इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
बीते 12 अगस्त को भारी बारिश के बावजूद भी गुवाहाटी के लखिधर बोरा मैदान में स्थानीय बुद्धिजीवियों, विचारकों, लेखकों और रंगकर्मियों लोगों समेत 500 लोगों ने भाजपा शासित राज्य सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.
असम के जाने-माने बुद्धिजीवी हिरेन गोहैन के नेतृत्व में शहर की सड़कों पर एक मूक जुलूस निकला गया उसके बाद सभा की गई जिसमें विद्यार्थी भी शामिल हुए.
सभा में शामिल में लोगों ने राज्य की सर्बानंद सोनोवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ‘चरम हिंदुत्ववादी एजेंडे’ पर आधारित नीतियों से राज्य के धर्म निरपेक्ष ढांचे को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.
हिरेन गोहैन ने पत्रकारों को बताया, ‘राज्य में रह रहे अल्पसंख्यकों में डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है. जो भी इस एजेंडे पर सवाल उठा रहा है उसे राष्ट्र विरोधी क़रार दिया जा रहा है. असल में राज्य में रह रहे सभी धर्म के लोगों में एकता और भाईचारे के ताने-बाने को नष्ट करने की कोशिश है.’
उन्होंने कहा कि सोनोवाल सरकार लोकतंत्र के लिए ख़तरा बनती जा रही है. हालांकि यह सरकार बदलाव के वादे पर सत्ता में आई है. राज्य में लगातार बेरोज़गारी बढ़ रही है. राज्य में असल मुद्दों पर काम करने की जगह सिर्फ़ चरम हिंदुत्ववादी एजेंडे पर काम होते हुए दिख रहा है.
31 जुलाई को राज्य के 21 कॉलेजों के नाम संघ विचार दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने की शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद लोगों में रोष है.
कुछ महीने पहले भी लोगों ने जमकर सरकार का विरोध किया था जब सरकार ने नमामी गंगा की तर्ज पर नमामी ब्रह्मपुत्र नाम से राज्यभर में हुए विभिन्न आयोजनों पर करोड़ों रुपये ख़र्च कर दिए थे. नदी की पूजा के लिए हरिद्वार से पुजारी भी लाए गए थे. हालांकि ब्रह्मपुत्र नदी असम के लोगों के जीवन और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इस नदी की कभी पूजा नहीं की जाती.
साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद हिंदू बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया. इस कदम का भी राज्य में विरोध हुआ क्योंकि यह असम समझौते का उल्लंघन कर सकता है, जिस पर 1985 में राज्य और केंद्र सरकार के साथ छात्र संगठन- आॅल असम स्टूडेंट्स यूनियन और असोम जातीयताबादी युबा छात्र परिषद ने हस्ताक्षर किए गए थे.
इस समझौते से राज्य में ‘अवैध बांग्लादेशियों’ के ख़िलाफ़ छह साल का लंबा आंदोलन समाप्त हो गया था.
सभा में कहा गया, ‘बांग्लादेश से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों की मौजूदगी के कारण स्थानीय लोग अपने अस्तित्व और पहचान के लिए ख़तरा महसूस कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार इसके समाधान की जगह हिंदू बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की कोशिश कर रही है.’
असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित
लगातार हो रही बारिश में उत्तर पूर्व के अधिकांश राज्यों में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है. असम में नए सिरे से बाढ़ ने दस्तक दी है. असम के कई स्थानों पर पानी घटने से हालात में सुधार के बावजूद 16 ज़िलों में 22 लाख लोग बाढ़ के प्रकोप को झोल रहे हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की रिपोर्ट के अनुसार धुब्री, मोरीगांव और गोलाघाट ज़िलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में इस साल मरने वाले लोगों की संख्या 147 पहुंच गई है. 18 अगस्त तक असम के 20 ज़िलों में बाढ़ से 26 लाख लोग प्रभावित थे.
समाचार एजेंसी भाषा की ओर से 15 अगस्त को जारी रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस कारण पूरे असम में सड़क यातायात अवरुद्ध है.
साथ ही पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के कटिहार अलीपुरद्वार खंडों में कई स्थानों पर रेल पटरियों के पानी में डूबे होने के कारण क्षेत्र में रेल यातायात भी बाधित हुआ है.
बाढ़ की वजह से काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का अधिकांश हिस्सा डूब गया है. पोबीतोरा वन्य जीव अभयारण्य भी बाढ़ की चपेट में हैं.
