बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ़्तार करने का उसे अधिकार देता है. राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों का आरोप है कि सदन में पुलिस ने विपक्षी विधायकों पर हाथ उठाया गया और महिला विधायकों के साथ बदसलूकी की गई.
पटना: पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अराजकता की स्थिति देखने को मिली. स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई.
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था. यह बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने का उसे अधिकार देता है.
विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस ‘काला कानून’ और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किए गए मार्च का नेतृत्व किया. इसका संकेत उन्होंने सुबह में किए गए अपने संवाददाता सम्मेलन में ही दे दिया था.
मंगलवार को तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘आज राम मनोहर लोहिया की जयंती है, जिन्होंने कहा था कि अगर सड़कें खामोश हो जाएं, तो संसद आवारा हो जाती है.’
उन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में उर्दू की कुछ पंक्तियां भी ट्वीट कीं.
अनधिकृत जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर पथराव करने में संलिप्त रहने को लेकर पुलिस तेजस्वी और राजद के अन्य नेताओं को कोतवाली थाना ले गई थी.
वहां से रिहा होने के बाद तेजस्वी वापस विधानसभा में आए, जब सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे फिर से शुरू हुई थी. इससे पहले, सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की जा चुकी थी.
मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा चर्चा के लिए विधेयक को पेश किए जाते ही विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब चले गए, जहां मार्शल पहुंच गए ताकि सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई होने से रोका जा सके.
इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही शाम 4:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और अपने कक्ष के अंदर चले गए, जबकि महागठबंधन के सदस्यों ने इसे चारों ओर से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे.
स्थिति से निपटने में मार्शल को समस्या होने के बारे में पता चलने पर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे.
इस बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने सदन के पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्यवाही बहाल की, लेकिन पूरे सदन में शोरगुल होता रहा.
मंत्री के तौर पर विधानसभा में मौजूद एमएलसी अशोक चौधरी उस वक्त गुस्से में नजर आए, जब विपक्षी सदस्यों ने प्रेम कुमार से कागज छीनने की कोशिश की. दरअसल, चौधरी ने जदयू के साथी विधायकों से अपने पास आने का अनुरोध किया, जब वह अध्यक्ष के आसन के करीब चले गए थे.
राजद के एक विधायक इस दौरान चौधरी के साथ धक्कामुक्की होने पर फर्श पर गिर पड़े. इससे विपक्षी सदस्य गुस्से में आ गए और उन्होंने मेज पर कुर्सी पटक कर उसे (मेज) तोड़ दी.
इसके चलते पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही शाम 5:30 बजे के तक के लिए स्थगित कर दी.
दिन में तेजस्वी के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर तक मार्च करने की कोशिश की, जिस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई.
तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव और कुछ अन्य विधायकों के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता बड़ी तादाद में दिन में जेपी गोलंबर पर एकत्र हुए. वहां से उन्होंने विधानसभा परिसर की ओर मार्च किया, जो करीब तीन किमी दूर है.
तेजस्वी ने मंगलवार सुबह संवाददाता सम्मेलन कर घोषणा की थी कि वह विधानसभा परिसर का घेराव करेंगे, जबकि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल, 2021 विधेयक को लेकर उनकी पार्टी के विधायकों ने सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया हुआ था.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में हाथापाई हुई, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया.
राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों का आरोप है कि सदन में पुलिस ने विपक्षी विधायकों पर हाथ उठाया, साथ महिला विधायकों को जबरन सदन से बाहर निकाला गया.
बिहार विधानसभा में बीते दिन मचे बवाल के कई वीडियो भी सामने आए, जिसमें पुलिसकर्मी विधायकों पर हाथ उठा रहे हैं, साथ ही महिला विधायकों और अन्य लोगों को जबरन उठाकर सदन के बाहर लाया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व मंत्री हमारी महिला विधायक अनिता देवी जी को निर्लज्ज नीतीश कैसे घसीटवा रहे है. इसी क्रम में साड़ी भी खुल जाती है. तुमने आज ये जो चिंगारियां भड़काई हैं, कल यही चिंगारियां तुम्हारे काले काल के काले सुशासन को जला कर भस्म कर देंगी. बिहार हिसाब करेगा और जल्द.’
