हरिद्वार: शाही स्नान में न थर्मल स्क्रीनिंग, न कोविड नियमों का पालन, कोरोना पॉज़िटिव मिले 102 लोग

हरिद्वार में कुंभ मेले में सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख के क़रीब श्रद्धालु पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.

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कुंभ मेले के दौरान 11 अप्रैल 2021 को हर की पौड़ी घाट. (फोटो: पीटीआई)

हरिद्वार में कुंभ मेले में सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख के क़रीब श्रद्धालु पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.

कुंभ मेले के दौरान 11 अप्रैल को हर की पौड़ी घाट (फोटो: पीटीआई)
कुंभ मेले के दौरान 11 अप्रैल को हर की पौड़ी घाट (फोटो: पीटीआई)

हरिद्वार/देहरादून: देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच कुंभ मेले को शुरू हुए बारह दिन हो चुके हैं और अब तक उत्तराखंड सरकार महामारी से बचाव के सामान्य उपाय जैसे थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क के अनवार्य इस्तेमाल को सही से लागू नहीं कर सकी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में करीब 28 लाख श्रद्धालु आए थे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक इनमें से 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.

इस अख़बार द्वारा 48 घंटों से अधिक समय में रेलवे स्टेशन से लेकर हर की पौड़ी और विभिन्न घाटों समेत 10 किलोमीटर के क्षेत्र में दौरा किया गया, जहां कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं थी और अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा मास्क न पहने लोगों की पहचान किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.

कुंभ में जाने के लिए कोविड-19 की आरटी-पीसीआर टेस्ट द्वारा की गई नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है. अख़बार ने विभिन्न चेकपॉइंट्स पर 50 से अधिक लोगों की गिनती की, जिनसे ये रिपोर्ट मांगी गई थी, हालांकि 15 के पास रिपोर्ट नहीं थी लेकिन उन्हें जाने दिया गया.

मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले एक सरकारी शिक्षक राजप्रताप सिंह सोमवार की सुबह कार से हरिद्वार पहुंचे थे, जिन्होंने बताया कि यूपी की सीमा पर नारसन चौकी पर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट चेक की गई थी, लेकिन मेला क्षेत्र में किसी ने इसके बारे में नहीं पूछा न ही थर्मल स्क्रीनिंग ही हुई.

इसी तरह जम्मू के रहने वाले एक कारोबारी प्रमोद शर्मा इसी दिन सुबह ट्रेन से हरिद्वार पहुंचे लेकिन उनके पास आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं थी. उन्होंने बताया, ‘यात्रियों से हरिद्वार से तीन किलोमीटर पहले ज्वालापुर स्टेशन पर उतरने को कहा गया था, लेकिन वहां बहुत सारे यात्री थे और किसी ने भी ऐसी रिपोर्ट के बारे में नहीं पूछा. बाद में हम सबने गौ घाट पर गंगा स्नान किया. कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हुई.’

कुंभ मेले के कोविड इंचार्ज डॉ. अविनाश खन्ना हैं, जिन्होंने बताया, ‘रेलवे स्टेशन, राज्य की सीमाओं और घाट क्षेत्रों में थर्मल स्क्रीनिंग और रैपिड-एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं. सोमवार की सुबह घाट अखाड़ों के लिए रिजर्व्ड किए गए थे इसलिए टेस्ट और स्क्रीनिंग नहीं हुए. अखाड़ों के स्नान के बाद ये फिर से होंगे.’

कुंभ मेले के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजय गुंज्याल ने कहा कि किसी एक जगह पर भीड़ इकठ्ठा होने के डर से सोमवार को थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हुई और न ही मास्क के लिए चालान काटे गए.

गुंज्याल ने सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था, ‘हम लोगों से लगातार कोरोना नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन अत्यधिक भीड़ होने की वजह से आज व्यावहारिक रूप से चालान काटना संभव नहीं है. घाटों पर सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करना बहुत मुश्किल है. अगर हम घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कराने की कोशिश करेंगे तो भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए हम यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करा पाएंगे.’

एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘सोमवार को हमारा पूरा ध्यान भीड़ को मैनेज करने पर ही था इसीलिए घाटों के पास स्क्रीनिंग और टेस्ट नहीं किए गए.’

इससे पहले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्रकारों से वर्चुअली बात की थी और  कुंभ मेले में कोविड-19 को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के पालन की बात कही थी.

दैनिक जागरण के अनुसार, उनका कहना था, ‘महामारी के दौर में विपरीत परिस्थितियों के बीच कुंभ के आयोजन की चुनौती सरकार ने स्वीकार की. मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. संत समाज और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं.’

उल्लेखनीय है कि महाकुंभ में शिरकत करने के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में सभी अखाड़ों के साधु-संत हरिद्वार पहुंचे हैं. इस बीच शाही स्नान से ठीक पहले रविवार को हरिद्वार में सर्वाधिक 401 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

इनमें साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित जूना अखाड़े के करमा गिरि और जूना अखाड़े के नितिन गिरि भी शामिल हैं. नए मामलों को मिलाकर निरंजनी अखाड़े और जूना अखाड़े के कुल नौ संत कोरोना संक्रमित हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शाही स्नान के दौरान मेला स्वास्थ्य अधिकारियों ने 9,678 लोगों की कोविड जांच की जिनमें से 26 कोरोनावायरस संक्रमित मिले.

इस संबंध में पूछे जाने पर मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि शाही स्नान के दौरान कोविड दिशानिर्देशों का अनुपालन करवाने का पूरा प्रयास किया गया हालांकि श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या के कारण इसका पूर्ण अनुपालन संभव नहीं था.

कोविड 19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ का यह दूसरा शाही स्नान था. इससे पहले एक मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ का पहला शाही स्नान था. अगला शाही स्नान 14 अप्रैल को होगा.

उत्तराखंड में सोमवार को और 1,334 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होने से महामारी के मामले बढ़कर 1,10,146 हो गये जबकि सात अन्य लोगों ने इस बीमारी के चलते दम तोड़ दिया.

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों में सर्वाधिक 554 देहरादून जिले में सामने आए जबकि हरिद्वार में 408, नैनीताल में 114 और उधमसिंह नगर में 89 मरीज मिले.

प्रदेश में सात और कोविड मरीजों की मौत हो गयी. अब तक महामारी से 1767 मरीज जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में  उपचाराधीन रोगियों की संख्या 7,846 है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)