महाराष्ट्र: 15 दिन की पाबंदी की घोषणा के बाद मुंबई के स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़

मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है. महाराष्ट्र सरकार ने महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 14 अप्रैल रात आठ बजे से 15 दिनों के राज्यव्यापी प्रतिबंधों की घोषणा की है. सरकार ने फिल्म और टीवी शूटिंग पर रोक लगा दी है.

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लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन के बाहर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़. (फोटो: रॉयटर्स)

मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है. महाराष्ट्र सरकार ने महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 14 अप्रैल रात आठ बजे से 15 दिनों के राज्यव्यापी प्रतिबंधों की घोषणा की है. सरकार ने फिल्म और टीवी शूटिंग पर रोक लगा दी है.

लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन के बाहर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़. (फोटो: रॉयटर्स)
लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन के बाहर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़. (फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई/औरंगाबाद: कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक आवागमन पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस  स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के बाहर सैकड़ों लोग लगातार देखे जा रहे हैं.

मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है.

रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है.

महाराष्ट्र में बीते मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 60,212 नए मामले सामने आए है और 281 लोगों की मौत हुई थी. भारत में महाराष्ट्र इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. यहां अब तक इस वायरस से 58,526 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 35.19 लाख से अधिक हो गए है.

कोविड-19 की अप्रत्याशित लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अगले 15 दिन के लिए कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध या आंशिक लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी.

आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक पाबंदियां जारी रहेंगी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू रहेगी.

मध्य रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘केवल उन यात्रियों को विशेष ट्रेन पर चढ़ने की अनुमति है जिनके पास पहले से आरक्षित टिकट है और उन्हें ट्रेन के खुलने के समय से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा.’

उन्होंने कहा कि मध्य रेलवे ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची और किसी खास गंतव्य स्थान के लिए टिकट की मांग पर लगातार नजर रख रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) स्टेशन भी प्रवासी मजदूरों से भरा हुआ है. तमाम लोगों को लग रहा था कि लॉकडाउन होगा. ऐसे लोगों ने अपने गृहनगरों के लिए रिजरवेशन करा लिया था. पिछले साल के अनुभवों के डर से जनरल टिकट लेने के लिए तमाम लोगों को स्टेशन में घुसने की कोशिश करते देखा गया.

हालांकि हर दिन, मध्य रेलवे (सीआर) और पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) उत्तर भारतीय राज्यों के लिए ट्रेनों की संख्या में वृद्धि कर रहे हैं, उसके बावजूद मंगलवार रात तक 2,000 से अधिक लोग प्रतीक्षा सूची में थे.

ट्रेन के लिए रिजरवेशन करा चुके वाले सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों को मंगलवार देर रात लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए सीएसएमटी स्टेशन पर इंतजार करते देखा गया. उनमें से अधिकांश पिछले साल के अनुभव के दोहराव के डर से घर लौटने की कोशिश कर रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जनसंपर्क अधिकारी सुतार ने कहा, ‘बुधवार को 10 ट्रेनें उत्तर भारतीय राज्यों की ओर रवाना हो रही हैं. इन ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची में हजार से 1500 लोग शामिल हैं. प्रतीक्षा सूची के आधार पर हम अतिरिक्त ट्रेनें चला रहे हैं.’

प्रवासी श्रमिक बसों से भी जा रहे हैं, लेकिन अधिकांश 1500 के ट्रेनों के आरक्षित टिकट का इंतजार करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि बस यात्रा तकरीबन 5,000 रुपये की है.

महाराष्ट्र में 14 अप्रैल से 15 दिन की कर्फ्यू जैसी पाबंदी

महाराष्ट्र सरकार ने महामारी के बढ़ते प्रकोप पर गौर करते हुए 14 अप्रैल रात आठ बजे से 15 दिनों के राज्यव्यापी प्रतिबंधों (आंशिक लॉकडाउन) की घोषणा की है, जो कर्फ्यू जैसे होंगे.

संक्रमण के मामले चिंताजनक तरीके से बढ़ने के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार ने 14 अप्रैल से 15 दिनों का राज्यव्यापी कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों लगाने की मंगलवार को घोषणा की.

उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए वह पश्चिम बंगाल से या पूर्वोत्तर राज्यों से ऑक्सजीन की आपूर्ति करने के लिए सैन्य विमान भेजें.

ठाकरे ने राज्य के लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार की रात आठ बजे से कर्फ्यू शुरू होगा और आवश्यक सेवाओं को इससे छूट दी गई है.

ठाकरे ने कहा कि ‘लॉकडाउन की तरह’ पाबंदियां लागू रहने तक आपराधिक दंड प्रक्रिया की धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू रहेगी.

हालांकि, उन्होंने नई पाबंदियों को लॉकडाउन नहीं कहा.

ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जारी निषेधाज्ञा के चलते राज्य सरकार अगले एक महीने तक हर गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्ति को तीन किलोग्राम गेहूं और दो किलोग्राम चावल नि:शुल्क मुहैया कराएगी.

स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि महाराष्ट्र में अभी कोविड-19 के 5,93,042 मरीजों का इलाज चल रहा है.

