मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले का मामला. पुलिस ने मादक पदार्थ ब्राउन शुगर की तस्करी के आरोप में 21 वर्षीय युवक को गिरफ़्तार किया था. परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने युवक की रिहाई के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी. साथ ही ये भी दावा किया कि युवक के शव पर चोट के कई निशान मिले हैं.
मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में मादक पदार्थ ब्राउन शुगर की तस्करी करने के आरोप में पकड़े गए 21 वर्षीय युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में नारकोटिक्स विभाग के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक (नारकोटिक्स) सुनील तिवारी ने रविवार को बताया कि राजस्थान में प्रतापगढ़ के रहने वाले 21 वर्षीय सोहेल खान को शुक्रवार रात को मंदसौर में पकड़ा गया, उसके पास से 90 ग्राम ब्राउन शुगर मिला था. शनिवार सुबह आरोपी नारकोटिक्स शाखा की हिरासत में मृत पाया गया.
एसपी ने बताया कि इस मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसडब्ल्यू नकवी ने उप निरीक्षक राजमहल दायमा, प्रधान आरक्षक पीरुलाल सोनी, आरक्षक प्रशांत कैथवास, दिनेश परमार और कमल पटेल को निलंबित कर मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सोहेल खान के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी रिहाई के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि उनकी मृत्यु के बाद शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए.
इन आरोपों के बाद विभागीय जांच के साथ-साथ मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं.
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया, ‘पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है. मृतक के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे, लेकिन उनके निजी अंगों को चोट पहुंचाने जाने के निशान मिले हैं, जिससे संदेह बढ़ गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.’
पुलिस के अनुसार, उपनिरीक्षक राजमल दायमा, प्रशांत कैथवास और कमल पटेल के साथ 3 अप्रैल को नीमच राजमार्ग पर एक चेकपॉइंट पर सोहेल खान को गिरफ्तार किया था.
उनका आरोप था कि सोहेल के पास 90 ग्राम ब्राउन शुगर मिली थी.
सोहेल खान के भाई इजहार खान ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी के बारे में जानने के बाद परिवार नीमच रोड स्थिति कार्यालय में नारकोटिक्स पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर दायमा से मिलने गया. उन्होंने दावा किया कि उनके वाहन को सड़क पर रोक दिया गया और उन्हें सोहेल खान से मिलने नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘दायमा ने भाई की रिहाई के लिए 50 लाख रुपये की मांग की और हमें अगले दिन पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा गया, लेकिन अगले दिन हमारे पास एक फोन आया कि क्या सोहेल किसी सांस लेने की समस्या से पीड़ित है? हमने उन्हें बताया कि वह एक स्वस्थ व्यक्ति था. उसके बाद हम अस्पताल पहुंचे और उसे मृत पाया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)