बिहार में 1.38 करोड़ और बंगाल में 1.5 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित, यूपी के 2668 गांव चपेट में.
नई दिल्ली: बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है. बिहार में बाढ़ से इस साल अब तक 304 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के 18 जिलों की 1.38 करोड़ आबादी प्रभावित बाढ़ की चपेट में है.
उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 72 तक पहुंच गया है. प्रदेश के 24 बाढ़ प्रभावित जिलों के 2668 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उधर, पश्चिम बंगाल में बाढ़ से 152 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि राज्य में करीब 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और राज्य को बाढ़ के चलते 14000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
बिहार में 1 करोड़ 38 लाख लोग प्रभावित
पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 304 लोगों की मौत होने के साथ 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है.
बिहार में बीते आठ नौ वर्षों में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा पार हो गया है. इसके पहले 2008 में राज्य में बाढ़ से 434 मौतें हुई थीं.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 304 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है.
बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 18 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णयिा, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया प्रभावित हुए हैं.
अररिया में 71 लोग, सीतामढ़ी में 34, पश्चिमी चंपारण में 29, कटिहार में 26, मधुबनी में 22, पूर्वी चंपारण एवं दरभंगा में 19, मधेपुरा में 15, सुपौल में 13, किशनगंज में 11, पूर्णिया एवं गोपालगंज में 99, मुजफ्फरपुर में 7, खगड़िया एवं सारण में 66 तथा शिवहर एवं सहरसा में 44 व्यक्ति की मौत हुई है.
एनडीआरएफ की 28 टीम को 1152 जवानों एवं 118 बोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम को 446 जवानों एवं 92 बोट के साथ और सेना के 630 जवानों को 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में लगाया गया है.
राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने के क्रम में अब तक 7,34,512 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 1346 राहत शिविरों में 3,27,156 व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.
ऐसे व्यक्ति जो राहत शिविरों में नहीं रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक रसोइघर चलाए जा रहे हैं. इस तरह कुल 2219 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं जिसमें 4,81,005 लोगों को भोजन कराया जा रहा है.
सरकार की ओर से बताया गया कि बाढ़ से 18 जिले, 171 प्रखण्ड एवं 1965 पंचायत प्रभावित हुए हैं. वायुसेना के हेलीकाप्टरों द्वारा फूड पैकेट्स की सघन ड्रापिंग की जा रही है.
उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 72 पहुंची
उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 72 तक पहुंच गया है. राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 24 बाढ़ प्रभावित जिलों के 2668 गांव बाढ़ की चपेट में है.
इससे 21 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या 72 तक पहुंच गई है. सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्वी उत्तर प्रदेश के 43 हजार 602 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.
जानकारी के अनुसार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना के हेलीकाप्टर, एनडीआरएफ और पीएसी जवान लगातार राहत और बचाव अभियान में लगे हैं. एनडीआरएफ की 21 कंपनियां, पीएसी की 30 कंपनियां और भारतीय वायु सेना के दो हेलीकाप्टर और सेना के जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की जान बचा रहे हैं.
केंद्रीय जल आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पलिया कला इलाके में शारदा खतरे का निशान पार कर गई है, जबकि घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज, अयोध्या और बलिया के तूतीपार में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. इसी तरह राप्ती, बूढ़ी राप्ती आदि नदियां भी खतरे के निशान के पार बह रही है.
पश्चिम बंगाल में 152 लोगों की जान गई
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में बाढ़ से अबतक 152 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य को बाढ़ के चलते 14000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ममता ने कहा, मैंने सुना है कि केंद्र ने असम को 2000 करोड़ रुपये और गुजरात को भी वित्तीय मदद दी है. मैं चाहती हूं कि हर राज्य को सहायता मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल को हुआ नुकसान गुजरात और असम के नुकसान से कोई कम नहीं है. हम केंद्र को बाढ़ पर संपूर्ण रिपोर्ट भेजेंगे और आशा है कि हमारा जो हक बनता है वह हमें मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हाल की बाढ़ में करीब 152 लोगों की जान चली गई और करीब 1.5 करोड लोग प्रभावित हुए. बाढ़ प्रभावित मालदा, उत्तर दिनाजपुर और दक्षिण दिनाजपुर का दौरा कर चुकीं ममता ने कहा, हमारा प्राथमिक उद्देश्य बचाव एवं राहत है तथा क्षतिग्रस्त मकानों को फिर से ठीक करना है. हमें ट्यूबवेल, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों को संक्रमणमुक्त करना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)