मुंबई में 7,873 नए मामले सामने आए और 27 मरीजों की मौत हो गई है.

महाराष्ट्र में मंगलवार दिन में 31,624 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई. इसके साथ ही अब तक कुल 2,866,097 मरीज इस रोग से उबर चुके हैं.

राज्य के मुंबई संभाग में मंगलवार को 16,596 नए मामले सामने आए और 46 मरीजों की मौत हो गई, जबकि नासिक संभाग में 8650 नए मामले सामने आए. पुणे संभाग में 12,372 नए मामले, कोल्हापुर संभाग में 1528 नए मामले, औरंगाबाद संभाग में 3,333, लातूर संभाग में 5210, अकोला संभाग में 1430 और नागपुर संभाग में 11,093 नए मामले सामने आए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति और बिस्तरों की कमी है और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र को वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल कर राज्य में कोरोना वायरस के रोगियों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में मदद करनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध एक बार फिर शुरू हो गया है.’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी होने से महाराष्ट्र के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव काफी बढ़ गया. ठाकरे ने कहा कि अभी स्पष्ट नहीं है कि सक्रमण की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच चुकी है या नहीं.

महाराष्ट्र सरकार ने फिल्म और टीवी शूटिंग पर रोक लगाई

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि कोरोना वायरस के मामलों पर रोक लगाने से जुड़े दिशानिर्देशों के तहत बुधवार शाम से राज्य में फिल्मों, टीवी सीरियलों एवं विज्ञापनों की शूटिंग स्थगित रहेगी.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा घोषित ‘ब्रेक द चेन’ आदेश के तहत राज्यभर में बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक दिशानिर्देश प्रभाव में रहेंगे.

वर्तमान आदेश से उन शूटिंगों पर रोक लग गई है जो बार-बार कोविड जांच और भीड़ वाले दृश्यों से बचने जैसे एहतियातों के साथ चल रही थीं.

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला एक ‘बड़े झटके’ के तौर पर आया है.

तिवारी ने कहा, ‘हमें काम करने देना चाहिए. फिल्म एवं टीवी शूटिंग पूर्ण एहतियात और सभी सरकारी निर्देशों के अनुपालन के साथ की जाती है, लेकिन शूटिंग पर पूर्ण रोक झटका है. हम मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की योजना बना रहे हैं, जिसमें हम उनसे शूटिंग की अनुमति देने का अनुरोध करेंगे.’

उनके अनुसार मेगास्टार अमिताभ बच्चन की ‘गुडबाय’, शाहरुख खान की ‘पठान’ और सलमान खान की ‘टाइगर 3’ समेत कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग प्रभावित होगी.

इंडियन फिल्म्स एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल की टीवी एवं वेब विंग के अध्यक्ष जेडी मजेठिया ने कहा कि संगठन आदेश का पालन करेगा, लेकिन वह मुख्यमंत्री से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करेगा.

फडणवीस ने कहा, राहत दी जाएं और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा राज्य में 15 दिन के कर्फ्यू की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को बिजली बिलों, संपत्ति कर और जीएसटी में छूट देनी चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने बिजली के बिलों, संपत्ति कर या जीएसटी में कोई छूट नहीं दी है. इसी तरह सैलून संचालकों, छोटे कारोबारियों, फूल विक्रेताओं आदि के लिए कोई वित्तीय सहायता की घोषणा नहीं की गई है. ये अहम श्रमबल हैं जिनके पास कमाई के साधन नहीं होंगे.’

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 3,300 करोड़ रुपये के आरक्षित कोष का तत्काल उपयोग करना चाहिए. इसका इस्तेमाल और अधिक बिस्तरों के बंदोबस्त तथा चिकित्सा उपकरणों की खरीद में होना चाहिए.’

टैक्सी चालकों ने पाबंदियों के चलते ईएमआई को स्थगित करने की मांग की

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में टैक्सी मालिकों और चालकों ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई सख्त पाबंदियों के मद्देनजर अपने वाहनों पर लिए कर्ज की ईएमआई को कुछ समय के लिए रोकने की मांग की है.

औरंगाबाद में टैक्सी मालिकों और चालकों के एक संगठन ‘जय संघर्ष वाहन चालक संगठन’ ने मंगलवार को औरंगाबाद जिलाधीश को दिए ज्ञापन में कहा कि राज्य में महामारी के मद्देनजर पर्यटक और धार्मिक स्थल बंद हैं तथा इससे उनकी आमदनी पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘हमारी आय पर नकारात्मक असर के कारण हम पहले ही परेशानियों का सामना कर रहे हैं. हमने वाहन खरीदने के लिए कर्ज लिया था और बैंक इसका भुगतान करने की मांग कर रहे हैं जिसके कारण हम बहुत तनाव में हैं.’

संगठन के अध्यक्ष संजय हलनूर ने कहा कि टैक्सी मालिक और चालक चाहते हैं कि स्थिति सामान्य होने तक ईएमआई स्थगित की जाए.

उन्होंने कहा, ‘बैंकों को कोविड-19 संबंधित पाबंदियों के दौरान हम पर जुर्माना नहीं लगाना चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)