पूर्व मंत्री हमारी महिला विधायक अनिता देवी जी को निर्लज्ज नीतीश कैसे घसीटवा रहे है। इसी क्रम में साड़ी भी खुल जाती है।
तुमने आज ये जो चिंगारियाँ भड़काई है कल यही चिंगारियाँ तुम्हारे काले काल के काले सुशासन को जला कर भस्म कर देंगी। बिहार हिसाब करेगा और जल्द।#नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/3vpANxSMPZ
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) March 23, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा. सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीके से बदसलूकी की गई और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे. सत्ता आनी-जानी है, लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा.’
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘लोकलाज त्याग चुके लज्जाहीन नीतीश कुमार के आदेश पर हमारी क्रांतिकारी माननीय महिला विधायकों को ब्लाउज से पकड़ कर खींचा गया. उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गई, लेकिन बीजेपी के चरणों में अपमान का आनंद ले रहे मुख्यमंत्री को शर्म नहीं आती.’
लोकलाज त्याग चुके लज्जाहीन नीतीश कुमार के आदेश पर हमारी क्रांतिकारी माननीय महिला विधायकों को ब्लाउज़ से पकड़ कर खींचा गया। उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गयी लेकिन बीजेपी के चरणों में अपमान का आनंद ले रहे CM को शर्म नहीं आती। #नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/9mBSKMQLBF
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
नीतीश कुमार जैसी अनैतिक राजनीति करने वाला C ग्रेड, बेशर्म और अलोकतांत्रिक मुख्यमंत्री पूरे देश में नहीं होगा।
गुंडा सरकार के मुखिया देखिए कैसे 3 लाख लोगों द्वारा निर्वाचित विपक्षी माननीय विधायक को घसीटवा कर अपनी सरकार की गुंडई को प्रदर्शित करवा रहे है।#नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/1GaNPOW4du
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, वहीं बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि बिल को पढ़े बगैर इसके बारे में अफवाह फैलाई जा रही है. अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी. विधानसभा में आज खड़े होकर जो कराया गया वैसा पहले कभी नहीं हुआ. विधानसभा में इस तरह की घटना पहली बार हुई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि विपक्ष इस चर्चा में हिस्सा ले. वह बहस में हिस्सा लेते तो उन्हें पूरी बात बताई जाती. मगर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही ही पूरी तरह से ठप कराने की कोशिश की. अलोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया. अपराध को नियंत्रित करने का जो काम पुलिस का है वह करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलत करेंगे उन पर कार्रवाई भी होगी. विधेयक में इस बात का भी जिक्र है. नए विधायकों को यह मालूम होना चाहिए कि सदन में किस तरह से रहना है. नए विधायकों को ट्रेनिंग की जरूरत है.
आरएसएस-भाजपा मय हुए नीतीश: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘आरएसएस-भाजपा मय’ हो गए हैं.
राहुल ने ट्वीट किया, ‘बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह आरएसएस-भाजपा मय हो चुके हैं.’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है. विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!’
#बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह RSS/BJP-मय हो चुके हैं।
लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।
विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 24, 2021
वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार विधानसभा में सशस्त्र बलों द्वारा विधायकों पर हमला आपराधिक कृत्य है. सड़क पर बेरोजगार युवाओं पर भी जो हमले हुए वो दिखाते हैं कि सत्ता मिलने के बाद भाजपाई सरकारें जनता को क्या समझती हैं. निंदनीय! बिहार में लोकतंत्र पर कातिलाना हमला हुआ है.’
राज्यसभा सदस्य और शिवसेना नेता प्रिंयका चतुर्वेदी ने बिहार विधानसभा में महिला विधायकों के साथ हुए कृत्य की तुलना तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुईं घटनाओं के साथ की.
This disturbing clip is a reminder of how Dr J Jayalalitha was treated in ‘89, Mamta Banerjee in ‘93, Mayawati in ‘95 only to fight head on to make history.
Nothing changes for women who fight their way in politics& face violence for having a voice. pic.twitter.com/cOeVfOWEZM— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) March 24, 2021
बिहार की पूर्व मंत्री और राजद विधायक अनिता देवी का वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह परेशान करने वाला क्लिप मुझे 1989 में डॉ. जयललिता, 1993 में ममता बनर्जी और 1995 में मायावती के साथ हुए व्यवहार की याद दिलाता है, जिन्होंने इतिहास बनाने की लड़ाई लड़ी. राजनीति में जगह बनाना चाहने वाली महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है और आवाज उठाने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)