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के संभागीय वन अधिकारी रोहिणी बल्लव सैकिया ने 14 अगस्त को बताया कि 430 स्क्वायर किलोमीटर उद्यान का 85 फीसदी हिस्सा डिफ्लू नदी के पानी से डूबा हुआ. उन्होंने कहा हतिमुरा में तटबंध क्षतिग्रस्त होने से भी पार्क में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
उधर, राज्य के पोबीतोरा वन्य जीव अभयारण्य के तकरीबन 100 गैंडों का जीवन बाढ़ की वजह से ख़तरे में बना हुआ है. विश्व में एक सींग वाले गैंडे की सबसे घनी आबादी पोबीतोरा में निवास करती है.
इंडियन एक्सप्रेस ने समाचार एजेंसी आईएएनएस के हवाले से लिखा है, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की वजह से तकरीबन 225 जानवरों की जान चली गई.
इस महीने की शुरुआत में आई बाढ़ में तकरीबन 105 जानवरों की मौत हो गई थी. उद्यान के निदेशक सत्येंद्र सिंह ने कहा, बाढ़ का पानी घट रहा है लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है. पानी उतरने में अभी कुछ दिन और लगेंगे.
मारे गए जानवरों में 178 हॉग डियर (एक प्रकार का हिरण), 15 गेंडे, चार हाथी और एक शेर है. इससे पहले 2012 में आई बाढ़ में 793 जानवरों की मौत हो गई थी. पिछले साल बाढ़ की वजह से 503 जानवरों की मौत हुई थी.
मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में 12 अगस्त को बारिश की वजह से राजभवन के अंदर एक पेड़ गिरने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई.
मेघालय के सरकारी अधिकारियों के हवाले से मिली सूचना के अनुसार, दक्षिण और पश्चिम गारो हिल्स के कुछ गांव बाढ़ में डूब जाने से तकरीबन 800 लोग बेघर हो गए हैं. इस ज़िले में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों छह राहत शिविरों में रखा गया है. पश्चिम खासी हिल्स ज़िले में भी बारिश की वजह से बाढ़ और भूस्खलन की सूचना है.
त्रिपुरा में 10 अगस्त से लगातार हो रही बारिश से राजधानी अगरतला और उनके आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. प्रभावित लोगों को 50 राहत शिविरों में रखा गया है. स्थानीय मीडिया ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि तकरीबन 2,000 परिवारों को राज्य के अलग अलग हिस्सों में बने राहत शिविरों में रखा गया है.
मिज़ोरम में बारिश जारी है जिससे भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. बांग्लादेश में दो महीने पहले आए चक्रवात मोरा के गुज़र जाने के बाद भी राज्य के लुंगलेई ज़िले के अधिकांश गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
16 अगस्त को स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, लुंगलेई ज़िले के बांग्लादेश सीमा से लगा त्लाबंग के अधिकांश गांव जून में आए चक्रवात के बाद से ही पानी में डूबे हुए हैं. इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. तमाम परिवार अपने रिश्तेदार के यहां रहकर पानी उतरने का इंतज़ार कर रहे हैं.
उत्तर पूर्व: ट्रेन सेवाओं के 28 अगस्त से पहले बहाल होने की उम्मीद नहीं
गुवाहाटी: बाढ़ प्रभावित उत्तर पूर्व के लिए ट्रेन सेवाओं के 28 अगस्त से पहले बहाल होने की उम्मीद नहीं है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए और वहां से सफर करने वाले यात्रियों के साथ ही सामान के आवागमन के लिए कदम उठाए हैं.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (सीपीआरओ) पीजे शर्मा ने 19 अगस्त को एक विज्ञप्ति में कहा, पूर्वोत्तर रेलवे बाढ़ से प्रभावित हुआ है और बिहार के किशनगंज, कटिहार और अररिया ज़िलों में कई स्थानों पर उसका नेटवर्क कटा हुआ है. उन्होंने कहा, इन सभी स्थानों पर बहाली कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.
शर्मा ने कहा, इंजीनियरिंग आकलन के अनुसार पूर्ण संपर्क 28 अगस्त से पहले बहाल नहीं हो पाएगा. हालांकि पूर्वोत्तर से रवाना होने या आना चाहने वाले यात्रियों की समस्याएं कम करने और सामान के आवागमन के लिए तत्काल प्रभाव के कुछ कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि कि डालखोला और डिब्रूगढ़ के बीच एक सीधी ट्रेन सेवा शुरू की गई है जो कि वर्तमान में प्रतिदिन डालखोला-गुवाहाटी और गुवाहाटी-डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाली विशेष ट्रेनों के अतिरिक्त है.
