26 फरवरी को अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत की जयपुर पीठ ने स्थानीय पुलिस प्रशासन से याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया करवाने और उन्हें उनकी इच्छानुसार सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया था. मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च होनी थी.

18 वर्षीय पिंकी सैनी के अपहरण और हत्या के बाद दौसा के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि पिंकी और रोशन महावर को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी.

पिंकी और रोशन लिव-इन रिलेशन में रह रहे थे. रोशन महावर दलित समुदाय से हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दौसा पुलिस ने जहां हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं होने की बात कही है, वहीं मामले से संबंधित दो सरकारी वकीलों ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस को हाईकोर्ट के आदेश के बारे में उसी दिन सूचित किया गया था.

पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), जयपुर हवा सिंह घुमरिया ने कहा कि दौसा पुलिस को आदेश की जानकारी दे दी गई थी. अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दो थाना अधिकारियों (एसएचओ) को पुलिस लाइन भेज दिया गया है, जबकि एसपी समेत तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, बीते एक मार्च को पिंकी का अपहरण उनके परिवारवालों ने रोशन के घर से कर लिया था. तीन मार्च को उनके पिता शंकर लाल सैनी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करके अपनी बेटी की हत्या की बात स्वीकार कर ली थी.

दौसा के कोतवाली थाना क्षेत्र में आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

सरकारी वकील प्रशांत शर्मा ने बताया, ‘26 फरवरी को सरकारी वकील फतेह राम मीणा, जो अदालत में मौजूद थे, ने आदेश की प्रति वॉट्सऐप के जरिये संबंधित थाना अधिकारी को दे दी थी.’

मीणा ने कहा, ‘सुनवाई के दिन अदालत के बाहर लगभग 20-25 लोग जमा थे, जो युवती का अपहरण करना चाहते थे. मैंने इस बारे में सुरक्षाकर्मियों को बताया तो उन्होंने उनकी कोशिश नाकाम कर दी थी. स्थानीय पुलिस स्टेशन को भी जानकारी दे दी गई थी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर उस दिन कोई कार्रवाई की गई होती, तो शायद यह हत्या का मामला नहीं बनता. उसी दिन मैंने दौसा कोतवाली पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुगन सिंह को वॉट्सऐप के माध्यम से सुरक्षा आदेश के बारे में सूचित किया था और शाम को उन्हें अदालत के बाहर हुई घटना की जानकारी देने के लिए बुलाया था.’

राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने मामले पर संज्ञान इस मामले का संज्ञान लिया है. शुक्रवार को आयोग के सदस्य न्यायाधिपति महेश चंद्र शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ‘आयोग इस मामले में संज्ञान लेता है. पुलिस महानिदेशक राजस्थान, जयपुर महानिरीक्षक, जयपुर रेंज, जयपुर एवं पुलिस अधीक्षक दौसा इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कराएं और जांच की प्रगति की रिपोर्ट संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करें. जिलाधीश दौसा इस संबंध में उचित कदम उठाएं.’

आयोग की ओर से प्रकरण को 30 मार्च को सूचीबद्ध किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)