ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला है. गर्भवती महिला अपने पति के साथ बाइक पर स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जा रही थीं. पति ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन गर्भवती महिला स्वास्थ्य कारणों से हेलमेट नहीं पहने हुई थीं. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए महिला पुलिस अधिकारी ने उन पर जुर्माना लगा दिया था.
मयूरभंज: ओडिशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले में एक महिला पुलिस अधिकारी को हेलमेट चेकिंग के दौरान गर्भवती महिला को 3 किमी पैदल चलने के लिए मजबूर करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया. जिले के एसपी ने कदाचार और अपने कर्तव्य का ठीक से निर्वहन न करने के आरोप में यह कार्रवाई की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मयूरभंज एसपी के एक आदेश के अनुसार, जिले के सरत पुलिस स्टेशन की सब इंस्पेक्टर रीना बक्सल को 28 मार्च से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और बारिपदा मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया. रीना बक्सल को सहायक उप-निरीक्षक बीडी दासमोहापात्रा को पुलिस स्टेशन का प्रभार सौंपने के लिए कहा गया है.
अधिकारी पर एक गर्भवती महिला और उसके पति ने प्रताड़ना का आरोप लगाया है.
रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय गर्भवती महिला गुरुबरी अपने पति बिक्रम बिरुली के साथ बाइक पर स्वास्थ्य जांच के लिए उडाला के अस्पताल जा रही थीं, इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया. बिक्रम ने तो हेलमेट पहन रखा था, लेकिन गर्भवती महिला ने हेलमेट नहीं पहना था.
जब बिक्रम ने कहा कि उनकी पत्नी ने स्वास्थ्य कारणों से हेलमेट नहीं पहना है तो अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं देते हुए ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए मोटर ह्वीकल एक्ट के तहत 500 रुपये का जुर्माना लगाया.
यह भी आरोप है कि रीना बक्सल ने बिक्रम को जुर्माना भरने के लिए पत्नी को मौके पर ही छोड़कर नजदीकी पुलिस स्टेशन जाने के लिए विवश किया. उसके बाद भीषण गर्मी में महिला को भी पुलिस स्टेशन तक तीन किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर किया गया.
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने संबंधित अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बिक्रम ने जुर्माना ऑनलाइन देने का अनुरोध किया था, क्योंकि वह अपने साथ पर्याप्त नकद नहीं ले गया था, लेकिन अधिकारी नहीं मानी और पुलिसकर्मियों को उन्हें पुलिस वाहन में पुलिस स्टेशन ले जाने का आदेश दिया.
पुलिस महिला के पति को सरत पुलिस स्टेशन ले गई. गर्भवती महिला पैदल चलकर पुलिस स्टेशन पहुंची. वहां भी दंपति को तब तक हिरासत में रखा गया, जब तक कि बिक्रम के माता-पिता दंड राशि लेकर नहीं आए.
बिक्रम ने कहा, ‘मैं अपनी पत्नी के लिए डर रहा था क्योंकि वह नौ महीने की गर्भवती है. पुलिस अधिकारी ने हमारे अनुरोध के बावजूद मेरी पत्नी के लिए कोई सहानुभूति नहीं दिखाई.’