मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले का मामला है. ज़िले के एक गांव में कोरोना संक्रमित युवक को अस्पताल ले जाने को लेकर उसके परिजनों और स्वास्थ्य विभाग के दल के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक कथित वीडियो में युवक के परिवार पर पुलिस डंडे बरसाती नज़र आ रही है. दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया गया है.
खंडवा: कोविड संक्रमित पाए गए 20 वर्षीय एक व्यक्ति को रविवार को उसके घर से अस्पताल ले जाने आए स्वास्थ्यकर्मियोंएवं पुलिसकर्मियों पर उसके रिश्तेदारों ने हमला कर दिया, जिससे तीन पुलिसकर्मी एवं दो स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए.
यह घटना रविवार दोपहर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के छैगांवमाखन थाना क्षेत्र के सिरसोद बंजारी गांव में हुई.
हालांकि घटना के वायरल वीडियो में दो पुलिसकर्मियों को एक व्यक्ति को छड़ों से मारते हुए देखा जा सकता है और शख्स के बचाव में आईं दो महिलाएं भी पिटती हुई नजर आ रही हैं.
खंडवा जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया, ‘ग्राम बंजारी में पहले स्वास्थ्य टीम पर संक्रमित युवक के परिवार द्वारा हमला किया गया. बाद में इसकी सूचना पर पुलिस पहुंची तो उस पर पथराव किया गया.’
इसी बीच छैगांवमाखन थाना प्रभारी जी. कनेल ने बताया, ‘पथराव एवं हमले के कारण उपनिरीक्षक शिवराम पाटीदार, आरक्षक आकाश, उपनिरीक्षक आरडी यादव घायल हुए हैं. इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारी पूर्वा कुशवाह और सुनीता सूर्यवंशी को भी चोट आई है.’
उन्होंने कहा कि पूर्वा कुशवाह की शिकायत पर इस मारपीट को लेकर पांच से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया गया है.
चिकित्सा अधिकारी पूर्वा कुशवाह ने बताया कि ललित कुनबी (20) का शुक्रवार को नमूना लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आई है, उसके बाद वह और स्वास्थ्यकर्मी सुनीता सूर्यवंशी रविवार दोपहर करीब एक से दो बजे के बीच में बंजारी गांव पहुंचे.
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ललित के संक्रमित होने की जानकारी दी और उसे साथ जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा तो परिजन यह कहकर बचाव करते रहे कि पीड़ित की मां आशा कार्यकर्ता है, अत: घर में ही पृथकवास करके अच्छा कर लेंगे. इस बात को लेकर फिर दोनों पक्षों में विवाद हो गया.
कुशवाह ने बताया कि परिजनों ने उनके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया, तब वे जान बचाकर भागे और पुलिस को सूचना दी. उनके अनुसार उन्होंने पुलिस पर भी पथराव किया गया.
इसी बीच, इस घटना का एक वीडियो किसी ने सोशल मीडिया में डाल दिया. इसमें कोरोना पीड़ित परिवार पर पुलिस डंडे बरसाती नजर आ रही है.
क्षेत्रीय भाजपा विधायक राम दांगोरे ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है.
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि इस वीडियो के आने के बाद छैगांवमाखन थाना प्रभारी जी. कनेल एवं आरक्षक आकाश को लाइन हाजिर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक ललित गठरे करेंगे.
सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित पाए गए युवक को घर में ही पृथक-वास किया गया है.
ऑउटलुक के मुताबिक इस मामले में पुलिसकर्मियों ने पीड़ित के परिजनों से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
वायरल वीडियो को लेकर पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने दोषी थाना प्रभारी और आरक्षक को निलंबित कर दिया है. पुलिस द्वारा मारपीट के वीडियो को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शेयर करते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा है.
शिव’राज नहीं, मध्यप्रदेश में राक्षस राज है:
खंडवा ज़िले के बंजारी गाँव में शिव’राज की लाठियाँ कोरोना से पीड़ित परिवार के महिला एवं पुरूष सदस्यों पर बरस रही है।
शिवराज जी,
यदि जनता ने ये लाठियाँ अपने हाथ ले ली,
तो ग़द्दारों की बैशाखी पर टिका तुम्हारा रावण राज एक पल नहीं बचेगा। pic.twitter.com/PUhblUKNG3— MP Congress (@INCMP) April 11, 2021
पार्टी ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज नहीं, मध्य प्रदेश में राक्षस राज है. खंडवा जिले के बंजारी गांव में शिवराज की लाठियां कोरोना से पीड़ित परिवार के महिला एवं पुरुष सदस्यों पर बरस रही है. शिवराज जी, यदि जनता ने ये लाठियां अपने हाथ ले ली, तो गद्दारों की बैशाखी पर टिका तुम्हारा रावण राज एक पल नहीं बचेगा.’
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह अमानवीयता, बर्बरता है.
बहन- बेटियों – बुजुर्गों पर इस तरह से लाठियाँ ?
इसके पूर्व इंदौर में भी इस तरह के दृश्य हमने देखे है ?
इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।
इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिये सरकार दिशा- निर्देश जारी करे।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 11, 2021
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बहन-बेटियों, बुजुर्गों पर इस तरह से लाठियां? इसके पूर्व इंदौर में भी इस तरह के दृश्य हमने देखे हैं? इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सरकार दिशा-निर्देश जारी करे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)