सीबीआई के पास जांच के 1,117 मामले लंबित, 18 मामले सात साल से ज़्यादा पुराने: सरकार

पिछले तीन वर्षों में सीआईबी ओर से दो​षसिद्धि की दर की भी जानकारी सरकार ने राज्यसभा में दी है. इसके अनुसार, 2018 में दो​षसिद्धि की दर 68 प्रतिशत, 2019 में दो​षसिद्धि की दर 69.19 प्रतिशत और 2020 में दो​षसिद्धि की दर 69.83 प्रतिशत रही है.

New Delhi: Central Bureau of Investigation (CBI) logo at CBI HQ, in New Delhi, Thursday, June 20, 2019. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_20_2019_000058B)
(फोटो: पीटीआई)

पिछले तीन वर्षों में सीआईबी ओर से दोषसिद्धि की दर की भी जानकारी सरकार ने राज्यसभा में दी है. इसके अनुसार, 2018 में दोषसिद्धि की दर 68 प्रतिशत, 2019 में दोषसिद्धि की दर 69.19 प्रतिशत और 2020 में दोषसिद्धि की दर 69.83 प्रतिशत रही है.

New Delhi: Central Bureau of Investigation (CBI) logo at CBI HQ, in New Delhi, Thursday, June 20, 2019. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_20_2019_000058B)
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास 1,100 से अधिक मामले जांच के लिए लंबित हैं, जिनमें से 18 मामले सात साल से भी अधिक पुराने हैं.

यह जानकारी राज्यसभा को बृहस्पतिवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह दी.

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई द्वारा 31 दिसंबर 2020 तक की जानकारी के अनुसार, सीबीआई के पास जांच के लिए 1,117 मामले लंबित हैं.’

सिंह ने बताया ‘इनमें से जांच के लिए 18 मामले, सात साल से भी अधिक समय से लंबित हैं.’

पिछले तीन वर्षों में सीआईबी ओर से दोषसिद्धि की दर की भी जानकारी दी गई है. इसके अनुसार, 2018 में दोषसिद्धि की दर 68 प्रतिशत, 2019 में दोषसिद्धि की दर 69.19 प्रतिशत और 2020 में दोषसिद्धि की दर 69.83 प्रतिशत रही है.

बीते फरवरी माह में सरकार ने राज्यसभा को बताया था कि 31 दिसंबर 2020 तक सीबीआई के पास 588 ऐसे नियमित मामले थे, जिनकी जांच एक साल से अधिक समय से लंबित थी.

जितेंद्र सिंह ने उच्च सदन को बताया था कि 31 दिसंबर 2019 तक सीबीआई के पास 711 ऐसे नियमित मामले थे, जिनकी जांच एक साल से अधिक समय तक लंबित थी.

उन्होंने बताया था कि 2020 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ ऐसे छह मामले थे. इसके अलावा 2015 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ 20 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक मामला रद्द कर दिया गया था.

इसी तरह 2016 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ 15, 2017 में 15 ऐसे मामले थे और एक मामला रद्द कर दिया गया था. 2018 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ छह मामले और 2019 में ऐसे 14 मामले सीबीआई के पास थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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