19 अगस्त को पुल नंबर तीन के बहाल होने से कटिहार और मालदा से जुड़ने वाले रायगंज से मालदा टाउन और कटिहार के लिए प्रतिदिन ट्रेन सेवा उपलब्ध होगी.
उन्होंने बताया कि किशनगंज स्टेशन पर आवश्यक सामान लादने के लिए सुविधा उपलब्ध करा दी गई है. व्यापारी अब सामान उत्तर बंगाल, असम और बाकी पूर्वोत्तर क्षेत्र में ले जाने के लिए किशनगंज में रैक रखने की मांग रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि स्थिति और नहीं बिगड़ी तो 28 अगस्त तक संपर्क बहाल हो जाएगा.
असम: नदियों के साथ आ रही गाद और रेत की वजह से आ रही बाढ़
गुवाहाटी: राज्य में आई भयानक बाढ़ के बीच 71वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा मचायी जा रही तबाही की बड़ी वजह दूसरे राज्यों की नदियों द्वारा आने वाली गाद और रेत है.
15 अगस्त को गुवाहाटी में हुए आधिकारिक समारोह में राष्ट्रध्वज फहराने के बाद सोनोवाल ने कहा, ब्रह्मपुत्र में आने वाली बाढ़ की मुख्य वजह पड़ोसी राज्यों से नदियों द्वारा लाई जाने वाली गाद और रेत है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र का नदी तल धीरे-धीरे उठ रहा है और उसकी पानी ले जाने की क्षमता कम हो रही है.
सोनोवाल ने कहा कि वर्षा जल में गाद और रेत के आने की मुख्य वजह पड़ोसी राज्यों में वनों में पेड़ों की कटाई है और प्रधानमंत्री के हाल के गुवाहाटी दौरे के दौरान इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि पड़ोसी राज्यों के साथ बात करके इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया जाएगा.
असम में बाढ़ की बिगड़ती स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से 14 अगस्त को बात की थी और राज्य को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया. प्रधानमंत्री ने बीते 13 अगस्त को भी मुख्यमंत्री से बात की थी.
मणिपुर: पूर्व मंत्री के पुत्र की मौत पर बहन ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
नई दिल्ली: मणिपुर के पूर्व शिक्षा मंत्री के बेटे की 12 अगस्त को दक्षिण दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाके में एक रेस्तरां की दूसरी मंजिल से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी.
13 अगस्त को पुलिस ने बताया कि 19 वर्षीय सिद्धार्थ मणिपुर के पूर्व शिक्षा मंत्री एम. ओकेंद्रू के पुत्र हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 अगस्त की शाम करीब 04:10 बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति रेस्तरां की दूसरी मंज़िल से गिर गया है. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
सिद्धार्थ की बहन ने मामले में कुछ गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है. अब तक पुलिस को इस मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला है. घटनाक्रम का पता लगाने के लिए पुलिस सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाल रही है.
असम: मुख्यमंत्री ने कहा, कारोबारियों को प्रताड़ित होने से बचाए मिज़ोरम सरकार
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 16 अगस्त को मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहावला से अपील की कि वह राज्य के लुंगलेई ज़िले में असम के कारोबारियों के व्यवसाय की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं.
सोनोवाल ने लाल थनहावला से फोन पर बातचीत के दौरान पड़ोसी राज्य मिज़ोरम के लुंगलेई ज़िले में असम के कारोबारियों को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के मुद्दे पर चर्चा की.
यहां जारी एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि असम के मुख्यमंत्री ने लाल थनहावला से अपील की कि वह असम के कारोबारियों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए कदम उठाएं और उनकी व्यापारिक इकाइयों को तोड़फोड़ से बचाएं. मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ने सोनोवाल को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.
ऐसी ख़बरें आई थीं कि एक स्थानीय संगठन के कुछ सदस्यों ने लुंगलेई में गैर-मिज़ो समुदाय के लोगों की ओर से चलाई जा रहीं कई दुकानों को जबरन बंद करा दिया था. प्रभावित कारोबारी मुख्यत: असम और अन्य राज्यों के हैं, जो वहां काफी लंबे समय से कारोबार कर रहे हैं.
मिज़ोरम: एनएलयूपी से राज्य में हुआ आर्थिक विकास
आइजोल: मिज़ोरम में कड़ी सुरक्षा के बीच हर्षोल्लास और उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया गया. मुख्यमंत्री लाल थनहवला ने कहा कि नई भूमि उपयोग नीति एनएलयूपी से राज्य में विकास हुआ है.
15 अगस्त को 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद यहां असम राइफल्स मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए लाल थनहवला ने कुछ आलोचकों के उन आरोपों से इनकार किया कि एनएलयूपी एक विफलता है.
उन्होंने कहा, मैं एनएलयूपी के आलोचकों को याद दिलाना चाहता हूं कि संतरा, सुपारी, रबड़ जैसी फसलों और अन्य फसलों को लाभार्थियों की जीविका बनने के लिए नतीजे देने में सात से आठ साल लगते हैं.
पिछले नौ वर्षों से लाल थनहवला सरकार की महत्वपूर्ण योजना एनएलयूपी का मुख्य मकसद राज्य के सभी किसानों को उपयोगी, स्थायी और स्थिर आजीविका उपलब्ध कराना है.
उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों, एनजीओ, चर्चों और आम जनता के साझा प्रयासों से मिज़ोरम देश में सबसे शांतिपूर्ण राज्यों में से एक बना हुआ है.
असम: एनजीटी ने कहा, राज्य सरकार काज़ीरंगा में सेंसर युक्त फाटकों को सुधारे
नई दिल्ली: काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में मारे गए जानवरों पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने असम सरकार को एनिमल कॉरिडोर में लगे सेंसर-संचालित स्वचालित यातायात फाटकों को सुधारने के निर्देश दिए हैं.
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने असम सरकार को एक हलफनामा दाख़िल करने और पीठ को फाटकों के तकनीकी और परिचालन संबंधी पहलुओं के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है.
असम सरकार ने एनजीटी को बताया कि वह भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) द्वारा सेंसर फाटकों पर दिए गए सुझावों को गौर से देखेगी और उचित परामर्श के बाद उन्हें अमल में लाएगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव केवी इयपन इस सुनवाई में मौजूद थे. उन्हें बताया कि डब्ल्यूआईआई ने असम सरकार द्वारा लगाए गए सेंसर फाटकों को सुधारने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.
उन्होंने पीठ को बताया, इनका पालन किया जाएगा और भारतीय वन्यजीव संस्थान से सलाह कर 30 सितंबर 2017 तक सुधार कर लिया जाएगा. इसके बाद वह और अधिक सेंसर फाटक लगाएंगे ख़ासकर उन क्षेत्रों में जिन्हें एनिमल कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है. मामले में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी.
मिज़ोरम: तीन छोटे दलों ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया
आइजोल: मिज़ोरम के तीन छोटे राजनीतिक दलों ने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी गठबंधन किया है.
जेडईएम के संयोजक के. सपदंगा ने 16 अगस्त को बताया कि ज़ोराम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी), मिज़ोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) और हाल ही में गठित ज़ोराम एक्सडस मूवमेंट (जेडईएम) ने गठबंधन किया है.
उन्होंने बताया कि वे उन गैर-राजनीतिक संगठनों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं जिनमें सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और पूववर्ती मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) शासन से असंतुष्ट लोग शामिल हैं.
उन्होंने बताया, हम छह समूहों के साथ बातचीत कर रहे हैं और अगले सप्ताह तक अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. सपदंगा ने कहा कि वे मिज़ोरम में एक गैर-कांग्रेसी और गैर-एमएनएफ सरकार गठित करने के लिए तीसरा मोर्चा बनाना चाहते हैं.
असम: धेमाजी बम धमाके में मारे गए लोगों की याद में शोक दिवस मनाया
गुवाहाटी: साल 2004 में असम के धेमाजी में स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा ले रहे बच्चों एवं अन्य की एक बम धमाके में हुई दर्दनाक मौत की याद में पूरे राज्य में शोक दिवस मनाया गया. असम के सभी ज़िलों और उप-संभागों में हर साल 16 अगस्त को शोक दिवस मनाया जाता है.
एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि असम के मुख्य सचिव वीके पिपरसेनिया ने राज्य सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों को आतंकवाद और हिंसा के सभी कुकृत्यों के ख़िलाफ़ प्रतिज्ञा दिलवाई. धेमाजी बम धमाके में अपनी जान गंवा चुके बच्चों और अन्य की याद में एक मिनट का मौन रखा गया.
साल 2004 में धेमाजी कॉलेज मैदान में उग्रवादी संगठन उल्फा की ओर से किए गए एक बम धमाके में 18 लोग मारे गए थे जबकि कई अन्य घायल हो गए थे. मारे गए लोगों में ज़्यादातर बच्चे, जिनकी उम्र 12-14 साल थी, और उनकी माताएं थीं. ये लोग 2004 में उग्रवादियों की ओर से स्वतंत्रता दिवस समारोह के बहिष्कार के आह्वान के ख़िलाफ़ कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में आए थे.
त्रिपुरा: आकाशवाणी और दूरदर्शन ने मुख्यमंत्री का स्वतंत्रता दिवस भाषण प्रसारित नहीं किया
अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आरोप लगाया है कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित करने से मना कर दिया और कहा कि जब तक वह भाषण को नया रूप नहीं देते, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा.
माणिक सरकार ने इसे अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु कदम क़रार दिया. हालांकि बाद में दूरदर्शन और आकाशवाणी ने इस आरोप का खंडन किया.
सीताराम येचुरी ने माणिक सरकार के भाषण की प्रतियां भी ट्वीट की हैं. माणिक सरकार के भाषण का कुछ अंश इस प्रकार है:
विविधता में एकता भारत की परंपरागत विरासत रही है. धर्म निरपेक्षता के महान मूल्यों की वजह से हम भारतीयों को एक देश के रूप में एकजुट रहने में मदद मिली. लेकिन आज धर्म निरपेक्षता की विचारधारा ख़तरे में हैं.
धर्म, जाति और समुदाय के नाम पर हमारी राष्ट्रीय चेतना पर हमला करने और समाज को बांटने की कोशिशें की जा रही हैं. गाय की रक्षा के नाम पर और भारत को एक ख़ास धर्म वाले देश के रूप परिवर्तित करने के लिए भावनाओं को भड़काया जा रहा है.
अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के लोग ख़तरे में हैं. उनकी सुरक्षा की भावना को ठेस पहुंचाया जा रहा है. उनकी ज़िंदगियां ख़तरे में हैं. इन अपवित्र प्रवृत्तियों और कोशिशों को प्रश्रय नहीं दिया जा सकता. ये विध्वंसकारी कोशिशें स्वतंत्रता आंदोलन के लक्ष्यों, सपनों और आदर्शों के ख़िलाफ़ हैं.
जो लोग आज़ादी की लड़ाई में साथ नहीं थे बल्कि उसे नाकाम करने की कोशिश की, जो नृशंस, क्रूर और लुटेरे अंग्रेजों के गुलामों की तरह रहे, जो राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ रहे, उनके अनुयायी आज भारत की एकता और अखंडता पर हमला कर रहे हैं.
आज हर ईमानदार और देशभक्त भारतीय को एकीकृत भारत के विचार के प्रति प्रतिबद्ध रहने का संकल्प लेना चाहिए ताकि विध्वंसकारी षड्यंत्रों और हमलों की कोशिशों का जवाब दिया जा सके.
दलित और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और हमारे देश की एकता और अखंडता को संरक्षित करने के लिए हमें एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए.
अरुणाचल प्रदेश: खांडू ने अगले पांच सालों में गरीबी और अशिक्षा हटाने पर बल दिया
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे जोश के साथ 71वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया.
15 अगस्त को राष्ट्रध्वज फहराते हुये मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, हमें यह संकल्प लेना होगा कि अगले पांच सालों में जब स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी तब हम गरीबी, अशिक्षा और बेरोज़गारी को ख़त्म कर चुके होंगे.
उन्होंने कहा, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि राज्य का प्रत्येक गांव और रिहाइशी इलाका निश्चित रूप से सड़क से जुड़ा हो और हर गरीब परिवार के पास एक घर हो.
खांडू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने सशस्त्र संघर्ष देखा है और वे सशस्त्र बलों से विशेष रिश्ता साझा करते हैं जो संकट और समृद्धि के वक्त हमारे साथ खड़े होते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
उत्तर पूर्व की कुछ अन्य ख़बरें अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें